नमस्कार दोस्तों, क्या आप यकीन कर सकते हैं कि एक फोन नंबर ने भारतीय शेयर बाजार के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया? एक ऐसा रहस्य, जिसने 65 करोड़ रुपये के फ्रंट रनिंग स्कैम को उजागर कर दिया और इसके केंद्र में था एक ऐसा नाम, जो पहले भी शेयर बाजार घोटालों में चर्चित रह चुका था – Ketan Parekh। Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने हाल ही में इस बड़े घोटाले का खुलासा किया, जिसमें केतन पारेख और उनके सहयोगी रोहित सालगांवकर शामिल थे। यह पूरा घोटाला स्टॉक मार्केट के अंदरूनी राज़ और Illegal trading activities पर आधारित था। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इस घोटाले का सुराग केतन पारेख की पत्नी के फोन नंबर से मिला, जिसने पूरी कहानी को सामने लाने में अहम भूमिका निभाई। Ketan Parekh का नाम भारत के शेयर बाजार में पहले भी विवादों और घोटालों से जुड़ा रहा है। 2001 में हुए एक बड़े स्टॉक मार्केट स्कैम में उनका नाम सामने आया था, जिसके बाद उन्हें 14 सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन अब एक बार फिर वही चेहरा, वही तरीका, लेकिन नया घोटाला। इस बार SEBI की सख्त जांच ने उनके पूरे खेल का खुलासा कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर केतन पारेख और उनके सहयोगियों ने इस घोटाले को कैसे अंजाम दिया, और सेबी ने कैसे इसका पर्दाफाश किया।
Ketan Parekh कौन हैं, और उनके शेयर बाजार घोटाले का पुराना इतिहास क्या है?
Ketan Parekh भारतीय शेयर बाजार का एक ऐसा नाम है, जो 2000-2001 के दौरान बड़े घोटाले के लिए कुख्यात हो चुका था। वे पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और उनके परिवार का संबंध भी लंबे समय से शेयर बाजार से रहा है। शुरुआती दिनों में, केतन पारेख ने अपनी विश्लेषणात्मक क्षमता और मार्केट की गहरी समझ के कारण, एक सफल Investors के रूप में पहचान बनाई थी। लेकिन उनकी कामयाबी के पीछे एक खतरनाक खेल चल रहा था – मार्केट मैनिपुलेशन और धोखाधड़ी का। 2000-2001 के दौरान, Ketan Parekh ने Circular Trading, Pump and Dump जैसी मैनिपुलेशन टेक्निक्स का इस्तेमाल किया। वे चुनिंदा कंपनियों के शेयर खरीदकर उनकी कीमतों को Artificial form से बढ़ा देते और फिर ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते। इस प्रक्रिया में उन्होंने Investors को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया। उस समय SEBI ने उनकी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया था और 14 सालों के लिए शेयर बाजार से उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन लगता है, Ketan Parekh ने पुरानी सजा से सबक नहीं लिया। 2023 में वह फिर एक बड़े फ्रंट रनिंग स्कैम में फंस गए।
आखिर फ्रंट रनिंग स्कैम है क्या, और यह इतना खतरनाक क्यों है?
फ्रंट रनिंग एक Illegal ट्रेडिंग टेक्निक है, जहां कोई ब्रोकर या Investors बाजार की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल करके मुनाफा कमाता है। यह धोखाधड़ी उस समय होती है, जब कोई व्यक्ति या Institution को पहले से पता चल जाता है कि बाजार में बड़ी खरीद-फरोख्त होने वाली है। उदाहरण के लिए, अगर किसी बड़े फंड हाउस को पता चलता है कि एक कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने वाली है, तो इससे पहले कि वह कंपनी बड़ी मात्रा में शेयर खरीदे, फ्रंट रनर पहले ही उस शेयर को खरीद लेता है। जैसे ही बड़ी मात्रा में शेयर खरीदे जाते हैं, स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है और फ्रंट रनर पहले खरीदे गए शेयरों को ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमा लेता है। यह तकनीक न केवल अनैतिक है, बल्कि आम Investors के लिए बड़ा नुकसान भी साबित होती है। आम Investors इस जानकारी से अनजान रहते हैं, और बाजार की Activities में छेड़छाड़ से उन्हें गलत कीमतों पर ट्रेडिंग करनी पड़ती है।
Ketan Parekh ने फ्रंट रनिंग स्कैम को अंजाम कैसे दिया?
SEBI की हालिया जांच में पता चला कि Ketan Parekh और उनके सहयोगी रोहित सालगांवकर ने मिलकर, फ्रंट रनिंग स्कैम को अंजाम दिया। रोहित सालगांवकर की एक बड़े अमेरिकी फंड हाउस के साथ करीबी साझेदारी थी। इस फंड हाउस से बड़े लेन-देन की गोपनीय जानकारी समय से पहले सालगांवकर को मिल जाया करती थी। यह जानकारी मिलने के बाद सालगांवकर ने इसे केतन पारेख के साथ साझा किया। पारेख ने इस इनसाइड जानकारी का फायदा उठाकर, अलग-अलग अकाउंट्स और शैल कंपनियों के माध्यम से भारी मात्रा में शेयर खरीदना शुरू किया। जब फंड हाउस ने अपनी बड़ी खरीदारी की, तो स्वाभाविक रूप से स्टॉक की कीमतें बढ़ गईं। इस कीमत वृद्धि का लाभ उठाकर पारेख ने ऊंची कीमतों पर अपने खरीदे गए शेयरों को बेच दिया और भारी मुनाफा कमाया। SEBI की जांच के अनुसार, इस पूरी प्रक्रिया में Ketan Parekh और सालगांवकर ने लगभग 65.77 करोड़ रुपये का Illegal मुनाफा कमाया।
SEBI ने इस घोटाले का पर्दाफाश कैसे किया?
SEBI की इस जांच की शुरुआत एक दिलचस्प सुराग से हुई, जिसने पूरे स्कैम का खुलासा कर दिया। सेबी के हाथ एक मोबाइल नंबर लगा, जो Ketan Parekh की पत्नी ममता पारेख के नाम पर रजिस्टर्ड था। जब इस नंबर को ट्रैक किया गया, तो यह कई Suspicious trading activities से जुड़ा पाया गया। जब सेबी ने इस नंबर की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड्स की गहराई से जांच की, तो पाया गया कि यह नंबर कई अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स से जुड़ा हुआ था। यह भी सामने आया कि केतन पारेख ने अपने नाम और अपनी पत्नी के नाम से जुड़े, करीब 10 अलग-अलग मोबाइल नंबर्स रजिस्टर कराए थे। 15 मार्च 2023 को SEBI ने Ketan Parekh से पूछताछ की। उन्होंने स्वीकार किया कि यह नंबर उनकी पत्नी का ही था और इसका इस्तेमाल फ्रंट रनिंग स्कैम में किया गया था।
सेबी ने Ketan Parekh के खिलाफ क्या कार्रवाई की, और इसके क्या परिणाम हुए?
SEBI ने इस घोटाले के सामने आने के बाद कड़ी कार्रवाई की। Ketan Parekh और उनके सहयोगी रोहित सालगांवकर को शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया। सेबी ने इस घोटाले में शामिल 22 अन्य Institutions और ब्रोकिंग फर्म्स पर भी प्रतिबंध लगाया, जिनमें GRD Securities और Salasar Stock Broking जैसे नाम प्रमुख थे। SEBI ने पारेख की सभी शैल कंपनियों के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया और कई स्थानों पर छापेमारी भी की। इसके अलावा, उन्होंने एक विस्तृत रिपोर्ट जारी कर इस घोटाले के सभी पहलुओं को उजागर किया।
Ketan Parekh Scam से हमें कौन-कौन सी महत्वपूर्ण सीख मिलती हैं?
इस पूरे घोटाले से एक महत्वपूर्ण सीख यह मिलती है कि शेयर बाजार में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखना कितना जरूरी है। फ्रंट रनिंग जैसे घोटाले न केवल आम Investors को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि बाजार की विश्वसनीयता को भी ठेस पहुंचाते हैं। SEBI की इस कार्रवाई ने यह साबित किया है कि Market regulator पूरी तरह सतर्क हैं, और किसी भी Irregular activity को सहन नहीं करेंगे। Investors के लिए सबसे जरूरी है कि वे बाजार में Investment करने से पहले, पूरी जानकारी हासिल करें और ऐसे घोटालों से बचने के लिए सतर्क रहें।
Conclusion
तो दोस्तों, Ketan Parekh का यह फ्रंट रनिंग स्कैम एक बार फिर यह साबित करता है कि, लालच और unethical activities का अंत बुरा ही होता है। भले ही केतन पारेख ने पहले भी बाजार को मैनिपुलेट किया हो, लेकिन कानून की नजरों से बच पाना नामुमकिन है। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
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