कल्पना कीजिए… आप किसी देश की सैर पर जा रहे हैं, जहां की सड़कें आपको मोहक लगती हैं, जहां की इमारतें आपको इतिहास सुनाती हैं, और जहां का खानपान आपके स्वाद को नए आयाम देता है। लेकिन अचानक खबर आती है कि उसी देश के हथियार—ड्रोन—भारत पर हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल हुए हैं।
जिस देश में आपने लाखों रुपए खर्च कर Tourism किया, वही देश अब भारत के दुश्मन का साथ दे रहा है। और अब सवाल खड़ा होता है—क्या हमें ऐसे देश का Tourism करना चाहिए जो हमारी पीठ पर छुरा घोंपता है? ये कहानी है Turkey की—एक ऐसा देश जो भारत से पैसे तो कमा रहा है, लेकिन पाकिस्तान को ड्रोन देकर भारत पर हमला भी करवा रहा है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
तुर्की का ये दोहरा चरित्र अब खुलकर सामने आ चुका है। एक तरफ भारतीय सैलानी हर साल करोड़ों रुपये Turkey की अर्थव्यवस्था में डालते हैं, दूसरी ओर वही Turkey पाकिस्तान को घातक ड्रोन देकर भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहा है। हाल ही में पाकिस्तान की ओर से हुए ड्रोन हमले में, जो भारत की सीमा के पास हुआ, Turkey के ड्रोन इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई है। यह सिर्फ तकनीकी मदद नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी है—जो भारत के लिए सीधी चुनौती है।
भारत-पाक तनाव के बीच जब भारत में गुस्से की लहर दौड़ रही है, तब भारतीय टूरिज्म इंडस्ट्री ने भी मोर्चा संभाल लिया है। अब भारत की बड़ी ट्रैवल कंपनियों ने Turkey, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों के ट्रैवल पैकेज बंद कर दिए हैं। कॉक्स एंड किंग्स, ईजमाईट्रिप, ट्रैवोमिंट जैसी बड़ी कंपनियों ने साफ-साफ कहा है—इन देशों के लिए कोई नई बुकिंग नहीं होगी। और जिन लोगों ने पहले से टिकट या पैकेज लिए हैं, उन्हें कैंसल करने की सलाह दी जा रही है।
इस बहिष्कार की शुरुआत तब हुई जब यह सामने आया कि Turkey न सिर्फ पाकिस्तान के साथ खड़ा है, बल्कि उसके आतंकवाद समर्थक एजेंडे में भी मददगार है। ट्रैवोमिंट के CEO आलोक सिंह ने साफ कहा कि भारत के लोगों का गुस्सा जायज़ है और कंपनी इस बहिष्कार को नैतिक समर्थन देती है। उन्होंने ये भी कहा कि Turkey और अजरबैजान के लिए सभी ट्रैवल पैकेज तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं।
कॉक्स एंड किंग्स के डायरेक्टर करण अग्रवाल ने भी यही रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए कंपनी ने इन देशों के लिए सभी बुकिंग को स्थगित कर दिया है। यह फैसला केवल बिज़नेस का नहीं, बल्कि एक देशभक्ति का भी है। जब कोई देश हमारे दुश्मन का साथ दे, तो उससे दूरी बनाना जरूरी हो जाता है।
ईजमाईट्रिप ने भी X पर एक एडवाइजरी जारी कर यात्रियों से अपील की है कि वे Turkey, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान की यात्रा से बचें। इन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट किया है। ऐसे में वहां घूमने जाना केवल पैसे का नुकसान नहीं, बल्कि देश के स्वाभिमान के साथ समझौता होगा।
लेकिन सवाल उठता है—क्या Turkey भारत से वाकई इतना कमा रहा है? जवाब है—हां, और बहुत ज्यादा। सिर्फ 2024 में करीब 3 लाख भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की। हर Tourist औसतन करीब 1000 डॉलर यानी लगभग 85,000 रुपये खर्च करता है। यानी तुर्की को भारत से अकेले Tourism से 255 करोड़ रुपये की कमाई हुई। यही नहीं, अजरबैजान में भी करीब 2.5 लाख भारतीय Tourist गए और 214 करोड़ रुपये वहां की अर्थव्यवस्था में पहुंचे।
दोनों को मिला लें तो सिर्फ एक साल में इन देशों को भारत से करीब 469 करोड़ रुपये का सीधा लाभ हुआ। और ये वही देश हैं जो पाकिस्तान के आतंकवाद का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। भारत के खिलाफ इस्तेमाल हो रहे ड्रोन Turkey के हैं, और भारत के Tourist वहीं जाकर तुर्की की जीडीपी को मज़बूत कर रहे हैं। यह विरोधाभास अब स्वीकार्य नहीं।
इसलिए जब ट्रैवल कंपनियों ने बहिष्कार का ऐलान किया, तो लाखों लोगों ने उसका स्वागत किया। सोशल मीडिया पर “#Boycott Turkey” और “#Stop Funding Enemies” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोग खुलकर कहने लगे कि Turkey जैसे देश जो हमारे दुश्मनों का साथ देते हैं, उन्हें एक भी रुपया नहीं मिलना चाहिए। यही नहीं, कई यूज़र्स ने अपने बुक किए गए ट्रिप्स कैंसल भी कर दिए और स्क्रीनशॉट शेयर कर यह संदेश दिया कि भारत अब जाग गया है।
कुछ लोगों का तर्क है कि “Tourism तो निजी मामला है, इसे राजनीति से क्यों जोड़ें?” लेकिन जब किसी देश की सरकार खुलकर भारत के दुश्मन को समर्थन दे रही हो, और वही देश हमारे देश से करोड़ों कमा रहा हो—तो क्या यह सिर्फ निजी मामला रह जाता है? नहीं, यह राष्ट्रीय अस्मिता का सवाल बन जाता है। हर भारतीय को यह सोचना होगा कि उसका पैसा कहां जा रहा है, और किसकी जेब में भरकर किसके खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है।
एक तरफ भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात करती है, “वोकल फॉर लोकल” की अपील करती है, वहीं अगर हम अपने Tourism के ज़रिए किसी ऐसे देश को मज़बूत कर रहे हैं जो हमारी सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है, तो ये हमारी चेतना का प्रश्न है। हमें उन देशों में निवेश करना चाहिए जो भारत के साथ खड़े हैं, ना कि उनके साथ जो हमारे खिलाफ खड़े हैं।
तुर्की का पाकिस्तान प्रेम नया नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर Turkey ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भी तुर्की ने भारत के खिलाफ बयान दिए हैं। यहां तक कि राष्ट्रपति एर्दोगान खुले मंचों पर पाकिस्तान को समर्थन देने की बात करते हैं। और अब जब युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं, तुर्की का पाकिस्तान को हथियार देना इस रणनीति का हिस्सा बन गया है।
उज्बेकिस्तान और अजरबैजान भी इसी लाइन पर चलते नजर आ रहे हैं। अजरबैजान ने हाल ही में पाकिस्तान के लिए अपनी सैन्य मदद की बात स्वीकार की थी। और अब जब भारत ने सख्ती दिखाई है, तो इन देशों की पोल खुल रही है। भारतीय जनता अब समझ रही है कि दुनिया में दोस्ती और दुश्मनी सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि व्यापार और सहयोग में भी झलकती है।
यही वजह है कि अब एक नया आंदोलन शुरू हो रहा है—आर्थिक राष्ट्रवाद का। भारत सिर्फ सीमा पर ही नहीं, अपनी जेब से भी युद्ध लड़ने को तैयार है। अब वो दौर नहीं रहा जब लोग चुपचाप रहते थे। आज का भारतीय जानता है कि उसका हर खर्च, हर निर्णय और हर यात्रा—देश की शक्ति या कमजोरी बन सकती है।
और यही समय है समझने का कि हम सिर्फ सैलानी नहीं, बल्कि राष्ट्रदूत भी हैं। हम जहां भी जाएं, जो भी खर्च करें, वह देश की छवि और नीति का हिस्सा बनता है। और ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम उन देशों को ही प्राथमिकता दें, जो हमारी संस्कृति, हमारी सुरक्षा और हमारे स्वाभिमान का सम्मान करें।
अब जब भारत की ट्रैवल इंडस्ट्री ने पहला कदम उठाया है, तो हर भारतीय से यही उम्मीद है कि वह इस बहिष्कार को सफल बनाए। क्योंकि यह सिर्फ एक ट्रिप का सवाल नहीं, यह भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी है। भारत जब भी एकजुट होता है, इतिहास बदलता है। और अब वह समय आ गया है।
तो अगली बार जब कोई आपको Turkey, अजरबैजान या उज्बेकिस्तान की ट्रिप का ऑफर दे, तो उससे पहले एक बार अपने फौजियों की आंखों में झांकिए, जो सीमा पर खड़े हैं। सोचिए, क्या हम उन देशों में छुट्टियां मना सकते हैं जो उन्हीं जवानों पर हमला करने वालों का साथ दे रहे हैं? इसलिए अब फैसला आपका है—घूमने जरूर जाएं, लेकिन सोच-समझकर। दुनिया में बहुत सी खूबसूरत जगहें हैं जो भारत से प्रेम करती हैं।
Conclusion
अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”