Larry Fink का भारत में बड़ा दांव! आधे अमेरिका का मालिक अब भारत में रचेगा निवेश की नई कहानी I 2025

किसी साधारण से दिखने वाले इंसान की असाधारण ताकत का अंदाज़ा तब लगता है जब उसका नाम सुनकर दुनिया के सबसे बड़े राजनेता, अरबपति और कॉरपोरेट घराने चुप हो जाएं। एक ऐसा नाम, जो खुद को कभी अरबपति नहीं कहता, लेकिन जिसकी उंगलियों की हरकत पर अरबों डॉलर की पूंजी नाचती है। एक ऐसा नाम, जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की नीतियों को बदल सकता है, और सरकारों के फैसलों को प्रभावित कर सकता है—बिना चुनाव लड़े, बिना किसी सैन्य ताकत के।

यह कहानी है Larry Fink की। उस व्यक्ति की, जिसे दुनिया आधे अमेरिका का मालिक कहती है। और अब वही Larry Fink भारत में भी दस्तक दे चुके हैं। वो भी अकेले नहीं, बल्कि देश के सबसे ताकतवर कारोबारी परिवार यानी अंबानी के साथ मिलकर। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे। लेकिन उससे पहले, अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं, तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें, ताकि हमारी हर नई वीडियो की अपडेट सबसे पहले आपको मिलती रहे। तो चलिए, बिना किसी देरी के आज की चर्चा शुरू करते हैं!

भारत में म्यूचुअल फंड Investment का जो माहौल बना है, उसमें अब एक क्रांतिकारी मोड़ आ चुका है। दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने, भारत के जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ मिलकर म्यूचुअल फंड बिजनेस में एंट्री कर ली है। इस जॉइंट वेंचर का उद्देश्य है कि वो भारतीय Investors के लिए एक नया डिजिटल और डेटा-ड्रिवन Investment अनुभव तैयार करे। खासकर, युवा और ग्रामीण Investors को लक्ष्य बनाकर यह साझेदारी बनाई गई है। लेकिन असली कहानी यहीं से शुरू होती है। क्योंकि ब्लैकरॉक का नाम सिर्फ Investment तक सीमित नहीं है—यह एक ऐसी ताकत है जो वॉल स्ट्रीट से लेकर व्हाइट हाउस तक असर डालती है।

जनवरी 2025 तक ब्लैकरॉक के पास कुल 11.6 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है। आप सोच रहे होंगे कि यह आंकड़ा कितना बड़ा है? तो जान लीजिए कि यह संपत्ति कई देशों की पूरी जीडीपी से कहीं ज्यादा है। उदाहरण के लिए, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, भारत—इन सभी की जीडीपी इस फिगर से कम है। अमेरिका की पूरी जीडीपी लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर है, और अकेले ब्लैकरॉक के पास इसका एक तिहाई एसेट है। यानी सीधे तौर पर यह कंपनी आधे अमेरिका की पूंजी को संचालित कर रही है। और उस कंपनी की कमान जिस शख्स के हाथ में है, उसका नाम है Larry Fink।

Larry Fink इस कंपनी के चेयरमैन और सीईओ हैं। उन्होंने 1988 में सात दोस्तों के साथ मिलकर ब्लैकरॉक की नींव रखी थी। तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह कंपनी कभी दुनिया की सबसे शक्तिशाली एसेट मैनेजमेंट फर्म बन जाएगी। लेकिन लैरी की दूरदृष्टि, उनकी रिस्क एनालिसिस और टेक्नोलॉजी की समझ ने ब्लैकरॉक को वहां पहुंचा दिया, जहां से अब वह सिर्फ एक Investor नहीं बल्कि ‘ग्लोबल किंगमेकर’ बन चुकी है। ब्लैकरॉक की हिस्सेदारी एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, गूगल, टेस्ला, रिलायंस, एचडीएफसी बैंक जैसी कंपनियों में है। यानी यह फर्म अपने आप में एक global financial superpower है।

लेकिन मजे की बात यह है कि Larry Fink का नाम फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में कहीं नजर नहीं आता। वजह यह है कि वो पैसा जो उनके नियंत्रण में है, वो उनका निजी नहीं है। वो आम लोगों की जमापूंजी है, जो उन्होंने म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, ETF और अन्य स्कीमों में Investment किया है। यही पैसा ब्लैकरॉक के जरिए दुनियाभर के शेयर बाजारों में लगाया जाता है। यानी वो जनता का पैसा है, लेकिन उसे कैसे और कहां लगाना है, यह तय Larry Fink करते हैं। और यही वजह है कि उन्हें “The Most Powerful Man in Finance” कहा जाता है।

एसेट मैनेजमेंट का काम क्या होता है, इसे समझना बेहद ज़रूरी है। जब आप किसी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, तो वह पैसा एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी यानी AMC के पास जाता है। यह कंपनी फिर उस पैसे को स्टॉक्स, बॉन्ड्स, रियल एस्टेट या अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में लगाती है। इनका मकसद होता है Investors को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न देना, और साथ ही Risk को भी संतुलित रखना। ब्लैकरॉक इसी तरह की एक कंपनी है—लेकिन सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली।

ब्लैकरॉक की सफलता का एक बड़ा कारण उसका टेक्नोलॉजिकल प्लेटफॉर्म है—Aladdin। यह कोई परी-कथा वाला जादुई चिराग नहीं है, बल्कि एक अल्ट्रा-सोफिस्टिकेटेड फाइनेंशियल डेटा एनालिसिस सिस्टम है। Aladdin की मदद से ब्लैकरॉक दुनियाभर के वित्तीय बाजारों के ट्रेंड्स को पकड़ पाता है, रिस्क एनालिसिस करता है और बड़े-बड़े Investment निर्णय लेता है। अब यही Aladdin भारत में भी दस्तक देने वाला है, क्योंकि JioBlackRock इसे आम भारतीय Investors के लिए उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। सोचिए, अगर Jio ने टेलीकॉम सेक्टर में इंटरनेट को आम आदमी तक पहुंचाया, तो क्या यह साझेदारी फाइनेंस की दुनिया में भी वैसी ही क्रांति ला पाएगी?

Larry Fink की जिंदगी भी किसी फिक्शन से कम नहीं है। वो कैलिफोर्निया में एक मिडल क्लास यहूदी परिवार में पैदा हुए। उनके माता-पिता का छोटा सा घर था, और कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने उधार लेकर की थी। लेकिन उन्होंने बहुत जल्दी फाइनेंस की दुनिया में अपनी पकड़ बना ली। सबसे पहले उन्होंने Investment बैंकर के तौर पर काम शुरू किया, और फिर 1986 में एक गलत फैसले के कारण करीब 100 मिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा। लेकिन यहीं से शुरू हुई उनके जीवन की असली कहानी।

इस नाकामी से लैरी ने सीखा कि बिना रिस्क मैनेजमेंट के फाइनेंशियल सिस्टम चलाना आत्मघाती है। इसी सोच के साथ उन्होंने 1988 में ब्लैकरॉक की नींव रखी। और शुरुआत से ही उनका फोकस था डेटा एनालिसिस, रिस्क कंट्रोल और ट्रांसपेरेंसी। उन्होंने पारंपरिक Investment मॉडलों को चुनौती दी, और टेक्नोलॉजी को फाइनेंस में गहराई से जोड़ दिया।

आज ब्लैकरॉक के पास न सिर्फ एसेट्स हैं, बल्कि दुनिया की कई सरकारें भी उसके क्लाइंट हैं। कई देशों के पेंशन फंड्स, सरकारी बॉन्ड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में ब्लैकरॉक की भागीदारी है। यहां तक कि संकट में फंसी सरकारें भी ब्लैकरॉक से सलाह लेती हैं कि कैसे आर्थिक हालत को संभाला जाए।

भारत के संदर्भ में यह साझेदारी इसलिए भी अहम है क्योंकि यहां फाइनेंशियल लिटरेसी की कमी है। लोग Investment के नाम पर या तो बैंक में एफडी करते हैं, या फिर गोल्ड खरीद लेते हैं। लेकिन अब जब JioBlackRock जैसे प्लेटफॉर्म लोगों को आसान, पारदर्शी और डेटा-ड्रिवन Investment के विकल्प देंगे, तो एक नया युग शुरू हो सकता है। खासकर युवा Investors को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जो इंस्टाग्राम पर रील्स तो बना लेते हैं लेकिन SIP क्या है, यह नहीं जानते।

Jio और ब्लैकरॉक की यह साझेदारी भारत में वित्तीय समावेशन यानी फाइनेंशियल इंक्लूजन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इसका उद्देश्य है हर भारतीय के हाथ में Investment का चिराग देना। और यह तभी संभव है जब आम आदमी को यह समझाया जाए कि उसका पैसा कैसे बढ़ सकता है।

Larry Fink का विजन भी इसी ओर इशारा करता है। उनका मानना है कि पब्लिक मनी यानी जनता का पैसा अगर सही दिशा में लगाया जाए, तो न सिर्फ व्यक्ति बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो सकती है। उन्होंने हमेशा लॉन्ग टर्म थिंकिंग को बढ़ावा दिया है। उनका कहना है कि कंपनियों को केवल तिमाही नतीजों के लिए नहीं, बल्कि दशकों के विकास के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

और शायद यही वजह है कि Larry Fink और ब्लैकरॉक को लेकर कई बार विवाद भी खड़े होते हैं। उन पर यह आरोप लगता रहा है कि वो कंपनियों के कामकाज में बहुत ज्यादा दखल देते हैं। Environment, Social and Governance (ESG) से जुड़े मुद्दों पर उनका रुख कई बार कटघरे में आ चुका है। लेकिन फिर भी, वो हर साल Investors के नाम एक लंबा पत्र लिखते हैं, जिसमें वो न सिर्फ आर्थिक दिशा की बात करते हैं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों की भी चर्चा करते हैं।

भारत में जब यह साझेदारी पूरी तरह लॉन्च होगी, तब इसके कई स्तर होंगे—म्यूचुअल फंड, ETF, डिजिटल Investment ऐप्स, और शायद भविष्य में क्रिप्टो या ग्रीन इन्वेस्टमेंट जैसे विकल्प भी। यानी यह केवल एक बिजनेस डील नहीं, बल्कि Investment संस्कृति का ट्रांसफॉर्मेशन है।

Larry Fink की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह जनता के पैसे से जनता का भविष्य तय करने का हुनर जानते हैं। और भारत जैसे देश में, जहां करोड़ों लोग अभी भी अपने पैसे को तकिए के नीचे रखते हैं, वहां अगर उन्हें भरोसे और तकनीक के जरिये Investment की दुनिया से जोड़ा जाए, तो यह गेमचेंजर साबित हो सकता है।

Conclusion

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