Growth: Kutch अडानी-अंबानी का नया सपना! बंजर ज़मीन से बनेगा निवेश का हब I 2025

ज़रा अपनी आँखें बंद कीजिए और कल्पना कीजिए। सामने एक विशाल सफ़ेद रण फैला है, जहाँ दिन में धूप इतनी तेज़ होती है कि रेत मानो आग उगल रही हो, और रात में हवाएँ इतनी ठंडी चलती हैं कि आपको रजाई में भी सिहरन महसूस हो। यह वही जगह है जिसे लोग सदियों तक वीरान, बंजर और अनुपजाऊ मानते रहे। यहाँ खेती नहीं होती, यहाँ पर हरियाली नहीं है, यहाँ का पानी खारा है और यहाँ का जीवन हमेशा संघर्ष से भरा रहा है।

लेकिन आज, इसी वीराने में दुनिया का सबसे बड़ा सपना पनप रहा है। अरबों डॉलर का Investment, हजारों टन लोहे और स्टील से बने टरबाइन, लाखों चमकते हुए सोलर पैनल, और करोड़ों लोगों का भविष्य यहाँ लिखा जा रहा है। यह जगह है—गुजरात का Kutch। और इस कहानी के नायक हैं भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपति—मुकेश अंबानी और गौतम अडानी। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

आपको बता दें कि कभी Kutch का यह इलाका सीमा के पास होने की वजह से सिर्फ़ सुरक्षा और रणोत्सव जैसे पर्यटन मेलों के लिए जाना जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, यह बंजर भूमि भारत की क्लीन एनर्जी महत्वाकांक्षाओं का केंद्र बन चुकी है। वह भूमि, जिसे कभी “बेकार” कहा गया, आज “भारत की ताक़त” बन गई है। और यह सब संभव हुआ है उस दृष्टि की वजह से जो भारत ने 2070 तक नेट-जीरो Carbon emissions का संकल्प लेकर दुनिया को दिखाई।

इस क्षेत्र में सबसे पहले बड़ा कदम उठाया गौतम अडानी ने। अडानी समूह ने खावड़ा गाँव में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बनाने का ऐलान किया। यह पार्क 538 वर्ग किलोमीटर में फैला है—यानी पेरिस शहर से पाँच गुना बड़ा। इतना विशाल क्षेत्र सिर्फ़ एक उद्देश्य के लिए: सूरज और हवा की ताक़त को कैद करके उसे बिजली में बदलना। इस परियोजना का लक्ष्य है 30 गीगावाट क्लीन एनर्जी उत्पादन। अगर इसे समझना हो, तो इतना मान लीजिए कि यह बिजली अकेले ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों की कुल खपत के बराबर होगी। और फरवरी 2024 में जब यहाँ से पहली बार बिजली ग्रिड में पहुँची, तब दुनिया ने माना कि यह सपना अब हकीकत बनने लगा है।

लेकिन इस कहानी में दूसरा अध्याय तब शुरू हुआ जब मुकेश अंबानी मैदान में उतरे। रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने पिछले साल अपने Annual Shareholders Meeting में घोषणा की कि वे गुजरात के Kutch में, दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल साइट सोलर प्रोजेक्ट बनाएंगे। 5,50,000 एकड़ यानी 2,225 वर्ग किलोमीटर—यह क्षेत्र सिंगापुर से तीन गुना बड़ा है। यहाँ रोज़ाना 55 मेगावाट के सोलर मॉड्यूल लगाए जाएंगे और 150 मेगावाट-घंटे के बैटरी कंटेनर इंस्टॉल होंगे। अनंत अंबानी ने दावा किया कि यह प्रोजेक्ट आने वाले दशक में भारत की कुल बिजली की जरूरतों का 10% अकेले पूरा कर सकता है। यह सिर्फ़ एक Investment नहीं, बल्कि यह है भविष्य की वह इमारत जिसमें भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नींव रख रहा है।

अब सवाल उठता है कि आखिर Kutch का रण ही क्यों? जवाब इसकी प्राकृतिक ताक़तों में छुपा है। यहाँ साल में 300 से ज़्यादा दिन धूप खिली रहती है। सौर ऊर्जा का औसत स्तर 5.5 से 6.0 किलोवाट-घंटे प्रति वर्ग मीटर है, जो भारत में सबसे अधिक है। यानी यहाँ सूरज की किरणें इतनी ताक़तवर हैं कि बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन संभव हो सके। इसके अलावा, यहाँ की हवाएँ भी तेज़ चलती हैं—औसतन 8 मीटर प्रति सेकंड की गति से। इसका मतलब है कि सोलर और विंड एनर्जी का एक साथ उत्पादन किया जा सकता है, जिससे ग्रिड स्थिर और विश्वसनीय बनता है। यही कारण है कि अडानी की खावड़ा परियोजना एक हाइब्रिड प्रोजेक्ट है।

लेकिन केवल सूरज और हवा ही यहाँ की ताक़त नहीं हैं। Kutch का भूगोल भी इसे Investors का सपना बनाता है। यह भूमि बंजर है, अनुपजाऊ है, खेती लायक नहीं है। इसका मतलब है कि भूमि अधिग्रहण आसान होगा, किसानों का विस्थापन नहीं होगा और भूमि की लागत भी कम रहेगी। यही वजह है कि जब अरबों डॉलर की ऊर्जा परियोजनाओं की योजना बनाई जाती है, तो Investors की पहली नज़र Kutch पर जाती है।

गुजरात सरकार ने भी इस मौके को भाँप लिया। यहाँ भूमि लीज़ की नीतियाँ सरल बनाई गईं, मंज़ूरी की प्रक्रियाएँ तेज़ की गईं और बिजली ट्रांसमिशन के लिए मजबूत ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया। मुंद्रा और कांडला जैसे बड़े बंदरगाह नज़दीक होने से भारी उपकरणों का Import आसान हो गया। सरकार और उद्योगपतियों की इस साझेदारी ने Kutch को ग्रीन एनर्जी का ग्लोबल हब बनाने की नींव रखी।

अडानी समूह की योजना यहाँ सिर्फ़ सोलर और विंड एनर्जी तक सीमित नहीं है। उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड पहले ही 5.6 गीगावाट क्षमता चालू कर चुकी है, और 2029 तक 30 गीगावाट तक पहुँचने का लक्ष्य है। इतनी ही नहीं, चर्चा है कि यह प्रोजेक्ट 50 गीगावाट तक बढ़ाया जा सकता है। अडानी ने यहाँ सोलर मॉड्यूल और विंड टरबाइन निर्माण की शुरुआत कर दी है, और भारत का पहला ऑफ-ग्रिड 5 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट भी लॉन्च कर दिया है। यह भविष्य की उस तकनीक का संकेत है, जिसमें भारत दुनिया में अगुआ बनना चाहता है।

हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ भी पीछे नहीं है। अंबानी ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज और सबसे तेज़ सोलर इंस्टॉलेशन क्षमता बनाने पर काम कर रहे हैं। उनका सपना है कि भारत न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी करे बल्कि ग्रीन एनर्जी का Exporter भी बने। सोचिए, जो देश कभी तेल और कोयले के Import पर निर्भर था, वही देश अब सूरज और हवा से बनी बिजली दुनिया को बेच सकता है।

यह सिर्फ़ अंबानी और अडानी की प्रतिस्पर्धा नहीं है। यह कहानी है भारत के बदलते चेहरे की। यहाँ सरकारी कंपनियाँ भी कदम बढ़ा रही हैं। एनटीपीसी ने खावड़ा में 4.75 गीगावाट क्षमता का प्रोजेक्ट घोषित किया है। यानी आने वाले कुछ वर्षों में Kutch दुनिया के नक्शे पर सबसे बड़े ग्रीन एनर्जी हब के रूप में दर्ज होगा।

लेकिन इस सफर में चुनौतियाँ भी कम नहीं। इतनी विशाल परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आसान नहीं होगा। पैनल लगाने से भूमि उपयोग में बड़ा बदलाव आएगा, पक्षियों और जीव-जंतुओं पर असर पड़ सकता है। स्थानीय समुदायों को नए अवसर भी मिलेंगे और चुनौतियाँ भी। हज़ारों नौकरियाँ पैदा होंगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन साथ ही पानी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की माँग भी बढ़ेगी। यह एक ऐसी तस्वीर है जिसमें उम्मीदें भी हैं और सवाल भी।

फिर भी, यह स्पष्ट है कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह भविष्य के लिए तैयार है। 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी और 2070 तक नेट-ज़ीरो का लक्ष्य अब सिर्फ़ कागज़ पर लिखा सपना नहीं, बल्कि ज़मीन पर बनती हुई हकीकत है। और इस हकीकत का सबसे बड़ा गवाह है—गुजरात का Kutch।

सोचिए, वह जगह जिसे कभी वीरान कहा गया, आज वहाँ से आने वाली ऊर्जा भारत के शहरों को रोशन करेगी, गाँवों में पंखे चलाएगी, उद्योगों को ताक़त देगी और आने वाली पीढ़ियों को एक साफ़ और हरित भविष्य देगी। यही है भारत की नई ताक़त। यही है वह कहानी, जिसमें दो दिग्गजों की Competition भी है, लेकिन उससे बड़ी बात है—एक राष्ट्र का सपना।

Conclusion

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love

Leave a Comment