नमस्कार दोस्तों, कल्पना कीजिए, एक ऐसा व्यक्ति जिसे दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनी ऐपल में ऊंचे ओहदे पर नौकरी मिल चुकी हो, जिसकी सैलरी करोड़ों में हो, और जो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में सबसे सुरक्षित करियर बना चुका हो। लेकिन वह व्यक्ति अचानक एक ऐसा फैसला करता है, जो उसके परिवार, दोस्तों और साथियों की समझ से परे होता है।
वह सबकुछ छोड़ देता है – अपनी जमी-जमाई नौकरी, ऊंची सैलरी और वह प्रतिष्ठा, जिसके लिए लाखों लोग सपने देखते हैं। उसके इस फैसले को सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं। कुछ कहते हैं कि “यह उसकी सबसे बड़ी गलती होगी।” कुछ उसे “बेवकूफ” कहने लगते हैं, तो कुछ दया भरी नजरों से देखते हैं, मानो उसने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा नुकसान कर लिया हो। लेकिन वही व्यक्ति, जिसे दुनिया ने नासमझ बताया, महज 5 साल में 9,100 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर देता है।
यह कहानी है nirmit parekh की, जिन्होंने न केवल अपने फैसले को सही साबित किया, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार दिलाने वाला एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया, जिसने भारत में हायरिंग इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदल दिया। उनकी कंपनी ‘अपना’ आज 1.1 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर पहुंच चुकी है और 1.5 लाख से अधिक कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने की उनकी यात्रा इतनी आसान नहीं थी।
यह कहानी है संघर्ष, साहस और एक ऐसे सपने की, जिसने सबकुछ बदल कर रख दिया। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे। लेकिन उससे पहले, अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं, तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें, ताकि हमारी हर नई वीडियो की अपडेट सबसे पहले आपको मिलती रहे। तो चलिए, बिना किसी देरी के आज की चर्चा शुरू करते हैं!
Nirmit parekh को बचपन से ही टेक्नोलॉजी का जुनून क्यों था?
nirmit parekh का जन्म मुंबई के एक साधारण परिवार में हुआ था। लेकिन उनका दिमाग हमेशा कुछ नया करने के लिए उत्सुक रहता था। जब बच्चे खिलौनों से खेलते थे, तब nirmit parekh ने मात्र 7 साल की उम्र में एक डिजिटल घड़ी बना दी थी। यही वह संकेत था, जिसने यह साबित कर दिया कि वह भविष्य में कुछ बड़ा करने वाले हैं।
टेक्नोलॉजी में उनकी रुचि इतनी अधिक थी कि 13 साल की उम्र में उन्होंने रोबोटिक्स की प्रोग्रामिंग सीख ली। यह कोई साधारण बात नहीं थी, क्योंकि उस समय रोबोटिक्स भारत में इतना लोकप्रिय नहीं था। लेकिन nirmit parekh को नई चीजें सीखने और तकनीक की बारीकियों को समझने का इतना जुनून था कि उन्होंने खुद को इस क्षेत्र में निपुण बना लिया।
21 साल की उम्र में, उन्होंने ‘निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से बी टेक किया। लेकिन उनकी सोच सिर्फ डिग्री लेने तक सीमित नहीं थी। उन्होंने कॉलेज के दिनों में ही दो स्टार्टअप शुरू कर दिए। पहला स्टार्टअप ‘इनकोन टेक्नोलॉजीज’ था, जो flood management के लिए समाधान तैयार करता था। इसके बाद उन्होंने ‘Cruxbox’ नाम से एक और कंपनी शुरू की, जिसने टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई।
इसके अलावा, nirmit parekh के स्टार्टअप को टेक इंडस्ट्री के दिग्गजों ने भी नोटिस किया। इंटेल ने उनके स्टार्टअप ‘Cruxbox’ को खरीद लिया और साथ ही उन्हें अपनी कंपनी में जॉब भी ऑफर कर दी। nirmit parekh ने इंटेल में डेटा एनालिटिक्स डायरेक्टर के रूप में काम किया। लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं थी। उन्होंने जॉब के साथ ही स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए भी कर लिया।
इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि वे किसी और की कंपनी में काम करने के बजाय खुद का कुछ बड़ा बनाना चाहते हैं। एमबीए पूरा करने के बाद, उन्होंने इंटेल को छोड़कर ऐपल जॉइन कर लिया। यहां उन्हें दुनिया की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक में काम करने का मौका मिला। उन्होंने आईफोन की प्रोडक्ट और स्ट्रैटेजी टीम में काम किया। यह उनके करियर का सबसे बड़ा और सुरक्षित दौर था। लेकिन उनके भीतर कुछ और ही चल रहा था।
वह कौन सा आइडिया था जिसने nirmit parekh की जिंदगी बदल दी?
ऐपल में काम करते हुए, nirmit parekh को महसूस हुआ कि भारत में ब्लू-कॉलर वर्कर्स और कंपनियों के बीच एक बड़ा गैप है। लाखों लोग नौकरी की तलाश में हैं, लेकिन कंपनियों तक उनकी पहुंच नहीं है। कंपनियां भी ऐसे कर्मचारियों को खोजने में संघर्ष कर रही थीं।
nirmit parekh को यह समझ में आया कि अगर एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए, जो नौकरी ढूंढने वालों और कंपनियों के बीच सीधा संपर्क बना सके, तो इससे लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है। यह एक ऐसा आइडिया था, जिसे वे नजरअंदाज नहीं कर सकते थे। लेकिन इसे हकीकत में बदलने के लिए उन्हें एक बहुत बड़ा बलिदान देना था। nirmit parekh ने फैसला किया कि वे ऐपल की करोड़ों की नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू करेंगे। यह उनके लिए सबसे कठिन फैसला था। उनके परिवार, दोस्त और कलीग्स ने इस फैसले को लेकर उनकी आलोचना की।
“ऐपल जैसी कंपनी में इतनी बड़ी नौकरी छोड़ना बेवकूफी है!” “कोई भी इस इंडस्ट्री में सफल नहीं हो सकता, जहां पहले से बड़े खिलाड़ी मौजूद हैं!” “तुम्हारे पास एक सुरक्षित करियर है, इसे क्यों छोड़ रहे हो?” लेकिन nirmit parekh को खुद पर भरोसा था। उन्होंने 2019 में अपनी कंपनी ‘अपना’ की शुरुआत की। यह एक ऐसा मंच था, जो ब्लू-कॉलर वर्कर्स और कंपनियों को जोड़ने का काम करता था।
Apna’ भारत का सबसे बड़ा जॉब प्लेटफॉर्म कैसे बना?
nirmit parekh की कंपनी ‘अपना’ 22 महीनों के अंदर यूनिकॉर्न कंपनी बन गई। यानी यह एक ऐसी कंपनी बन गई, जिसकी वैल्यू एक बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। आज ‘अपना’ का वैल्यूएशन 9,100 करोड़ रुपये से भी अधिक है। इस प्लेटफॉर्म पर 1.5 लाख से अधिक कंपनियां रजिस्टर्ड हैं।
इनमें अनअकैडमी, बिगबास्केट, वाइटहैट जूनियर, फ्लिपकार्ट, जोमैटो और डेल्हीवेरी जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। ‘अपना’ ने लाखों लोगों को रोजगार दिलाने में मदद की है। यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और उन्हें नौकरियों की सही जानकारी नहीं मिल पाती।
nirmit parekh की कहानी हमें यह सिखाती है कि Risk उठाने की हिम्मत हो, तो सफलता जरूर मिलती है। अगर वे ऐपल की नौकरी में ही फंसे रहते, तो शायद वे आज 9,100 करोड़ की कंपनी के मालिक नहीं होते। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि समाज हमेशा आपके फैसलों की आलोचना करेगा।
लोग आपको “बेवकूफ” कहेंगे, आपके फैसलों को गलत ठहराएंगे, लेकिन जब आप सफल होंगे, तो वही लोग आपके बारे में गर्व से बात करेंगे। अगर आपके पास भी कोई आइडिया है, अगर आपको लगता है कि आप कुछ अलग कर सकते हैं, तो डरिए मत! अपने सपनों के लिए आगे बढ़िए, क्योंकि हो सकता है कि आपकी कहानी भी अगला बड़ा इतिहास लिख दे!
Conclusion
तो दोस्तों, nirmit parekh की यह कहानी साबित करती है कि कभी-कभी “बेवकूफी” ही सबसे बड़ा बदलाव लाती है। अगर आपके अंदर जुनून है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं। क्या आपको भी लगता है कि Risk लेने वाले लोग ही असली लीडर्स होते हैं? क्या आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसने अपनी नौकरी छोड़कर कुछ बड़ा किया हो? हमें कमेंट में बताइए!
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