नमस्कार दोस्तों, रात का अंधेरा घना हो चुका था। कोलकाता की हल्की ठंडी हवा बालकनी से टकरा रही थी। कमरे में हल्की रोशनी थी, और टेबल पर एक कप चाय रखी थी, जो धीरे-धीरे ठंडी हो रही थी। लेकिन चाय से ज्यादा गरमागर्म कुछ था, तो वो थे विचार। सामने एक नोटबुक खुली पड़ी थी, जिसमें कुछ बिजनेस प्लान के पन्ने बिखरे हुए थे।
हर पन्ने पर कुछ ना कुछ लिखा हुआ था—नंबर, स्ट्रेटेजी, फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट। एक शख्स जो कभी क्रिकेट की पिच पर चौकों और छक्कों से रणनीतियां बनाता था, आज किसी और ही पिच पर खेल रहा था। यह पिच थी बिजनेस और इंडस्ट्री की, और इस बार चुनौती थी स्टील सेक्टर में कदम रखने की।
मैदान भले ही बदल गया था, लेकिन खिलाड़ी वही था—जो हर मुश्किल हालात में डटकर खड़ा रहने वाला था। Sourav Ganguly, भारतीय क्रिकेट का वह नाम जिसने टीम इंडिया को आक्रामकता और आत्मविश्वास की पहचान दी, अब एक नई लड़ाई के लिए तैयार था। लेकिन इस बार उनके सामने बॉलर नहीं थे, बल्कि ढेरों चुनौतियां थीं—पर्यावरण मंजूरी, सरकारी क्लियरेंस, मार्केट कंपटीशन और सबसे बड़ी बात, एक ऐसी इंडस्ट्री जिसमें उनका अनुभव नया था। लेकिन क्या दादा डरने वालों में से हैं? नहीं! उन्होंने कभी मैदान पर हार नहीं मानी थी, तो अब बिजनेस में भी उसी जज़्बे के साथ उतरने वाले थे।
Sourav Ganguly अब केवल क्रिकेट के नहीं, बल्कि बिजनेस के भी ‘दादा’ बनने की राह पर हैं। क्रिकेट के मैदान पर उनकी कप्तानी ने भारतीय टीम को जिस तरह नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था, अब वे वही जादू बिजनेस में भी दोहराने को तैयार हैं। वह पश्चिम बंगाल के गरबेटा में एक स्टील प्लांट स्थापित कर रहे हैं, जो अगले कुछ महीनों में आकार लेने लगेगा। इस प्लांट को भारत के सबसे आधुनिक स्टील प्लांट्स में गिना जाएगा और यह न सिर्फ Sourav Ganguly की पहचान को एक नए मुकाम पर ले जाएगा, बल्कि पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा योगदान साबित होगा।
इस विशाल प्रोजेक्ट की नींव तब रखी गई जब गांगुली ने TMT बार निर्माता कैप्टन स्टील के साथ साझेदारी की। कैप्टन स्टील पहले से ही दुर्गापुर और पटना में दो स्टील फैक्ट्रियां चला रही है, लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग है। इस बार मैदान पर एक क्रिकेटर उतरा है, जो अपनी रणनीति से सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक पूरी इंडस्ट्री का रुख बदलने वाला है। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ग्रीनफील्ड स्टील प्रोजेक्ट होगा, यानी एक नया प्लांट जिसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी और पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाए जाएंगे।
गांगुली का यह स्टील प्लांट पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गरबेटा में स्थापित किया जा रहा है। इसका उत्पादन लक्ष्य 0.8 मिलियन टन प्रति वर्ष रखा गया है, जो इसे इस क्षेत्र के सबसे बड़े स्टील प्लांट्स में से एक बनाता है।
हालांकि, शुरुआत में यह प्लांट सालबोनी में बनाया जाना था, लेकिन बाद में इसे 26 किलोमीटर दूर गरबेटा में स्थानांतरित कर दिया गया। यह बदलाव क्यों हुआ? इसके पीछे मुख्य कारण पर्यावरणीय और प्रशासनिक मंजूरियां थीं, जो सालबोनी में उतनी सहज नहीं थीं। लेकिन गांगुली इस खेल में नए नहीं हैं, उन्हें पता है कि हर पिच पर अलग तरह से बैटिंग करनी होती है।
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 2,500 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह रकम छोटी नहीं है, लेकिन दादा के इरादे इससे भी बड़े हैं। उन्होंने हाल ही में एक बड़ा अपडेट देते हुए कहा, “हम स्टील प्लांट बना रहे हैं, लेकिन हर कोई उम्मीद करता है कि यह दो महीने में तैयार हो जाएगा, जो संभव नहीं। हमें पूरा भरोसा है कि 18 से 20 महीनों में प्लांट का ऑपरेशन शुरू कर देंगे।” यानी यह साफ है कि गांगुली इसे जल्दबाजी में नहीं, बल्कि एक मजबूत नींव के साथ खड़ा करना चाहते हैं।
हालांकि, यह सफर आसान नहीं है। एक स्टील प्लांट खड़ा करना उतना ही मुश्किल है जितना कि क्रिकेट के मैदान पर एक नई टीम को खड़ा करना। इसके लिए कई चुनौतियां हैं। सबसे पहली चुनौती पर्यावरण मंजूरी है। ऐसे किसी भी औद्योगिक प्रोजेक्ट के लिए सरकार की ओर से क्लियरेंस मिलना जरूरी होता है, और इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। दूसरी चुनौती है जमीन अधिग्रहण।
इस प्लांट के लिए 350 एकड़ जमीन की जरूरत है, जिसे अभी अधिग्रहित किया जा रहा है। तीसरी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। यह कोई छोटा प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि एक ऐसा उद्योग होगा जो हजारों लोगों को रोजगार देगा। गांगुली खुद मानते हैं कि यह उनका अब तक का सबसे बड़ा प्लांट होगा, और इसे सफल बनाने के लिए वह पूरी मेहनत कर रहे हैं।
गांगुली ने पहली बार इस प्रोजेक्ट की घोषणा 2023 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्पेन यात्रा के दौरान की थी। उस वक्त यह खबर सुनकर हर कोई चौंक गया था। क्रिकेटर से कमेंटेटर, फिर BCCI प्रेसिडेंट और अब एक उद्योगपति? लेकिन यही तो Sourav Ganguly हैं—हमेशा कुछ नया, हमेशा कुछ बड़ा करने के लिए तैयार।
क्रिकेट के बाद गांगुली ने बिजनेस की दुनिया में भी एक मजबूत पारी खेली है। उनकी नेट वर्थ करीब 700 करोड़ रुपये आंकी जाती है। प्यूमा, DTDC, JSW सीमेंट, अजंता शूज़ और My11 सर्किल जैसी कंपनियों के साथ उनकी ब्रांड पार्टनरशिप है, जिससे वे हर साल करोड़ों रुपये की कमाई करते हैं।
यह उनकी बिजनेस सूझबूझ का ही नतीजा है कि वे सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहे, बल्कि विभिन्न उद्योगों में अपनी पहचान बना रहे हैं। लेकिन स्टील सिर्फ एक शुरुआत है। गांगुली की नजरें रियल एस्टेट सेक्टर पर भी हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। उनके पास कोलकाता में 7 करोड़ रुपये से अधिक का आलीशान बंगला है, और लंदन में भी उनका 2 BHK फ्लैट मौजूद है। यानी क्रिकेट, स्टील और अब रियल एस्टेट—गांगुली की हर पारी बड़ी होती जा रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वे इस बिजनेस में भी वही करिश्मा दिखा पाएंगे जो उन्होंने क्रिकेट में दिखाया था? स्टील इंडस्ट्री आसान नहीं है। यह एक Competitive बाजार है जहां पहले से ही बड़े खिलाड़ी मौजूद हैं। लेकिन गांगुली को मैदान पर भी कई बार अंडरडॉग माना गया था, और उन्होंने हर बार खुद को साबित किया।
उनकी यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि खेल हो या बिजनेस, अगर सही रणनीति हो, सही टीम हो और सही नेतृत्व हो, तो कोई भी मैदान जीता जा सकता है। गांगुली के लिए यह सिर्फ एक नया बिजनेस नहीं, बल्कि एक नया मिशन है। उन्होंने क्रिकेट में भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया था, और अब उनका लक्ष्य अपने राज्य, अपने लोगों और अपने देश के लिए कुछ बड़ा करने का है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जब यह प्लांट 18 से 20 महीनों में तैयार होगा, तो गांगुली की यह इनिंग कैसी रहेगी। क्या वे स्टील इंडस्ट्री के दादा बन पाएंगे? क्या वे इस सेक्टर में भी अपना नाम उसी तरह दर्ज करवा पाएंगे, जैसे क्रिकेट में किया था? यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है—जब Sourav Ganguly क्रीज पर होते हैं, तो खेल रोमांचक जरूर होता है। यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई, बल्कि इसकी असली शुरुआत अब हुई है…
Conclusion
अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”