Tariff नीति से भारतीय बाजार को मिलेगा नया अवसर, सस्ते अमेरिकी सामान से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा! 2025

नमस्कार दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि जिस iPhone की कीमत आपको भारत में लाखों रुपये में चुकानी पड़ती है, वही अमेरिका में आधे दाम पर मिल जाता है? क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि हार्ले डेविडसन की महंगी बाइक्स, एप्पल के लैपटॉप और अमेरिकी वाइन भारत में सस्ते दाम पर मिलने लगें? ये सुनने में किसी सपने जैसा लगता है, लेकिन अमेरिका और भारत के बीच चल रही टैरिफ वार के कारण ये हकीकत बन सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। ट्रंप का कहना है कि अगर भारत ने अमेरिकी सामानों पर लगने वाली (Import Duty) को कम नहीं किया, तो अमेरिका भी भारतीय सामानों पर बराबर की प्रतिक्रिया देगा। इसका मतलब ये हुआ कि अगर भारत ने अमेरिकी सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी को कम किया, तो भारतीय बाजार में अमेरिकी Product पहले से कहीं ज्यादा सस्ते हो जाएंगे।

लेकिन इसका असर सिर्फ उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं रहेगा। इसका सीधा असर भारतीय कंपनियों और लोकल इंडस्ट्री पर भी पड़ सकता है। तो क्या भारत को इस फैसले से फायदा होगा या फिर भारतीय कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव नया नहीं है। दोनों देशों के बीच पिछले कई सालों से टैरिफ को लेकर तनाव चल रहा है। भारत, जो एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है, हमेशा से अमेरिकी कंपनियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहा है। लेकिन भारत ने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए अमेरिकी Products पर ऊंची इम्पोर्ट ड्यूटी लगा रखी है।

फिलहाल भारत में अमेरिकी सामानों पर औसतन 50% से लेकर 110% तक की Import duty लगती है। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका से आने वाले बादाम, अखरोट और वाइन पर 100% तक Import duty लगता है। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक Products और गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स पर भी भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाती है। ट्रंप का कहना है कि अगर भारत ने इस ड्यूटी को कम नहीं किया, तो अमेरिका भी भारतीय Products पर भारी टैक्स लगाएगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में और तनाव आ सकता है।

इस मामले की जड़ 2018 से शुरू हुई थी, जब अमेरिका ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। इसके जवाब में भारत ने भी अमेरिका से आने वाले Products पर भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव जारी है।

अमेरिका का कहना है कि भारत में अमेरिकी कंपनियों को उचित अवसर नहीं मिल रहे हैं। ट्रंप के अनुसार, भारत में अमेरिकी कंपनियों को अनुचित रूप से ऊंचे टैक्स का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, अगर भारत इस दबाव में आकर अमेरिकी Products पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करता है, तो इसका सीधा असर भारतीय बाजार में देखने को मिलेगा। सबसे पहले, इलेक्ट्रॉनिक Product सस्ते हो सकते हैं। एप्पल के iPhone, MacBook और iPad जैसे Products की कीमत में 20 से 30% तक की कमी आ सकती है। यही नहीं, डेल और एचपी के लैपटॉप, स्मार्टवॉच और अन्य गैजेट्स भी भारत में पहले से सस्ते हो जाएंगे। हार्ले डेविडसन और अन्य अमेरिकी ब्रांड्स की महंगी बाइक्स की कीमतों में भी गिरावट हो सकती है।

इसके अलावा, अमेरिका से Imported बादाम, अखरोट और वाइन जैसे प्रोडक्ट्स की कीमतें भी घट सकती हैं। भारत में फिलहाल अमेरिकी वाइन पर 100% तक का Import duty लगता है। अगर यह शुल्क घटा दिया गया, तो भारतीय बाजार में अमेरिकी वाइन की कीमतों में 40 से 50% तक की गिरावट हो सकती है। बादाम और अखरोट की कीमतें भी करीब 30% तक कम हो सकती हैं।

लेकिन इसका दूसरा पहलू भारतीय उद्योगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। अगर इलेक्ट्रॉनिक Product सस्ते होते हैं, तो भारतीय कंपनियों को अमेरिकी ब्रांड्स से सीधी Competition का सामना करना पड़ेगा। भारत में पहले से ही घरेलू इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में चीन और ताइवान की कंपनियों का दबदबा है। ऐसे में अमेरिकी कंपनियों के लिए Import duty कम होने का मतलब होगा कि वे भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत कर लेंगी। इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसके अलावा, ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। अगर अमेरिकी कंपनियों के स्पेयर पार्ट्स और वाहन सस्ते होते हैं, तो भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री पर असर पड़ेगा। हार्ले डेविडसन और अन्य अमेरिकी बाइक ब्रांड्स की कीमतें कम होने से भारतीय टू-व्हीलर कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है।

फार्मा सेक्टर पर भी इसका असर हो सकता है। अमेरिका से Imported मेडिकल इक्विपमेंट और दवाओं की कीमतें अगर कम होती हैं, तो भारतीय फार्मा कंपनियों को अपनी कीमतों को Competition के मुताबिक घटाना पड़ सकता है। इससे उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा।

हालांकि, सरकार के लिए यह स्थिति मुश्किल भरी हो सकती है। अगर सरकार ने अमेरिकी Products पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाया, तो इससे उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा, लेकिन भारतीय उद्योगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। दूसरी ओर, अगर सरकार ने इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती नहीं की, तो अमेरिका भारतीय Products पर टैरिफ बढ़ा सकता है। इससे भारत का Export प्रभावित हो सकता है। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। ऐसे में दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।

सरकार फिलहाल इस पूरे मामले पर गहराई से मंथन कर रही है। भारत चाहता है कि अमेरिका भी भारतीय Products को अपने बाजार में बेहतर अवसर दे। भारत, अमेरिका को बड़ी मात्रा में फार्मास्युटिकल Product, टेक्सटाइल, आईटी सेवाएं और कृषि Product Export करता है। अगर अमेरिका ने इन Products पर टैरिफ बढ़ाया, तो भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है।

भारत को इस मामले में एक बैलेंस बनाने की जरूरत है। सरकार को ऐसा रास्ता निकालना होगा, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते Product मिलें, लेकिन भारतीय उद्योगों को नुकसान न हो। अगर भारत ने अमेरिकी Products पर लगने वाले टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया, तो इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

इस पूरे मामले का एक सकारात्मक पहलू यह हो सकता है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव कम हुआ, तो दोनों देशों के बीच Investment और व्यापार बढ़ सकता है। अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार में और ज्यादा Investment कर सकती हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों को भी अमेरिकी बाजार में बेहतर अवसर मिल सकते हैं।

Conclusion

तो दोस्तों, सवाल यह है कि क्या भारत को ट्रंप की इस चाल में फंसना चाहिए? क्या भारत को उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अपने घरेलू उद्योगों को खतरे में डालना चाहिए? या फिर भारत को अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करनी चाहिए? इस फैसले का असर सिर्फ उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा भी तय होगी। अगर सरकार ने सही फैसला लिया, तो भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों को फायदा हो सकता है। लेकिन अगर फैसला गलत हुआ, तो इसका असर लंबे समय तक भारतीय बाजार पर दिखाई देगा।

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love

Leave a Comment