Saudi Arabia Real Estate Opportunity: अब भारतीयों के लिए घर खरीदने का सुनहरा मौका, नया कानून लागू I 2025

कल्पना कीजिए, सुबह की पहली अज़ान सऊदी की रेत में गूंज रही हो… और बालकनी में खड़े होकर उसे सुन रहा हो कोई भारतीय परिवार, जो अब उस ज़मीन पर मालिकाना हक रखता है! जी हां, जो बात कभी केवल सपना लगती थी, वो अब हकीकत बन चुकी है। Saudi Arabia—वो देश जहां दशकों से प्रॉपर्टी खरीदना केवल सऊदी नागरिकों और कुछ विशेष स्थितियों तक सीमित था I

अब अपने दरवाज़े विदेशियों के लिए खोल चुका है। भारत सहित दुनिया के लाखों लोग अब सऊदी में वैध रूप से संपत्ति खरीद सकेंगे। लेकिन ये खबर जितनी रोमांचक है, उतनी ही सधी हुई भी है। क्योंकि इसके साथ जुड़े हैं कई नियम, संभावनाएं, और चेतावनियां… जो इस वीडियो में हम आपको पूरे विस्तार से बताएंगे।

25 जुलाई को उम्म अल-कुरा नाम की सऊदी सरकार की आधिकारिक गजट में प्रकाशित एक नए कानून ने इतिहास रच दिया। इस कानून के अनुसार, अब विदेशी नागरिक—चाहे वे किसी भी देश से हों—Saudi Arabia के अधिकांश हिस्सों में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।

हां, मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में अभी भी पाबंदी है, लेकिन बाकी देश अब आपके Investment का स्वागत कर रहा है। और यह बदलाव किसी मजबूरी में नहीं, बल्कि Saudi Arabia की ‘विजन 2030’ रणनीति के तहत किया गया है, जिसके तहत देश अपनी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से निकाल कर विविध क्षेत्रों में विस्तार देना चाहता है।

इस नए कानून के लागू होने के पहले 180 दिनों की तैयारी अवधि तय की गई है। यानी जनवरी 2026 से यह पूरी तरह प्रभाव में आ जाएगा। तब तक विदेशी नागरिकों को प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया, ज़रूरी दस्तावेज़, और नियमों की जानकारी लेनी होगी, ताकि वे तैयार रह सकें। भारत के उन नागरिकों के लिए जो दुबई, लंदन, सिंगापुर जैसी जगहों में Investment करने का सपना देखते थे—अब Saudi Arabia भी उसी सूची में शामिल हो चुका है।

अब बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण हिस्से की—क्या आप सऊदी में कहीं भी घर खरीद सकते हैं? जवाब है—कानूनी रूप से सऊदी में रह रहे विदेशी नागरिक मक्का और मदीना को छोड़कर कहीं भी एक आवासीय संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन वह संपत्ति केवल निजी उपयोग के लिए होनी चाहिए। मतलब, आप वह घर किराये पर नहीं चढ़ा सकते या होटल नहीं बना सकते—यह पूरी तरह निजी निवास के लिए होना चाहिए।

सिर्फ व्यक्तियों के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशी कंपनियों को भी यह छूट दी गई है। अगर कोई विदेशी कंपनी सऊदी में व्यापार कर रही है, तो वह अपने कर्मचारियों या ऑफिस संचालन के लिए प्रॉपर्टी खरीद सकती है। इसके अलावा, दूतावास या अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सरकार की अनुमति से वहां संपत्ति ले सकते हैं। यानी अब सऊदी का रियल एस्टेट, Global investment के लिए एक नया ठिकाना बनने जा रहा है।

लेकिन कुछ शहर अभी भी इस नियम के दायरे से बाहर हैं। मक्का और मदीना में प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले की तरह ही प्रतिबंध रहेगा। ये दोनों शहर इस्लाम धर्म के लिए अत्यंत पवित्र हैं। इसलिए गैर-मुस्लिमों को यहां संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं मिलेगी। यहां तक कि मुस्लिमों को भी सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही मालिकाना हक दिया जाएगा, वो भी सरकार की विशेष मंजूरी के बाद। सऊदी सरकार का कहना है कि यह पाबंदी धार्मिक और सांस्कृतिक शुद्धता बनाए रखने के लिए जरूरी है।

अगर आप किसी इलाके में प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते, तो क्या वहां रहने का कोई विकल्प है? बिल्कुल है। सऊदी सरकार ने “Usufruct Rights” यानी उपयोग का अधिकार देने की भी अनुमति दी है। इसका मतलब है कि आप किसी संपत्ति को उपयोग कर सकते हैं, वहां रह सकते हैं, उससे लाभ भी उठा सकते हैं, लेकिन मालिक नहीं बन सकते। इसके अलावा, “लीज एग्रीमेंट” यानी किराए पर लेने की सुविधा भी पहले की तरह जारी रहेगी। आप कम या लंबी अवधि के लिए कोई संपत्ति किराये पर ले सकते हैं।

अब एक बड़ा सवाल—अगर कोई विदेशी झूठे दस्तावेज़ों से प्रॉपर्टी खरीदने की कोशिश करता है, तो? तो इसके लिए भी बहुत सख्त नियम बनाए गए हैं। हर विदेशी को नेशनल रियल एस्टेट रजिस्ट्री में संपत्ति पंजीकृत करानी अनिवार्य होगी।

ट्रांसफर करते वक्त अधिकतम 5% शुल्क देना होगा। और अगर कोई दस्तावेज़ झूठा निकला या कानून का उल्लंघन पाया गया, तो 1 करोड़ सऊदी रियाल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है—जो भारतीय मुद्रा में लगभग 22 करोड़ रुपये होता है। इतना ही नहीं, सरकार संपत्ति को जब्त भी कर सकती है।

यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा जो पहले से सऊदी में संपत्ति के मालिक हैं। यानी अगर आपने पहले किसी प्रकार से प्रॉपर्टी ली है और वह वैध है, तो आपके अधिकार सुरक्षित रहेंगे। खास बात यह है कि अब Gulf Cooperation Council (GCC) के सदस्य देशों को भी मक्का और मदीना में संपत्ति खरीदने की अनुमति मिल गई है, जो पहले संभव नहीं था। यानी धीरे-धीरे सऊदी अपने रियल एस्टेट सिस्टम को liberal बना रहा है।

अब सवाल उठता है कि भारत के लोगों को इसका क्या लाभ होगा? तो इसका जवाब सीधा है—अगर आप सऊदी में रह रहे हैं, काम कर रहे हैं, या भविष्य में रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित, आध्यात्मिक और आधुनिक स्थान तलाश रहे हैं—तो सऊदी आपके लिए एक नया विकल्प बन चुका है। लाखों भारतीय जो खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं, उनके लिए यह कानून किसी तोहफे से कम नहीं है। अब वे न सिर्फ पैसा भेज सकते हैं, बल्कि उस देश की ज़मीन में अपनी जड़ें भी जमा सकते हैं।

लेकिन साथ ही, इस सुनहरे मौके के साथ जिम्मेदारी भी आती है। Investors को सलाह दी गई है कि वे जल्दबाज़ी में कोई फैसला न लें। अगले छह महीनों में सरकार विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि किस क्षेत्र में संपत्ति खरीदी जा सकती है, किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, और पूरी प्रक्रिया क्या होगी। इसलिए अगर आप इस मौके का सही लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको इन नियमों पर नजर बनाए रखनी होगी।

यह बदलाव सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि Saudi Arabia के भीतर हो रहे सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक है। विजन 2030 के तहत सऊदी अब केवल तेल की अर्थव्यवस्था नहीं रहना चाहता। वह टूरिज्म, हेल्थकेयर, एजुकेशन और रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में Global investment को आकर्षित करना चाहता है। और यही वजह है कि वह दुनिया के Investors के लिए अपने दरवाज़े खोल रहा है।

भारत और सऊदी के रिश्ते सदियों पुराने हैं—व्यापार, संस्कृति, मज़दूरी, और आस्था के रूप में। अब जब सऊदी ने संपत्ति के क्षेत्र में भी भारत के लिए रास्ता खोला है, तो यह रिश्ते को और गहरा करने का अवसर है। भारतीयों को न केवल Investment का एक नया विकल्प मिला है, बल्कि अब उन्हें उस ज़मीन में अपना स्थाई स्थान बनाने का मौका मिला है, जो सदियों से केवल एक कामकाजी ठिकाना रही थी।

तो अगर आप विदेश में एक स्थिर और लाभदायक रियल एस्टेट Investment की सोच रहे हैं, तो अब आपकी सूची में Saudi Arabia भी शामिल हो चुका है। लेकिन याद रखिए—नियमों को समझिए, प्रक्रिया को फॉलो कीजिए, और हर कदम सोच-समझकर उठाइए। क्योंकि ये मौका जितना सुनहरा है, उतना ही संवेदनशील भी है।

ये कहानी सिर्फ एक नियम बदलने की नहीं है। ये कहानी है उस नई सोच की, जिसमें एक पारंपरिक देश अपने दरवाज़े वैश्विक नागरिकों के लिए खोल रहा है। और भारत, जिसने हमेशा हर बदलाव को अवसर में बदला है—इस बार भी पीछे नहीं रहेगा।

Conclusion

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