Youth Promises 2024: युवाओं के लिए किए गए पांच बड़े वादे, जानिए क्या हुआ उन योजनाओं का!

कल्पना कीजिए, साल 2024 का बजट पेश किया जा रहा है। टीवी स्क्रीन पर बड़ी घोषणाएं चल रही हैं—युवाओं के लिए 5 नई योजनाएं, जो उन्हें इंटर्नशिप, पहली नौकरी, आर्थिक सहायता और Higher education में मदद देने वाली थीं। पूरा देश उत्साहित था, खासकर वे युवा जो अपने करियर की शुरुआत करने वाले थे। इन्हें लगा कि सरकार ने उनके सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता बना दिया है।

लेकिन अब 2025 आ चुका है और जब हम पलटकर देखते हैं, तो सवाल उठता है—क्या ये योजनाएं सिर्फ एक घोषणा थीं, या वाकई में इन्हें लागू किया गया? क्या सच में सरकार ने युवाओं को इनका लाभ पहुंचाया, या फिर यह सिर्फ एक चुनावी वादा बनकर रह गया?

सरकार के मुताबिक, इन पांच योजनाओं में से चार अभी भी प्रक्रिया में हैं, जबकि एक योजना को होल्ड पर डाल दिया गया है। इसका क्या मतलब है? क्या यह योजनाएं सिर्फ दस्तावेजों तक सीमित रहेंगी, या इन्हें जमीन पर लागू भी किया जाएगा? आज हम इन्हीं सवालों का जवाब खोजेंगे और देखेंगे कि इन योजनाओं का हकीकत से कितना लेना-देना है।

1. क्या टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप योजना केवल एक अधूरा सपना बनकर रह गई है?

युवाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण योजना थी इंटर्नशिप, जिसके तहत देश की 500 शीर्ष कंपनियों में हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिलने वाला था। इसका उद्देश्य यह था कि छात्रों को व्यावसायिक अनुभव मिले और वे बड़े कॉरपोरेट्स में काम करने का हुनर सीख सकें। इस योजना के तहत हर छात्र को 5,000 रुपये की Monthly Scholarship भी दी जानी थी।

सरकार ने 12 अक्टूबर 2024 को इस योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया था। 15 नवंबर तक लगभग 6 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन भी कर दिया था, और 2 दिसंबर को इसे लागू किया जाना था। लेकिन अचानक सरकार ने इसे होल्ड पर डाल दिया।

इसका कारण क्या था? इसका जवाब कोई नहीं जानता। सरकार की ओर से अभी तक कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है कि आखिर इस योजना को कब शुरू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य लाखों युवाओं को करियर में आगे बढ़ाने का था, लेकिन अब यह सिर्फ एक अधूरी योजना बनकर रह गई है।

2. पहली सैलरी पर Incentive योजना के तहत युवाओं को कब मिलेगा लाभ?

सरकार ने 2024 में यह घोषणा की थी कि पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को एक विशेष Incentive राशि दी जाएगी। इस योजना के तहत, EPFO में चार साल तक जमा होने वाली राशि पर सरकार की ओर से अतिरिक्त लाभ दिया जाना था। इससे 30 लाख युवाओं को फायदा मिलने की उम्मीद थी। पहली बार नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को EPFO में पंजीकरण कराने के लिए 30 नवंबर 2024 तक का समय दिया गया था। बाद में इस समयसीमा को 15 दिसंबर 2024 और फिर 15 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया।

लेकिन समस्या यह है कि इस योजना के तहत अब तक किसी भी युवा को कोई पैसा नहीं मिला है। यहां तक कि सरकार ने अब तक यह भी स्पष्ट नहीं किया कि Incentive राशि कितनी होगी और इसे पाने की प्रक्रिया क्या होगी। अब सवाल यह उठता है कि अगर सरकार इस योजना को लागू करने में गंभीर है, तो इसे शुरू करने में इतनी देरी क्यों हो रही है?

3. पहली बार नौकरी पर मिलने वाला बोनस क्यों लगातार टल रहा है, और इसकी वास्तविकता क्या है ?

2024 के बजट में एक और बड़ी घोषणा हुई थी—पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को उनकी पहली सैलरी के बराबर बोनस मिलेगा। इसके तहत, EPFO में पहली बार पंजीकरण कराने वालों को सरकार 15,000 रुपये की राशि तीन किश्तों में देगी। इस योजना का लाभ उन कर्मचारियों को मिलना था, जिनकी मासिक सैलरी 1 लाख रुपये से कम है। इससे 2 करोड़ 10 लाख युवाओं को सीधा फायदा मिलने वाला था।

सरकार ने पहले इस योजना के लिए 30 नवंबर 2024 तक पंजीकरण की समयसीमा तय की थी, फिर इसे 15 दिसंबर और फिर 15 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया। लेकिन अब तक किसी भी कर्मचारी के खाते में कोई भी पैसा नहीं आया है।
अगर सरकार इस योजना को लेकर इतनी गंभीर थी, तो अब तक इस योजना के तहत लाभार्थियों को राशि क्यों नहीं दी गई? क्या यह भी उन योजनाओं में से एक होगी, जिन्हें धीरे-धीरे भुला दिया जाएगा?

4. Employers को EPFO Incentive कब मिलेगा, और कंपनियां इसके इंतजार में क्यों हैं?

सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि जो कंपनियां नए कर्मचारियों को EPFO में जोड़ेंगी, उन्हें सरकार की ओर से दो साल तक हर महीने 3,000 रुपये की वापसी राशि दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य यह था कि कंपनियां ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी दें और रोजगार को बढ़ावा मिले। लेकिन अभी तक किसी भी employer को इस योजना का लाभ नहीं मिला है।

सरकार ने 15 जनवरी 2025 तक नए कर्मचारियों को EPFO में पंजीकरण कराने का अवसर दिया था, लेकिन जब कोई पैसा जारी ही नहीं हुआ, तो कंपनियां इसे क्यों अपनाएंगी? अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया होता, तो यह न केवल कंपनियों को नए कर्मचारियों को जोड़ने के लिए प्रेरित करता, बल्कि इससे बेरोजगारी दर में भी कमी आती। लेकिन अब यह योजना भी अन्य योजनाओं की तरह सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है।

5. Higher education के लिए लोन योजना, क्या फरवरी 2025 में सच में लागू होगी, या यह सिर्फ घोषणा तक सीमित रह जाएगी?

सरकार ने Higher education प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, 7.5 लाख रुपये तक की 75% गारंटी सरकार देगी, यानी अगर छात्र लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक को 75% रकम सरकार से मिलेगी। इस योजना को “विद्यालक्ष्मी योजना” के तहत लागू किया जाना था, और सरकार ने कहा था कि इसे फरवरी 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा।

लेकिन बाकी चार योजनाओं की हालत को देखकर सवाल उठता है कि क्या यह योजना भी सिर्फ एक और घोषणा बनकर रह जाएगी? अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह उन लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो महंगी शिक्षा के कारण अपने सपनों से समझौता कर रहे हैं।

ये योजनाएं सिर्फ चुनावी घोषणाएं थीं I

अगर हम पिछले एक साल की हकीकत देखें, तो 2024 के बजट में जो पांच योजनाएं घोषित की गई थीं, उनमें से कोई भी अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुई है। सरकार ने इंटर्नशिप, पहली सैलरी पर बोनस, Employers को EPFO समर्थन, और Higher education के लिए कर्ज जैसी योजनाएं घोषित तो कीं, लेकिन आज भी युवा उनके लाभ का इंतजार कर रहे हैं। अगर सरकार ने वाकई में यह योजनाएं युवाओं के भविष्य को सुधारने के लिए बनाई थीं, तो इन्हें लागू करने में इतनी देरी क्यों हो रही है?

युवाओं को अब यह सोचना होगा कि वे सिर्फ वादों से संतुष्ट रहेंगे, या सरकार से इन योजनाओं पर जवाब मांगेंगे। क्या यह योजनाएं सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखकर घोषित की गई थीं, या इन्हें वाकई में धरातल पर उतारा जाएगा? अगर आपको लगता है कि इन योजनाओं को लागू करने में देरी नहीं होनी चाहिए, तो इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और हमें कमेंट में बताएं कि सरकार को अब क्या करना चाहिए?

Conclusion

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