Financial Growth: Sankarsh Chanda की प्रेरक कहानी खेलने-खाने की उम्र में बचाए सिर्फ 2,000, 7 साल में बन गए अरबपति I

नमस्कार दोस्तों, सोचिए, 17 साल का एक बच्चा, जो अपने दोस्तों के साथ खेलने, घूमने और जेब खर्च करने की उम्र में अपने पैसों को बचा रहा था। न तो महंगी चीजों का लालच, न ही फैशनेबल गैजेट्स की चाहत। बल्कि वह उन पैसों को एक ऐसी जगह Investment कर रहा था, जो दुनिया के सबसे Risk भरे खेलों में से एक मानी जाती है – शेयर बाजार। 2,000 रुपये, बस इतना ही। लेकिन 7 साल बाद, वही 2,000 रुपये एक विशाल साम्राज्य में बदल गए।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं Sankarsh Chanda की अनोखी और प्रेरक कहानी। कैसे एक साधारण लड़के ने कम उम्र में इतना बड़ा रिस्क लिया, कैसे शेयर बाजार में अपनी समझ और दृढ़ निश्चय से उसने अरबों की संपत्ति खड़ी की।

Sankarsh Chanda का बचपन और उनकी शुरुआती बचत की आदतें क्या थीं?

Sankarsh Chanda हैदराबाद के रहने वाले हैं। उनका बचपन आम बच्चों की तरह ही था, लेकिन एक चीज जो उन्हें बाकी बच्चों से अलग बनाती थी, वो थी उनकी सोच। जिस उम्र में बच्चे जेब खर्च को चॉकलेट, खिलौनों या वीडियो गेम्स पर खर्च करते हैं, उस उम्र में संकर्ष पैसे बचाने पर ध्यान दे रहे थे। उन्होंने अपने जेब खर्च और छोटी-छोटी बचतों को संभालना शुरू किया।

उनकी सोच शुरू से ही अलग थी। जहां अधिकतर बच्चे पैसे को तुरंत खर्च करने में विश्वास रखते थे, संकर्ष ने पैसे को बचाकर उससे कुछ बड़ा करने की योजना बनाई। जब उनके पास 2,000 रुपये इकट्ठे हो गए, तो उन्होंने इसे सिर्फ बचाकर नहीं रखा, बल्कि इसे Investment करने का मन बना लिया।

Sankarsh Chanda को Investment की प्रेरणा कैसे मिली, और उन्होंने शुरुआती Investment Knowledge कैसे हासिल किया?

Sankarsh Chanda ने बचपन से ही पैसों के महत्व को समझ लिया था, लेकिन असली बदलाव तब आया जब उन्होंने 17 साल की उम्र में बेंजामिन ग्राहम का एक आर्टिकल पढ़ा। बेंजामिन ग्राहम, जिन्हें “वैल्यू इन्वेस्टिंग का जनक” कहा जाता है, उनकी किताब और लेखों ने संकर्ष को शेयर बाजार की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। उस समय संकर्ष बेननेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा में पढ़ाई कर रहे थे और उनकी उम्र मात्र 17 वर्ष थी। उन्होंने ग्राहम के सिद्धांतों को पढ़ा और समझा कि कैसे लंबे समय तक सोच-समझकर किया गया Investment भारी मुनाफा कमा सकता है।

उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए शेयर बाजार के बारे में खुद से रिसर्च करनी शुरू की। उन्होंने Online articles, videos और किताबों के जरिए अपनी समझ को मजबूत किया। जल्द ही उन्होंने 2,000 रुपये की अपनी छोटी बचत को शेयर बाजार में लगाने का फैसला कर लिया।

Sankarsh Chanda ने अपना पहला Investment कैसे किया, और उनकी अनुशासित रणनीति क्या थी?

2,000 रुपये की मामूली रकम के साथ Sankarsh Chanda ने शेयर बाजार में पहला Investment किया। लेकिन उनकी रणनीति बाकी Investors से अलग थी। उन्होंने ग्राहम की वैल्यू इन्वेस्टिंग की अवधारणा अपनाई, जिसका अर्थ है – ऐसी कंपनियों में Investment करना जो अपने मौजूदा मूल्य के मुकाबले अंडरवैल्यूड (कम मूल्य की) हों, लेकिन भविष्य में उनमें बड़ा मुनाफा कमाने की संभावना हो।

पहले Investment के बाद, उन्होंने हर महीने मिलने वाले जेब खर्च और बचत को भी जोड़कर शेयर बाजार में Investment करना शुरू किया। उन्होंने जल्दबाजी नहीं की, बल्कि सही रिसर्च और अनुशासन का पालन किया।

इस रणनीति का परिणाम यह हुआ कि दो साल में उनका Investment 1.5 लाख रुपये तक पहुंच गया। यह राशि धीरे-धीरे बढ़ती रही और कुछ ही सालों में यह रकम 13 लाख रुपये तक पहुंच गई। संकर्ष ने इस दौरान कभी जल्दबाजी में निर्णय नहीं लिया, बल्कि हर कदम सोच-समझकर उठाया।

Sankarsh Chanda को शुरुआती मुनाफा कैसे मिला, और उन्होंने अपने स्टार्टअप की नींव कैसे रखी?

शेयर बाजार से ठीक-ठाक मुनाफा कमाने के बाद संकर्ष ने सिर्फ इन्वेस्टमेंट पर निर्भर रहने की बजाय एक और बड़ा कदम उठाया। उन्होंने अपने कमाए हुए मुनाफे में से 8 लाख रुपये निकालकर एक स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया।

इस स्टार्टअप का नाम था Savart, जिसका पूरा नाम है – Swabodh Infinity Investment Advisors Private Limited। यह स्टार्टअप एक फिनटेक कंपनी है, जो Investors को शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड्स में Investment के लिए गाइड करती है। Sankarsh Chanda ने अपने अनुभव और रिसर्च का उपयोग करते हुए इस कंपनी को बनाया। इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को वित्तीय जागरूकता देना और उन्हें समझदारी से Investment करना सिखाना था। उनकी यह कंपनी धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगी और Investors के बीच भरोसेमंद बन गई।

Sankarsh Chanda के स्टार्टअप की कमाई और सफलता कैसे बढ़ी?

सावर्ट की शुरुआत के बाद Sankarsh Chanda ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले ही साल में उनकी कंपनी ने लगभग 12 लाख रुपये का मुनाफा कमाया। उनकी स्मार्ट रणनीतियों और ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने के कारण उनकी कंपनी लगातार ग्रोथ करती रही।

2020-21 तक सावर्ट की कमाई बढ़कर 40 लाख रुपये तक पहुंच गई। इस बीच, संकर्ष ने अपनी स्टार्टअप से होने वाली कमाई को फिर से शेयर बाजार में Investment किया और अपनी संपत्ति को और भी तेजी से बढ़ाया। उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण था – अनुशासन, रिसर्च और धैर्य। उन्होंने दिखा दिया कि अगर सही रणनीति और दृढ़ निश्चय के साथ Investment किया जाए, तो बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।

कुछ ही सालों में संकर्ष की मेहनत और Investment की समझ ने उन्हें एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनकी कुल नेटवर्थ अब 100 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है। उनकी सफलता इस बात का सबूत है कि उम्र मायने नहीं रखती, बल्कि सोच और रणनीति मायने रखती है।

आज Sankarsh Chanda कई Investors को सलाह देते हैं और उनकी कंपनी सावर्ट, हजारों Investors को सही Investment के लिए मार्गदर्शन दे रही है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय Discipline Investing, सीखने की ललक और Risk लेने की क्षमता को दिया है।

Sankarsh Chanda की सफलता से हमें कौन-कौन सी सीख और प्रेरणा मिलती है?

Sankarsh Chanda की कहानी हमें कई महत्वपूर्ण सबक देती है। सबसे पहला सबक – छोटी शुरुआत भी बड़ी हो सकती है। 2,000 रुपये की मामूली बचत को सही दिशा में लगाकर अरबों रुपये की संपत्ति बनाई जा सकती है।

दूसरा सबक – शेयर बाजार में ज्ञान सबसे बड़ी ताकत है। बिना रिसर्च और समझ के Investment करना खतरनाक हो सकता है।

तीसरा सबक – धैर्य और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। जल्दबाजी में निर्णय लेने की बजाय लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना ही असली समझदारी है।

Conclusion

तो दोस्तों, Sankarsh Chanda की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि सही सोच, मेहनत और धैर्य के साथ कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने 2,000 रुपये से शुरुआत करके अपनी समझ और रिसर्च के दम पर अरबपति बनने का सफर तय किया। उनकी कहानी न सिर्फ युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि हर Investors के लिए सीखने योग्य है। याद रखें – छोटी शुरुआत भी बड़ी सफलता का रास्ता खोल सकती है।

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