सोचिए… एक दिन आप आराम से अपने ऑफिस में बैठे हैं, चाय की चुस्की लेते हुए लैपटॉप पर कुछ काम कर रहे हैं, और तभी मोबाइल में एक मेल आता है—”Income Tax Department: Notice Issued”। हाथ कांपने लगते हैं, माथे पर पसीना आ जाता है, और दिल में एक ही सवाल गूंजता है—“मैंने तो कुछ गलत नहीं किया, फिर नोटिस क्यों आया?” जवाब बहुत सीधा है—आपने ITR नहीं भरा, जबकि भरना ज़रूरी था।
भारत में हर साल करोड़ों लोग Income Tax Return (ITR) भरते हैं। लेकिन एक बड़ा तबका ऐसा भी होता है जिसे लगता है—“मेरी इनकम तो छूट सीमा से कम है, मुझे रिटर्न भरने की क्या ज़रूरत?” लेकिन सच्चाई ये है कि Income Tax Law के तहत कुछ ऐसे मामले हैं, जिनमें आपकी income भले ही टैक्स स्लैब से कम हो, फिर भी ITR फाइल करना अनिवार्य है। और अगर आप चूक गए, तो सिर्फ फाइन नहीं, गंभीर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
आपको बता दें कि ITR फाइल करने की डेडलाइन पास आ रही है। Income Tax Department ने साफ़ कर दिया है कि 15 सितंबर तक जिन लोगों को ITR भरना ज़रूरी है, वो भरें—वरना सिस्टम उन्हें डिफॉल्टर मानेगा। इस स्क्रिप्ट में हम आपको बताएंगे उन 8 ऐसी स्थितियों के बारे में जिनसे आप शायद जुड़ते हों और जिनकी वजह से आपको ITR फाइल करना ही होगा—वरना पेनल्टी, नोटिस और टैक्स रिफंड का नुकसान तय है।
पहली स्थिति—अगर आपने किसी की, या खुद की विदेश यात्रा पर साल भर में 2 लाख या उससे ज्यादा खर्च किया है। जी हां, अब विदेश जाना सिर्फ पासपोर्ट और वीज़ा तक सीमित नहीं रहा—अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख से ज्यादा खर्च किया है, तो फिर आपकी इनकम चाहे टैक्स स्लैब में आती हो या नहीं, आपको ITR भरना अनिवार्य है। यह कानून इसलिए है ताकि इनकम टैक्स विभाग यह ट्रैक कर सके कि आपकी income और खर्च में कोई अंतर तो नहीं। और अगर आपने यह खर्च किसी और के लिए किया है—जैसे माता-पिता या बच्चों के लिए—तो भी आपके लिए ITR ज़रूरी हो सकता है।
दूसरी स्थिति—अगर आपके पास विदेशी संपत्ति, विदेशी शेयर या विदेश से income आती है। आजकल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे IND money, Groww या Vested के ज़रिए बहुत से लोग विदेशी कंपनियों के स्टॉक्स में Investment करते हैं—जैसे Apple, Tesla, Google। अगर आपने भी ऐसा किया है, तो भले ही आपकी भारत में टैक्स योग्य इनकम कम हो, लेकिन फिर भी ITR फाइल करना अनिवार्य है।
इसका कारण है Income Tax Act की धारा 139(1)—जो कहती है कि यदि आपके पास विदेश में किसी भी तरह की संपत्ति है, विदेशी डिविडेंड आता है या आपके पास किसी विदेशी अकाउंट पर साइनिंग अथॉरिटी है, तो आप पर ITR फाइल करने की बाध्यता है। यहां तक कि अगर आपने ये Investment अपने माता-पिता के नाम से किया है, और उनकी income टैक्स से नीचे है, तब भी उन्हें ITR भरना होगा।
तीसरी स्थिति—अगर आपके ऊपर या आपके नाम पर 25,000 या उससे ज़्यादा का TDS या TCS काटा गया है। अप्रैल 2022 से एक नया नियम लागू हुआ है—जिसके तहत यदि किसी व्यक्ति के नाम पर पूरे fiscal year में 25,000 या उससे ज़्यादा का Tax deduction at source काटा गया (TDS) या एकत्र (TCS) किया गया है, तो उसे ITR फाइल करना जरूरी होगा। यानी अगर आपने FD से ब्याज पाया हो, फ्रीलांसिंग की हो, किसी पेमेंट पर TDS कट गया हो—तो फिर आपको ITR फाइल करना ही होगा, नहीं तो टैक्स विभाग पूछ सकता है—“आपने क्यों नहीं फाइल किया?”
चौथी स्थिति—अगर आप बिज़नेस या प्रोफेशन में हैं और आपकी टर्नओवर/कमाई कुछ निश्चित सीमा से ऊपर है। यानी यदि आप व्यवसाय में हैं और सालाना 60 लाख या उससे ज़्यादा की बिक्री करते हैं, या फिर प्रोफेशनल हैं (जैसे डॉक्टर, वकील, CA) और आपकी कुल आमदनी 10 लाख से ज़्यादा है, तो आपको ITR फाइल करना जरूरी है। यह कानून इसीलिए लाया गया है ताकि Independent professional और व्यापारी वर्ग अपनी आमदनी पारदर्शी रूप से घोषित करें।
पाँचवीं स्थिति—अगर आप Income tax refund का दावा करना चाहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि TDS कट गया होता है लेकिन आपकी कुल आमदनी छूट सीमा से कम होती है। ऐसे में आपको टैक्स रिफंड मिल सकता है—लेकिन उसके लिए ITR फाइल करना ज़रूरी है। बिना ITR के रिफंड नहीं मिलेगा। Income Tax Department पहले ITR में दिए गए आंकड़ों की पुष्टि करता है, फिर रिफंड जारी करता है। इसलिए अगर आपने ये सोचकर ITR नहीं भरा कि “मुझे टैक्स नहीं देना,” तो रुकिए—क्योंकि बिना ITR आप अपना ही पैसा वापस नहीं ले पाएंगे।
छठी स्थिति—अगर आपने एक साल में 1 लाख या उससे ज्यादा का बिजली बिल चुकाया है। आजकल ज्यादातर लोग एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव, हाई पावर गैजेट्स इस्तेमाल करते हैं और महीने का बिल 8,000 से 10,000 तक पहुँच जाता है। साल में यह रकम 1 लाख या उससे ज़्यादा हो सकती है। ऐसे में Income Tax Department का नियम है—अगर आपने बिजली के लिए साल भर में 1 लाख या उससे ज्यादा चुकाया है, तो आपको ITR फाइल करना ही होगा—वरना नोटिस आ सकता है।
सातवीं स्थिति—अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट में 50 लाख या चालू खाते में 1 करोड़ से ज्यादा जमा किया है। यह नियम खासतौर पर उन लोगों पर लागू होता है जो किसी प्रॉपर्टी डील, व्यापार, शेयर्स की बिक्री या किसी और कारण से एकमुश्त राशि खाते में जमा करते हैं। चाहे वह पैसे सफेद हों, लेकिन Income Tax Department को इसकी जानकारी चाहिए होती है। अगर आपने इतनी बड़ी रकम जमा की है और ITR नहीं भरा, तो समझिए कि विभाग को आपकी फाइल तुरंत खंगालने का अधिकार मिल जाता है।
आठवीं और आखिरी स्थिति—अगर आपने Long term capital gains (LTCG) पर छूट का दावा किया है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने कोई प्रॉपर्टी बेची और उससे मिली राशि को, दूसरी प्रॉपर्टी या सरकारी बांड में Investment कर दिया ताकि LTCG टैक्स से छूट मिल जाए। ऐसे मामलों में आपकी छूट भले ही वैध हो, लेकिन आपको ITR फाइल करके उस छूट का विवरण देना जरूरी है। Income Tax Act की कई धाराएं—54, 54F, 54EC आदि इसी से संबंधित हैं। अगर आपने ITR फाइल नहीं किया, तो छूट का दावा भी अमान्य हो सकता है।
अब ज़रा सोचिए—इन आठों में से कितनी बातें आप पर लागू होती हैं? आपने विदेश यात्रा की? क्या आपके FD पर TDS कटा? बिजली का बिल 1 लाख पार किया? या फिर आपके सेविंग अकाउंट में भारी रकम जमा हुई? अगर हाँ, तो आपके लिए ITR फाइल करना अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, एक कानूनी अनिवार्यता है।
लोग अक्सर सोचते हैं—“मेरी इनकम तो टैक्स स्लैब से नीचे है, मैं क्यों भरूं?” लेकिन अब इनकम ही नहीं, आपकी गतिविधियाँ भी टैक्स सिस्टम की नजर में हैं। चाहे आपने 2 लाख की विदेश यात्रा की हो या 25,000 का TDS कटा हो—आप पर रिटर्न फाइल करने का दायित्व बन जाता है।
एक और महत्वपूर्ण बात—अगर आपने समय पर ITR फाइल नहीं किया, तो आपको 5,000 तक की लेट फाइन लग सकती है। और अगर आपकी कुल आमदनी 5 लाख से कम है, तो भी 1,000 तक का जुर्माना तय है। इसके अलावा, फ्यूचर में लोन लेने, वीज़ा एप्लाई करने या क्रेडिट स्कोर बनवाने में ITR फाइलिंग का रिकॉर्ड बहुत काम आता है।
आईटीआर फाइल करना सिर्फ एक टैक्स प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपकी फाइनेंशियल जिम्मेदारी का प्रमाण भी है। यह दिखाता है कि आप देश के ईमानदार नागरिक हैं और हर उस व्यवस्था का हिस्सा हैं जो भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाती है।
तो इस आर्टिकल को देखने के बाद अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से यह ज़रूर पूछिए—“क्या आपने ITR फाइल किया?” और अगर जवाब “नहीं” है, तो उन्हें यह 8 पॉइंट्स समझाइए। क्योंकि यह सिर्फ टैक्स का मामला नहीं है—यह आपके पैसे, प्रतिष्ठा और फाइनेंशियल भविष्य की सुरक्षा का मामला है।
Conclusion
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