Elon Musk की चेतावनी से जागा अमेरिका! 36 ट्रिलियन कर्ज पर भी दिखाया विकास का रास्ता।

एक ऐसा देश जो कभी दुनिया का सबसे अमीर माना जाता था, जो विज्ञान, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का मक्का था, अब खुद अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी चला रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अमेरिका की। लेकिन ये कहानी किसी युद्ध, आतंकवाद या किसी प्राकृतिक आपदा की नहीं है।

ये कहानी है एक अदृश्य  आर्थिक सुनामी की, जिसकी लहरें धीरे-धीरे अमेरिका की नींव को हिला रही हैं। और इस सुनामी की सबसे बड़ी चेतावनी लेकर आए हैं खुद Elon Musk, वही व्यक्ति जिसने इंसानों को मंगल तक पहुंचाने का सपना देखा है, वही जिसने इलेक्ट्रिक वाहनों की क्रांति की नींव रखी है। अब वही Elon Musk डोनाल्ड ट्रंप के टैक्स बिल को ‘Debt Slavery Bill’ कह रहे हैं और अमेरिका को ‘उधार की गुलामी’ की ओर बढ़ता देख रहे हैं। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

माना जा रहा है कि अमेरिका पर आज जो कर्ज है, वो हर किसी की सोच से कहीं ज्यादा है। अगर आप अमेरिका के आधिकारिक आंकड़े देखें तो यूएस ट्रेजरी के अनुसार, अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज अब 36 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है। ये आंकड़ा सुनने में जितना भारी है, उतना ही खतरनाक भी है। क्योंकि यह अमेरिका की GDP से भी 22% ज्यादा है। यानी अमेरिका जितना साल भर में सामान और सेवाएं बनाता है, उससे भी ज्यादा उसका कर्ज है।

अर्थशास्त्रियों में से एक सबसे प्रभावशाली नाम, कीन्स ने एक बार कहा था—”अगर आप पर बैंक का 100 पाउंड कर्ज है, तो ये आपकी समस्या है। लेकिन अगर आप पर 10 लाख का कर्ज है, तो ये समस्या बैंक की है।” और अमेरिका के केस में ये बात बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि अब ये कर्ज सिर्फ अमेरिका की समस्या नहीं, पूरी दुनिया की आर्थिक व्यवस्था को हिला सकता है।

इस बात को और सरल बनाने के लिए एक तुलनात्मक उदाहरण देखिए—भारत की पूरी अर्थव्यवस्था इस वक्त करीब 4.2 ट्रिलियन डॉलर की है। और अमेरिका का कर्ज है 36 ट्रिलियन डॉलर, यानी भारत की पूरी अर्थव्यवस्था का लगभग 8 गुना। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अमेरिका किस कर्ज़ी दलदल में फंसा हुआ है। और यह दलदल और गहरा तब होता जा रहा है जब सरकारें बेतहाशा खर्च कर रही हैं और टैक्स कम कर रही हैं।

Elon Musk ने इसे ‘आर्थिक सुनामी’ बताया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का टैक्स बिल यानी Omnibus Spending Bill, अमेरिका को एक और ट्रिलियन डॉलर की ओर धकेल देगा। Elon Musk का मानना है कि अगर ये बिल पास हुआ तो आने वाले वर्षों में सरकार की income का बड़ा हिस्सा सिर्फ कर्ज के ब्याज में जाएगा। नतीजा—सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, रक्षा बजट—सभी क्षेत्रों में भारी कटौती होगी।

यह सिर्फ एक राजनीतिक बहस नहीं है। ये अमेरिका के आम नागरिक की जेब, उसकी पेंशन, उसकी दवा और उसकी नौकरी से जुड़ा हुआ मामला है। Elon Musk ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो अमेरिका जल्दी ही उस मोड़ पर पहुंच जाएगा, जहां सरकार केवल कर्ज का ब्याज भरने के लिए टैक्स वसूलेगी।

आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका अपनी स्थापना के समय से ही कर्ज में डूबा हुआ है। 1791 में जब अमेरिका नया-नया बना था, तब भी उस पर 75 मिलियन डॉलर का कर्ज था। लेकिन अब यह रकम लाखों गुना बढ़ चुकी है।

2023 में अकेले ब्याज भुगतान में अमेरिका ने 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च कर दिया। सोचिए, सिर्फ ब्याज चुकाने में एक साल में भारत जितनी अर्थव्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा। ये आंकड़े सामान्य नहीं हैं, और Elon Musk की चिंता भी सामान्य नहीं है।

लेकिन इस सारे घटनाक्रम में एक और पहलू है जिसे समझना बेहद जरूरी है। ट्रंप का प्रस्तावित टैक्स बिल इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाले टैक्स क्रेडिट को खत्म कर देता है। ये सीधा Elon Musk की कंपनी टेस्ला पर असर डालता है। यानी इस बिल से ना सिर्फ देश की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है, बल्कि अमेरिका की ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल क्रांति भी धीमी पड़ सकती है।

Elon Musk का यह भी मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीतियां, जिनमें चीन और अन्य देशों से Import पर भारी शुल्क लगाया गया है, उससे महंगाई और मंदी का खतरा और गहरा गया है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक अमेरिका की विकास दर को घटाकर 1.4% आंका गया है, और मंदी की संभावना 30% तक मानी जा रही है।

दुनिया के बड़े फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स भी अब Elon Musk की चिंता से सहमत नजर आ रहे हैं। JP Morgan के सीईओ जेमी डिमन ने भी चेतावनी दी है कि अगर सरकारों ने खर्च पर लगाम नहीं लगाई तो यह कर्ज एक विस्फोट बनकर सामने आएगा। वहीं रे डेलियो, जो दुनिया के सबसे सफल हेज फंड मैनेजरों में गिने जाते हैं, उन्होंने कहा है कि अगर अमेरिका की मौजूदा वित्तीय व्यवस्था पर दुनिया का विश्वास डगमगाया, तो अमेरिका को ‘Debt Crisis’ का सामना करना पड़ेगा।

काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस ने एक रिपोर्ट में बताया है कि अगर कोई संरचनात्मक सुधार नहीं हुआ, तो अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज 30 वर्षों में फिर से दोगुना हो सकता है। तब सरकार के पास ना तो रक्षा में Investment की क्षमता होगी, ना बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की ताकत। और सामाजिक योजनाओं की बात तो दूर की कौड़ी हो जाएगी।

ऐसे में Elon Musk बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि अमेरिका को अब अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। अनावश्यक योजनाओं पर लगाम लगानी होगी। नहीं तो जिस अमेरिका को दुनिया ने हमेशा आगे बढ़ते देखा है, वही अमेरिका कर्ज की बेड़ियों में जकड़ जाएगा।

Elon Musk की बातों को सिर्फ बिजनेस लॉबी का दबाव मानना भी एक भूल होगी। क्योंकि वे खुद एक विजनरी हैं। उनका कहना है कि अगर अमेरिका को फिर से स्थिर बनाना है, तो सरकार को वही करना होगा जो हर समझदार नागरिक करता है—अपनी income के अनुसार खर्च।

Elon Musk ने एक वीडियो में कहा था, “हमें अमेरिकी समृद्धि को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमें अब वो बनना होगा जो हमारे पूर्वज थे—साहसी, समझदार और ज़िम्मेदार। कर्ज के सहारे आप एक इमारत तो बना सकते हैं, लेकिन वो टिकेगी नहीं।”

दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जब खुद डगमगाने लगे, तो इसका असर पूरी दुनिया पर होता है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। अमेरिकी मंदी का असर भारत के Exports, foreign investment और टेक इंडस्ट्री पर पड़ेगा। लेकिन वहीं कुछ सेक्टर्स जैसे डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा और एग्रीकल्चर को नए अवसर भी मिल सकते हैं।

इसलिए ये कहानी सिर्फ अमेरिका की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की है। क्योंकि जब भी अमेरिका छींकता है, बाकी देश सर्दी पकड़ लेते हैं। और अगर इस बार अमेरिका को आर्थिक न्यूमोनिया हो गया, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था ICU में पहुंच सकती है।

ऐसे में सवाल ये नहीं कि Elon Musk सही हैं या गलत। सवाल ये है कि क्या दुनिया उनके अलार्म को सुन रही है? क्या ट्रंप की सरकार, अमेरिकी सीनेट और खुद अमेरिकी नागरिक इस ‘Debt Slavery’ से बाहर निकलने को तैयार हैं? या फिर सब कुछ चलता रहेगा जब तक कि एक दिन अमेरिका, वो देश जिसने चांद पर पहला कदम रखा था, खुद धरती पर आर्थिक रूप से गिर न जाए।

Conclusion

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love

Leave a Comment