Ajit Jain: वॉरेन बफेट के सबसे बड़े दांव, जिन्हें कहा जाता है ‘आइडिया की फैक्टरी’! 2025

नमस्कार दोस्तों, अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया में सबसे सफल Investor कौन है, तो शायद ज्यादातर लोग तुरंत एक ही नाम लेंगे – वॉरेन बफेट। उन्हें शेयर बाजार का जादूगर कहा जाता है। उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे को Investment की दुनिया का गढ़ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुद वॉरेन बफेट भी किसी के फैन हैं? और वो शख्स कोई अमेरिकी या यूरोपीय नहीं, बल्कि एक भारतीय है!

ये भारतीय कोई और नहीं, बल्कि Ajit Jain हैं – वही शख्स जिन्हें वॉरेन बफेट ने “आइडिया की फैक्टरी” कहा है। जिनके बारे में बफेट ने कहा, “अजीत जैसा कोई नहीं!” और यही नहीं, बफेट ने यहां तक कहा कि बर्कशायर में अजीत को लाना उनका सबसे बड़ा और सबसे अच्छा फैसला था।

आखिर कौन हैं Ajit Jain? और क्यों दुनिया का सबसे बड़ा Investor उन्हें इतनी ऊंची नजरों से देखता है?

उनकी सफलता की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। भारत के एक छोटे से शहर से निकलकर, कैसे उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस साम्राज्य में अपनी जगह बनाई? ये कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि मेहनत, लगन और दूरदृष्टि की भी है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे। लेकिन उससे पहले, अगर आप हमारे चैनल पर नए हैं, तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें, ताकि हमारी हर नई वीडियो की अपडेट सबसे पहले आपको मिलती रहे। तो चलिए, बिना किसी देरी के आज की चर्चा शुरू करते हैं!

Ajit Jain का जन्म ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में हुआ था। ये वही ओडिशा है, जिसे ज्यादातर लोग गरीब राज्यों में गिनते हैं। लेकिन इसी धरती ने एक ऐसा शख्स पैदा किया, जिसने दुनिया के सबसे बड़े Investors को भी प्रभावित किया। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई कटक के स्टीवर्ट स्कूल से की। बचपन से ही वह पढ़ाई में काफी तेज थे, और इसी कारण उन्होंने देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया।

वहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली। आईआईटी से पास होने के बाद, उन्हें प्रतिष्ठित कंपनी IBM में नौकरी मिली। उस समय IBM भारत में एक बड़ी कंपनी थी, और वहां नौकरी पाना किसी के लिए भी गर्व की बात होती थी।

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 1976 में IBM ने भारत छोड़ दिया, और अजीत जैन की नौकरी भी चली गई। उस समय उनके पास दो ही विकल्प थे – या तो भारत में कोई दूसरी नौकरी ढूंढें, या फिर विदेश जाकर अपनी किस्मत आजमाएं। उन्होंने दूसरा रास्ता चुना और 1978 में अमेरिका चले गए।

अमेरिका में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। वहां से ग्रेजुएशन करने के बाद, उन्होंने कुछ समय के लिए McKinsey & Company में काम किया। लेकिन असली बदलाव तब आया जब 1986 में उन्हें बर्कशायर हैथवे में नौकरी मिली। यहां कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है। जब Ajit Jain का इंटरव्यू वॉरेन बफेट ने लिया, तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि उन्हें इंश्योरेंस सेक्टर की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन बफेट ने उनके आत्मविश्वास और सोचने की क्षमता को देखकर तुरंत उन्हें नौकरी दे दी।

शुरुआत में Ajit Jain ने सिर्फ 14 लोगों की एक छोटी सी टीम के साथ काम किया। उनके पास कोई Private असिस्टेंट भी नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने कंपनी के इंश्योरेंस बिजनेस को इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया कि आज यह अरबों डॉलर की इंडस्ट्री बन चुकी है। अगर आंकड़ों की बात करें, तो 14 साल में उन्होंने बर्कशायर हैथवे के इंश्योरेंस बिजनेस को 780 करोड़ डॉलर तक पहुंचा दिया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। वॉरेन बफेट खुद मानते हैं कि अजीत जैन के कारण बर्कशायर का इंश्योरेंस बिजनेस इतना बड़ा हो पाया।

वॉरेन बफेट को Ajit Jain की इतनी तारीफ करने की जरूरत क्यों पड़ी?

दरअसल, बफेट ने अपने हालिया पत्र में लिखा कि उनके जीवन में कई महत्वपूर्ण फैसले थे, लेकिन अजीत जैन को कंपनी में लाना उनका सबसे अच्छा फैसला था। बफेट ने एक बार मजाक में कहा था कि “क्या Ajit Jain का कोई भाई-बहन है, जिसे हम भी रख सकें?” उन्होंने ये बात अजीत के माता-पिता को पत्र लिखकर कही थी। इससे साफ पता चलता है कि बफेट के लिए अजीत सिर्फ एक कर्मचारी नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा बन चुके थे।

बफेट के करीबी दोस्त और बिजनेस पार्टनर चार्ली मंगर भी अजीत जैन की प्रतिभा के कायल थे। उन्होंने कहा था कि अगर बर्कशायर को भविष्य में किसी की जरूरत पड़ेगी, तो वो Ajit Jain होंगे। यही वजह है कि जब भी वॉरेन बफेट के उत्तराधिकारी की बात होती है, तो अजीत जैन का नाम सबसे पहले लिया जाता है। अब बात करें उनकी कमाई की, तो आज Ajit Jain की नेटवर्थ करीब 1.66 लाख करोड़ रुपये है।

यह आंकड़ा दिखाता है कि उन्होंने न सिर्फ बर्कशायर के लिए, बल्कि खुद के लिए भी एक शानदार करियर बनाया है। अगर हम देखें, तो अजीत जैन की कहानी हमें तीन बड़ी सीख देती है –पहली, कभी भी किसी मौके को छोटा मत समझो। जब IBM ने भारत छोड़ा, तो अजीत ने हार नहीं मानी, बल्कि आगे बढ़े और अमेरिका जाकर अपनी तकदीर बनाई।

दूसरी, अगर किसी चीज की जानकारी नहीं है, तो सीखने की कोशिश करो। जब उन्होंने बर्कशायर जॉइन किया, तो उन्हें इंश्योरेंस के बारे में कुछ नहीं पता था। लेकिन उन्होंने न सिर्फ इसे समझा, बल्कि इसमें महारत भी हासिल की। तीसरी, कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने एक छोटे से डिवीजन से शुरुआत की और उसे अरबों डॉलर की कंपनी बना दिया।

शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ओडिशा के एक छोटे से शहर से निकला एक साधारण लड़का, दुनिया के सबसे अमीर और सफल बिजनेसमैन के सबसे भरोसेमंद लोगों में शामिल हो जाएगा। लेकिन अजीत जैन ने यह कर दिखाया।

उन्होंने साबित कर दिया कि सफलता किसी खास जगह या पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती। अगर आपके पास मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने की क्षमता है, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। जब अजीत अमेरिका पहुंचे थे, तब उनके पास केवल सपने थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से उन सपनों को हकीकत में बदल दिया। यही वजह है कि आज वॉरेन बफेट जैसे दिग्गज भी उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाते।

बफेट का कहना है कि उन्होंने जीवन में कई बड़े और छोटे फैसले लिए, लेकिन Ajit Jain को बर्कशायर हैथवे में शामिल करना उनका सबसे अच्छा निर्णय था। बफेट ने कई बार यह बात दोहराई है कि अगर भविष्य में बर्कशायर का नेतृत्व किसी को करना चाहिए, तो वह अजीत जैन ही होंगे। उनके काम करने की शैली, रिस्क मैनेजमेंट की क्षमता और बिजनेस को गहराई से समझने की उनकी प्रतिभा उन्हें बाकी लोगों से अलग बनाती है।

जब भी बर्कशायर को किसी मुश्किल फैसले का सामना करना पड़ा, तो Ajit Jain ने अपनी समझदारी से कंपनी को सही दिशा में आगे बढ़ाया। उन्होंने बर्कशायर के इंश्योरेंस सेक्टर को इतना मजबूत बना दिया कि आज यह कंपनी अमेरिका की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों में से एक बन गई है।

आज Ajit Jain सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर आप मेहनत और लगन के साथ काम करें, तो किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। शायद यही वजह है कि दुनिया के सबसे बड़े Investor वॉरेन बफेट भी उनके फैन हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Ajit Jain बर्कशायर हैथवे में और कितना बड़ा रोल निभाते हैं।

क्या वे वॉरेन बफेट के उत्तराधिकारी बनेंगे? क्या वे दुनिया के सबसे बड़े Investor के रूप में उभरकर सामने आएंगे? ये सवाल अभी खुले हैं, लेकिन इतना तय है कि उनकी सफलता की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि यह तो सिर्फ शुरुआत है!

Conclusion

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