शाम के समय जब Jyoti Malhotra के यूट्यूब चैनल पर एक नया ट्रैवल व्लॉग अपलोड होता था, हजारों लोग उसकी मुस्कुराती हुई सेल्फी और रोमांचक बैकग्राउंड को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते थे। कोई नहीं सोच सकता था कि वही लड़की जो कैमरे के सामने भारत के पहाड़ों, नदियों और मंदिरों की शान दिखा रही है, असल जिंदगी में पाकिस्तान की आंखें और कान बनी हुई थी।
यह कहानी है एक ऐसे छल की, जिसने न सिर्फ इंटरनेट की दुनिया को चौंका दिया बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी सकते में डाल दिया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आज की दुनिया में जासूसी सिर्फ बंदूक या खुफिया दस्तावेजों तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह यूट्यूब, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने लगी है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
हरियाणा के हिसार से आने वाली Jyoti Malhotra कभी गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में काम करती थी। कोरोना महामारी के दौरान उसकी नौकरी चली गई और उसने ट्रैवल ब्लॉगिंग को अपना करियर बना लिया। उसके चैनल “ट्रैवल विद जो” ने यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स बटोरे और वह जल्दी ही एक लोकप्रिय कंटेंट क्रिएटर बन गई।
लेकिन 2023 में जब उसने पाकिस्तान की यात्रा की, वहीं से उसके जीवन की दिशा बदली और उसने देश के दुश्मनों के साथ गुप्त रिश्ते बना लिए। यह कदम उसने सिर्फ करियर के विस्तार या एक व्लॉगर के रूप में अनुभव लेने के लिए नहीं उठाया था, बल्कि उसके पीछे एक ऐसा मकसद छुपा था जो धीरे-धीरे भारत की सुरक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता था।
पाकिस्तान यात्रा के दौरान Jyoti Malhotra का संपर्क पाक उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुआ। शुरुआत में यह एक सामान्य औपचारिक बातचीत लगी, लेकिन धीरे-धीरे यह रिश्ता एक खतरनाक मोड़ ले गया।
दानिश ने न केवल उसके व्लॉग्स की सराहना की बल्कि उसे पाकिस्तान के सिस्टम से जोड़ दिया, जिसके जरिए वह भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने और भेजने का काम करने लगी। यह सारा नेटवर्क इतना पेशेवर तरीके से बनाया गया था कि ज्योति के परिवार और दोस्तों को भी इस पर यकीन नहीं हो पा रहा है। Jyoti Malhotra ने यह सब एक ऐसी चुप्पी में किया जो किसी को भनक तक नहीं लगने देती।
Jyoti Malhotra अकेली नहीं थी। इसी गिरोह में एक और अहम नाम सामने आया—गुज़ाला। पंजाब के मलेरकोटला की रहने वाली 32 वर्षीय विधवा महिला, जो अपने पति की मौत के बाद जीवन को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही थी। गुज़ाला ने 27 फरवरी, 2025 को पाकिस्तान वीजा के लिए आवेदन किया और वहीं दानिश से मिली।
कुछ ही हफ्तों में दानिश ने उसे प्रेम प्रस्ताव, शादी के वादे और भरोसे के लुभावने शब्दों के ज़रिए अपने जाल में फंसा लिया। इसके बाद गुज़ाला से भी वही करवाया जाने लगा जो Jyoti Malhotra से—देश की जड़ें कमजोर करने वाली जासूसी। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि दुश्मन एजेंट किस तरह भावनात्मक रूप से कमजोर लोगों को चुनते हैं और उन्हें अपना हथियार बना लेते हैं।
जैसे-जैसे दानिश और गुज़ाला का संपर्क बढ़ता गया, वैसे-वैसे व्हाट्सएप से टेलीग्राम, और फिर स्नैपचैट तक बातचीत के रास्ते बनते गए। दानिश ने गुज़ाला को टेलीग्राम पर ले जाने का तर्क दिया कि यह सुरक्षित है। यह वही रणनीति थी जो वह Jyoti Malhotra के साथ भी अपना चुका था। धीरे-धीरे उसने गुज़ाला को पैसों का लालच देना शुरू कर दिया। 7 मार्च को फोनपे से 10,000 रुपये, फिर गूगल पे से 20,000 रुपये और बाद में कई छोटे ट्रांजेक्शनों के ज़रिए और पैसे भेजे गए। यह पैसा सिर्फ एक रिश्ता निभाने के लिए नहीं, बल्कि एक खतरनाक काम के लिए था—जिसे गुज़ाला भी समझ चुकी थी, लेकिन शायद अब बहुत देर हो चुकी थी।
जांच में सामने आया कि Jyoti Malhotra और गुज़ाला दोनों ही व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से पाकिस्तान के एजेंटों से जुड़ी थीं। राणा शाहबाज़, जिन्हें ज्योति ने अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव कर रखा था, उन्हीं में से एक था। ये एजेंट भारत से संवेदनशील जानकारियां हासिल करने के बाद उन्हें पाकिस्तान भेजते थे, और बदले में इन जासूसों को अच्छी खासी रकम दी जाती थी। यह नेटवर्क कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें हरियाणा से लेकर पंजाब तक कई संपर्क सूत्र थे, जो एक सुनियोजित तरीके से कार्यरत थे।
अब सवाल ये उठता है कि इतनी लोकप्रिय यूट्यूबर होने के बावजूद, Jyoti Malhotra ने देश के खिलाफ साजिश क्यों की? दरअसल, Jyoti Malhotra की यूट्यूब कमाई अच्छी चल रही थी। वह हर महीने लगभग 1.5 लाख रुपये यूट्यूब से कमा रही थी, जिसमें विज्ञापन रेवेन्यू, स्पॉन्सरशिप डील्स, होटल प्रमोशन्स और ट्रैवल गियर ब्रांड्स शामिल थे। लेकिन यहीं पर पाकिस्तान ने ज्यादा लालच दिया। हर एक संवेदनशील जानकारी के बदले उसे मोटी रकम दी जाती थी, जो यूट्यूब कमाई से कहीं अधिक थी। और यहीं पर उसने वो रास्ता चुना जो अंत में जेल की सलाखों तक ले गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Jyoti Malhotra ने हवाला चैनलों और डिजिटल पेमेंट्स के ज़रिए पाकिस्तान से पैसे लिए। ये रकम कितनी थी, इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं मिला, लेकिन अंदाजा है कि वह प्रति सूचना के आधार पर हजारों रुपये लेती थी। ऐसा भी माना जा रहा है कि उसकी कुल कमाई, खासकर पाकिस्तान से मिली रकम जोड़ने के बाद, 15 लाख से लेकर 40 लाख रुपये के बीच पहुंच गई थी। यानी उसने देश की सुरक्षा को सिर्फ कुछ लाखों के लिए बेच डाला। यह आंकड़ा जितना छोटा दिखता है, उसका देश के प्रति अपराध उतना ही बड़ा है।
गुज़ाला की कहानी भी कुछ अलग नहीं थी। एक विधवा महिला जो शायद नई ज़िंदगी की तलाश में थी, उसे प्यार, शादी और भविष्य का सपना दिखाकर गुमराह किया गया। दानिश ने न सिर्फ उसका भरोसा तोड़ा, बल्कि उसे ऐसे अपराध में घसीट लिया जिससे अब उसकी पूरी ज़िंदगी जेल की सलाखों के पीछे कट सकती है। गुज़ाला ने माना कि उसने दानिश से अपनी कई पर्सनल तस्वीरें भी साझा की थीं, जिनका इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने के लिए किया गया। यह सिर्फ विश्वासघात नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक शोषण का मामला भी बनता है।
इन दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि आज के डिजिटल युग में दुश्मन देश किसी को भी निशाना बना सकते हैं—चाहे वह एक यूट्यूबर हो, एक विधवा, या एक बेरोजगार युवक। सोशल मीडिया, इमोशनल ट्रैप और पैसों का लालच, ये तीनों हथियार अब आधुनिक जासूसी का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके हैं। Jyoti Malhotra और गुज़ाला जैसे लोग सिर्फ आरोपी नहीं, बल्कि उस युद्ध की चेतावनी हैं जो अब बंदूकों से नहीं, मोबाइल स्क्रीन और इंटरनेट कनेक्शन के ज़रिए लड़ा जा रहा है। ये घटनाएं बताती हैं कि साइबर दुनिया की सुरक्षा अब उतनी ही जरूरी है जितनी देश की सीमा की।
इस पूरे मामले से एक बात बिल्कुल साफ है—देश की सुरक्षा सिर्फ सीमा पर तैनात जवान नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हमें यह समझना होगा कि सस्ती लोकप्रियता, ज्यादा व्यूज या चंद हज़ार रुपयों के लिए जो भी देश से गद्दारी करता है, उसका अंत केवल बदनामी और जेल होती है। और यही कहानी है Jyoti Malhotra और उसकी राजदार गुज़ाला की, जिन्होंने कुछ पैसों के लिए अपना ईमान और देशभक्ति दोनों बेच दी। आज ये दोनों महिलाएं हमारे लिए चेतावनी हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल मनोरंजन या रोजगार के लिए नहीं, बल्कि जागरूकता और सावधानी के साथ किया जाना चाहिए—वरना एक गलती पूरी ज़िंदगी को बदल सकती है।
Conclusion
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