ज़रा सोचिए… आप टीवी पर कोई साइंस-फिक्शन फिल्म देख रहे हों और उसमें दिखाया जाए कि एक बच्चा, महज 14 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर लेता है, और सिर्फ दो साल बाद, 16 साल की उम्र में दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स में काम करने के बाद उसे भी अलविदा कह देता है—तो आप इसे यकीन से ज़्यादा एक काल्पनिक कहानी मानेंगे।
लेकिन नहीं, यह कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं है, बल्कि सच्चाई है। यह कहानी है बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी जीनियस Kairan Quazi की, जिसने ऐसी उपलब्धियाँ हासिल कीं जो दुनिया के सबसे बड़े दिमाग भी इतनी जल्दी नहीं कर पाए। यह कहानी है प्रतिभा, मेहनत और उस जुनून की जो उम्र की सीमाओं को तोड़ देता है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
Kairan Quazi की जड़ें बांग्लादेश से जुड़ी हैं, लेकिन उनका जन्म और परवरिश अमेरिका में हुई। उनके माता-पिता, जो साधारण पृष्ठभूमि से आए थे, ने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतनी कम उम्र में एक ऐसा नाम बना देगा, जिस पर पूरी दुनिया गौर करेगी। घर में पढ़ाई को लेकर अनुशासन था, पर माहौल किसी वैज्ञानिक घराने जैसा नहीं था। यही वजह है कि जब कैरन ने बचपन से ही असामान्य जिज्ञासा दिखानी शुरू की, तो उनके माता-पिता भी हैरान रह गए।
बताया जाता है कि वह महज तीन साल की उम्र में ही बड़े-बड़े वाक्य पढ़ने लगे थे, पाँच साल की उम्र तक गणित में कठिन सवाल हल कर लेते थे और छः साल की उम्र तक कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की बेसिक लैंग्वेज सीख चुके थे। यह सब कुछ इतना तेज़ी से हुआ कि परिवार और आसपास के लोग समझ ही नहीं पाए कि उनके घर में एक ‘प्रॉडिजी’ पैदा हुआ है।
आमतौर पर 9 साल की उम्र वह होती है जब बच्चे दोस्तों के साथ खेलते-कूदते हैं, वीडियो गेम्स में डूबे रहते हैं और अपनी स्कूल की किताबों से बाहर कुछ नहीं सोचते। लेकिन Kairan Quazi के लिए यह उम्र कुछ और ही लेकर आई। उन्होंने इस उम्र में लैब में इंटर्नशिप करना शुरू कर दिया। जी हाँ, आप सोच भी नहीं सकते कि 9 साल का बच्चा किसी रिसर्च लैब में जाकर मशीनों और कंप्यूटरों के बीच काम करे, लेकिन Kairan Quazi ने यह कर दिखाया। उनके सवाल, उनकी समझ और उनकी तेज़ी देखकर बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी चकित रह जाते थे। यही वह मोड़ था जब टेक्नोलॉजी की दुनिया ने पहली बार इस छोटे से बालक का हुनर पहचाना।
10 साल की उम्र में जब बाकी बच्चे स्कूल प्रोजेक्ट्स बनाकर खुश होते हैं, तब Kairan Quazi पहले से ही रिसर्च लैब में जटिल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे। उन्होंने खुद को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शुरुआती कॉन्सेप्ट्स में झोंक दिया था। उस समय शायद उन्हें यह पता भी नहीं रहा होगा कि वह जिस विषय को पढ़ रहे हैं, वही आने वाले समय की सबसे बड़ी क्रांति बनने वाला है। उनके काम की गंभीरता देखकर ही उन्हें Intel Labs में इंटर्नशिप का मौका मिला। सोचिए, दस साल का बच्चा Intel जैसी दिग्गज कंपनी की रिसर्च टीम में बैठा हुआ डेटा और एल्गोरिद्म्स पर काम कर रहा था। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।
11 साल की उम्र में उन्होंने वह कर दिखाया जो दुनिया के किसी भी टीनएजर के लिए लगभग नामुमकिन है। उन्होंने सांता क्लारा यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया। यह यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया की सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है, और अपने 170 साल लंबे इतिहास में उसने कभी इतना छोटा छात्र नहीं देखा था। Kairan Quazi ने कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग चुना और जब क्लास में बैठे तो उनके साथियों की उम्र उनसे दोगुनी थी। लेकिन फर्क सिर्फ उम्र का था, समझ और ज्ञान में Kairan Quazi कहीं आगे निकल चुके थे। प्रोफेसर्स तक उनके सवालों से चौंक जाते। वे कहते—“कैरन के सवाल कई बार हमें भी सोचने पर मजबूर कर देते हैं।”
उन दिनों मीडिया ने उन्हें नोटिस करना शुरू कर दिया था। अखबारों में हेडलाइन्स बनने लगीं—“11 साल का बच्चा यूनिवर्सिटी स्टूडेंट बना”, “बांग्लादेशी मूल का चाइल्ड प्रॉडिजी”, “AI प्रोजेक्ट्स में सबसे छोटे रिसर्चर।” और सच तो यह था कि Kairan Quazi इन खबरों से ज़्यादा प्रभावित नहीं होते थे। उनका ध्यान हमेशा अपने काम पर रहता। यही फोकस उन्हें और आगे ले गया।
14 साल की उम्र तक आते-आते Kairan Quazi का नाम सिर्फ यूनिवर्सिटी तक सीमित नहीं रहा। उसी साल उन्होंने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स जॉइन कर ली। स्पेसएक्स दुनिया की उन कंपनियों में से है जिसने अंतरिक्ष की परिभाषा बदल दी। और इस कंपनी में सबसे छोटे कर्मचारी बने Kairan Quazi। यह किसी इतिहास से कम नहीं था। उन्होंने स्टारलिंक प्रोजेक्ट पर काम किया—वह प्रोजेक्ट जो पूरी दुनिया में सैटेलाइट्स के ज़रिए इंटरनेट पहुंचाने के सपने को हकीकत बना रहा था।
स्पेसएक्स में Kairan Quazi का काम आसान नहीं था। इतनी कम उम्र में उन्हें ऐसे प्रोजेक्ट्स पर लगाया गया जहाँ सेकंड्स की गलती लाखों डॉलर का नुकसान कर सकती थी। लेकिन Kairan Quazi ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। उनकी मेहनत और उनकी बुद्धिमत्ता ने कंपनी के बड़े इंजीनियर्स को भी प्रभावित किया। दो साल तक उन्होंने स्पेसएक्स में काम किया और बहुत कुछ सीखा। लेकिन इस दौरान उनके मन में एक सवाल लगातार उठता रहा—क्या यही वह जगह है जहाँ वह अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकते हैं?
दरअसल, एयरोस्पेस इंडस्ट्री की सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि उसके नतीजे तुरंत नहीं दिखते। एक प्रोजेक्ट पर सालों तक मेहनत करनी पड़ती है और फिर जाकर पता चलता है कि काम सही दिशा में गया या नहीं। Kairan Quazi जैसे तेज दिमाग वाले इंसान के लिए यह धीमी गति काफी निराशाजनक थी। वह चाहते थे कि उनकी मेहनत का असर तुरंत दिखे। वह ऐसा माहौल चाहते थे जहाँ रिस्क भी हो, प्रतिस्पर्धा भी हो और नतीजे भी तुरंत सामने आएँ।
और इसी तलाश ने उन्हें 16 साल की उम्र में एक नया फैसला लेने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने स्पेसएक्स को अलविदा कह दिया। यह खबर आते ही मीडिया में सनसनी मच गई। सबके मन में यही सवाल था—“क्यों छोड़ी एलन मस्क की कंपनी?”
Kairan Quazi का जवाब साफ था। उन्होंने कहा—“मैं ऐसा वातावरण चाहता हूँ जहाँ फीडबैक तुरंत मिले। जहाँ मेरे काम का असर अगले ही दिन दिखे।” यही सोच उन्हें फाइनेंस की दुनिया में ले आई। और अब Kairan Quazi काजी वॉल स्ट्रीट की सबसे बड़ी ट्रेडिंग कंपनियों में से एक Citadel Securities का हिस्सा हैं।
Citadel Securities अपनी प्रतिस्पर्धी और टैलेंट-ड्रिवन संस्कृति के लिए जानी जाती है। यहाँ परफॉर्मेंस का मतलब है तुरंत इनाम। Kairan Quazi को यह चुनौती पसंद आई। उन्होंने यहाँ ग्लोबल ट्रेडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियर यानी क्वांटिटेटिव डेवलपर के तौर पर काम शुरू किया। यहाँ उनकी जिम्मेदारी है दुनिया भर के ट्रेडिंग सिस्टम्स को मजबूत बनाना।
दिलचस्प बात यह है कि उन्हें AI लैब्स और कई टेक कंपनियों से भी ऑफर मिले थे। लेकिन उन्होंने Citadel को चुना। उनका कहना है कि फाइनेंस की दुनिया में भी उतना ही दिमाग लगाना पड़ता है जितना AI रिसर्च या इंजीनियरिंग में। फर्क बस इतना है कि यहाँ परिणाम तुरंत सामने आते हैं। मुनाफा, नुकसान, डेटा—सब कुछ रियल टाइम में दिखाई देता है। यही चुनौती उन्हें खींच लाई।
और जब एलन मस्क से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब बेहद ठंडा था। उन्होंने X पर लिखा—“मैंने पहली बार उनका नाम सुना है।” शायद यह बयान दिखाता है कि मस्क इस फैसले से प्रभावित नहीं हुए, या शायद यह उनका अहंकार था। लेकिन एक बात तय है—Kairan Quazi का नाम अब इतिहास में दर्ज हो चुका है।
उनकी कहानी यह साबित करती है कि उम्र कभी भी सफलता की सीमा तय नहीं कर सकती। अगर आपके भीतर जिज्ञासा है, मेहनत है और सही दिशा में सोच है, तो आप किसी भी उम्र में दुनिया को बदल सकते हैं। Kairan Quazi उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जिन्हें अक्सर कहा जाता है—“अभी तुम छोटे हो, बड़े होकर यह करना।” उन्होंने दिखा दिया कि अगर हुनर है तो बड़े होकर नहीं, अभी से किया जा सकता है।
Conclusion
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