यह कहानी एक ऐसे खिलाड़ी की है जिसने सिर्फ 14 साल की उम्र में वो कर दिखाया है, जिसका सपना लोग दशकों तक देखते रह जाते हैं—आईपीएल में तूफानी शतक, करोड़ों की कमाई और अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना! जी हां, जिस उम्र में बच्चे होमवर्क और स्कूल बैग से जूझते हैं, उस उम्र में Vaibhav Suryavanshi जैसे बच्चे करोड़ों कमा कर सरकार को टैक्स भी भर रहे हैं।
लेकिन रुकिए—क्या एक 14 साल का बच्चा टैक्स दे भी सकता है? क्या इनकम टैक्स एक्ट में उसके लिए कोई अलग नियम हैं? और अगर वो टैक्स देता है, तो कितनी रकम जाती है सरकार के खाते में? आज की इस रोमांचक आर्टिकल में हम आपको बताएंगे Vaibhav Suryavanshi की टैक्स जर्नी, उसके आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट, और उन सभी नियमों को जो एक नाबालिग करोड़पति पर लागू होते हैं।
सोमवार की शाम जब आईपीएल के मैदान पर राजस्थान रॉयल्स के एक नन्हे खिलाड़ी ने बल्ला घुमाया, तो स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शकों की सांसे थम गईं। सामने था 14 साल का Vaibhav Suryavanshi—एक ऐसा नाम, जो कुछ दिन पहले तक क्रिकेट प्रेमियों के लिए अनजान था। लेकिन उस शाम, जब उन्होंने मात्र 37 गेंदों में आईपीएल का दूसरा सबसे तेज शतक ठोका, तो पूरा देश दंग रह गया। यह उनका तीसरा मैच था, और वो भी आईपीएल जैसे विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में।
Vaibhav Suryavanshi की उम्र चाहे कम हो, लेकिन उनका आत्मविश्वास और स्ट्राइक रेट दोनों ही बड़े-बड़ों को पीछे छोड़ देने वाला था। और इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली बात यह है कि राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें तब खरीदा था जब उनकी उम्र सिर्फ 13 साल थी। उनके बेस प्राइस से चार गुना अधिक कीमत पर टीम ने उन्हें अपनी स्क्वॉड में शामिल किया। यह निर्णय कई लोगों को अजीब लगा था—कई आलोचक बोले कि ‘इतने छोटे बच्चे को इतनी बड़ी लीग में खेलने देना जल्दबाजी है।’ लेकिन वही छोटा बच्चा अब आईपीएल 2025 की सबसे बड़ी सेंसेशन बन चुका है।
जहां एक तरफ Vaibhav Suryavanshi की बल्लेबाजी सोशल मीडिया पर छाई रही, वहीं दूसरी ओर एक और सवाल सबके मन में आया—क्या Vaibhav Suryavanshi जैसे नाबालिग खिलाड़ी को इनकम टैक्स देना होता है? और अगर हां, तो भारत का टैक्स सिस्टम इस पर क्या कहता है?
भारत में इनकम टैक्स एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति जिसकी Income टैक्सेबल लिमिट से ऊपर जाती है, उसे टैक्स देना होता है—चाहे वो बालिग हो या नाबालिग। हालांकि, नाबालिगों के लिए इसमें कुछ खास प्रावधान हैं। Vaibhav Suryavanshi की स्थिति बिल्कुल इसी कैटेगरी में आती है। क्योंकि उनकी इनकम ‘अर्न्ड इनकम’ मानी जाएगी—यानी वो इनकम जो किसी व्यक्ति की मेहनत, टैलेंट, या स्किल से अर्जित की जाती है।
इस श्रेणी में खेल, एक्टिंग, लेखन, संगीत जैसी प्रतिभाओं से होने वाली कमाई आती है। और चूंकि वैभव ने अपनी बल्लेबाजी से ये कमाई की है, इसलिए उनकी Income को माता-पिता की इनकम में क्लब नहीं किया जाएगा, बल्कि उन पर अलग से टैक्स लगाया जाएगा।
यह प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट की धारा 64(1A) के तहत आता है, जो कहता है कि अगर कोई माइनर बच्चा अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा से कमाई करता है, तो उसे अलग से टैक्स देना होगा। यानी अब वैभव को खुद का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा, और उनका अभिभावक ‘रिप्रेजेंटेटिव असेसी’ के तौर पर फॉर्म जमा करेगा।
अब बात करते हैं रकम की—वैभव को राजस्थान रॉयल्स से 1.1 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह रकम उनके आईपीएल सीजन की फीस है। और चूंकि यह रकम तय सीमा से काफी ज्यादा है, इसलिए वैभव पर भारत के इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लागू होगा। मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई व्यक्ति सालाना 10 लाख रुपए से अधिक कमाता है, तो उस पर 30 प्रतिशत का टैक्स स्लैब लागू होता है।
इस हिसाब से वैभव को 1.10 करोड़ पर करीब 30 फीसदी टैक्स देना होगा, जो बनता है लगभग 33 लाख रुपए। यानी उनके हाथ में बचेगा करीब 77 लाख। एक 14 साल के खिलाड़ी के लिए यह ना सिर्फ बड़ी कमाई है, बल्कि ये बताता है कि कैसे अब टैलेंट और मेहनत की सही कीमत मिल रही है, वो भी इतनी कम उम्र में।
लेकिन टैक्स का खेल यहीं खत्म नहीं होता। अगर वैभव के नाम पर किसी बैंक में पैसा रखा जाए, या उनके नाम पर कोई Investment किया जाए, और उससे ब्याज या डिविडेंड के रूप में इनकम आए, तो वो ‘अनअर्न्ड इनकम’ कहलाएगी। ऐसे में इनकम टैक्स के नियम थोड़े अलग हो जाते हैं।
अनअर्न्ड इनकम यानी वो Income जो बच्चे के टैलेंट या पर्सनल एफर्ट से नहीं, बल्कि Investment या सेविंग से आती है। इस इनकम को आमतौर पर माता-पिता की Income में जोड़ा जाता है, और उस पर टैक्स लगाया जाता है। हालांकि, धारा 10(32) के तहत माता-पिता हर बच्चे के नाम पर 1,500 रुपए तक की सालाना टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
लेकिन अगर किसी माइनर की कुल Income, जिसमें अनअर्न्ड इनकम भी शामिल है, उसके माता-पिता की कुल Income से ज्यादा हो जाती है, तो उस नाबालिग की Income पर अलग से टैक्स लगाया जाएगा। यानी अगर वैभव की कमाई उनके माता-पिता से ज्यादा हो जाती है (जो कि इस मामले में संभव है), तो उनकी सारी इनकम, चाहे वह अर्न्ड हो या अनअर्न्ड, सीधे वैभव के नाम से टैक्सेबल मानी जाएगी।
अब बात करते हैं इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया की। जैसा कि हमने पहले बताया, अगर कोई नाबालिग ‘अर्न्ड इनकम’ से ज्यादा कमाई करता है, तो उसे एक अलग I T R फॉर्म में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है। इस प्रक्रिया में माता या पिता में से कोई एक ‘रिप्रेजेंटेटिव असेसी’ के रूप में सामने आता है, और रिटर्न फाइल करता है।
हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि Vaibhav Suryavanshi टैक्स से डर जाएं या ये उन्हें बोझ लगे। दरअसल, ये पूरी प्रक्रिया यह दिखाती है कि कैसे भारत का टैक्स सिस्टम अब प्रतिभा और युवा टैलेंट को सम्मान देता है। वैभव का टैक्स देना न केवल उनकी सफलता की निशानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वो अब अपने देश की अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदार बन चुके हैं।
इस पूरी कहानी में सबसे ज्यादा प्रेरणादायक बात ये है कि Vaibhav Suryavanshi का जन्म एक साधारण मिडिल क्लास परिवार में हुआ था—बिहार के एक कस्बे से आने वाला यह लड़का आज न सिर्फ करोड़ों कमा रहा है, बल्कि करोड़ों युवाओं के लिए रोल मॉडल भी बन चुका है। और यह बात साबित करती है कि असली स्टारडम वह नहीं जो कैमरे दिखाते हैं, बल्कि वह है जो बैलेंस शीट में टैक्स भरते हुए नजर आता है।
Vaibhav Suryavanshi की कहानी हर उस माता-पिता के लिए एक सीख है जो अपने बच्चों के सपनों को छोटा मानते हैं, हर उस कोच के लिए एक प्रेरणा है जो गांव-कस्बों में बच्चों को क्रिकेट का बल्ला पकड़ना सिखाते हैं, और हर उस युवा के लिए एक मिसाल है जो यह सोचता है कि उम्र छोटी है, तो क्या बड़ा सपना नहीं देखा जा सकता।
अब ज़रा सोचिए—अगर Vaibhav Suryavanshi सिर्फ 14 साल की उम्र में करोड़पति बन सकता है और टैक्स भर सकता है, तो हम और आप क्या कर रहे हैं? क्या हमने अपने टैलेंट को सही दिशा में मोड़ा है? क्या हम अपने पैशन को पैसा बना पा रहे हैं? और सबसे अहम—क्या हम वैभव जैसे बच्चों से कुछ सीख पा रहे हैं?
इस कहानी का अंत यहीं नहीं होता, क्योंकि Vaibhav Suryavanshi का क्रिकेट करियर अभी शुरू हुआ है। आज वो टैक्स भर रहा है, कल शायद कंपनी खड़ी करेगा, अपनी कमाई से स्कूल खोलेगा, स्टेडियम बनाएगा, या और नए Vaibhav Suryavanshi तैयार करेगा। कहानी की यही खूबसूरती है—जहां 14 साल की उम्र में सिर्फ छक्के नहीं उड़ते, बल्कि वित्तीय जिम्मेदारियां भी निभाई जाती हैं।
Conclusion
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