Defence Budget में जापान का बड़ा कदम: चीन से न केवल हम, बल्कि हमारा दोस्त भी परेशान I 2025

नमस्कार दोस्तों, चीन की विस्तारवादी नीतियों ने न केवल भारत, बल्कि उसके अन्य पड़ोसी देशों को भी भारी परेशानियों में डाल दिया है। दशकों से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लगातार बना हुआ है। ताइवान पर चीन के दावों ने इस क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। अब चीन की धमकी भरी हरकतों से जापान भी बेहद प्रभावित हो रहा है। जापान, जो पहले North Korea को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता था, अब उसने चीन को अपने सबसे बड़े दुश्मन के रूप में देखना शुरू कर दिया है। यह बदलाव सिर्फ एक नई सोच नहीं है, बल्कि Regional Security के प्रति जापान की नई रणनीति का संकेत है। यह दिखाता है कि चीन की आक्रामकता केवल एशिया के एक हिस्से को ही नहीं, बल्कि पूरे Regional balance और Global Security को भी प्रभावित कर रही है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

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जापान ने अपने Defence Budget में वृद्धि का निर्णय क्यों लिया, और यह बदलाव उसकी सुरक्षा नीति और क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव डालता है?

चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जापान ने अपने Defence Budget में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। इस बार 730 बिलियन डॉलर के कुल बजट में से 55 बिलियन डॉलर से अधिक केवल Defence Sector के लिए आवंटित किए गए हैं। यह World War II के बाद से जापान के अब तक के सबसे बड़े रक्षा उपायों में से एक है। जापान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि देश अब “सबसे गंभीर और जटिल” सुरक्षा माहौल का सामना कर रहा है। इस बढ़े हुए बजट के जरिए जापान अपनी Military capabilities को मजबूत कर रहा है, और अपने पड़ोसी देशों के खतरों का जवाब देने की तैयारी में जुट गया है। यह रक्षा खर्च केवल जापान के लिए नहीं, बल्कि पूरे Asia Pacific region के सुरक्षा परिदृश्य को बदलने का इरादा रखता है।

शांतिवादी संविधान के बावजूद जापान ने अपनी रक्षा नीति में इतने बड़े बदलाव क्यों किए, और इनका Regional और Global Level पर क्या प्रभाव हो सकता है?

जापान का Post-war constitution उसे शांतिवादी बनाए रखने के लिए बाध्य करता है, और बड़े रक्षा उपायों को अपनाने में सीमित करता है। लेकिन चीन की आक्रामक गतिविधियों और सुरक्षा खतरों ने, जापान को अपनी नीतियों में बदलाव करने पर मजबूर कर दिया है। 2022 में जापान ने अपने रक्षा नीति में बदलाव किया था। अब 2027 तक अपने रक्षा खर्च को GDP के 2% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह न केवल जापान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि Regional Security में नए अध्याय की शुरुआत का संकेत है।

जापान के रक्षा क्षेत्र में बड़े Investment की योजना क्या है, और यह बजट किन प्रमुख क्षेत्रों पर खर्च किया जाएगा?

जापान ने अपने बढ़े हुए Defence Budget को रणनीतिक रूप से कई क्षेत्रों में लगाने की योजना बनाई है।

1. जापान अपनी Self-Defense Forces की क्षमताओं को उन्नत करने और उन्हें और प्रभावशाली बनाने के लिए, बड़े पैमाने पर Investment कर रहा है।

2. North Korea और चीन से आने वाले मिसाइल खतरों की निगरानी और उनसे निपटने के लिए, जापान एक उन्नत सैटेलाइट डेटा ट्रैकिंग प्रणाली विकसित करने की योजना बना रहा है।

3. जापान अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इस कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है।

जापान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी सेना न केवल उपकरणों में उन्नत हो, बल्कि उसकी मानवशक्ति भी मजबूत और सक्षम हो।

घटती जन्म दर जापान के लिए क्यों एक बड़ी चुनौती है, और इसका देश की अर्थव्यवस्था और समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

जापान का बढ़ा हुआ Defence Budget केवल सैन्य खर्च तक सीमित नहीं है। इसमें देश की गंभीर Demographic problems का भी समाधान करने की कोशिश की जा रही है। जापान दुनिया के सबसे वृद्ध समाजों में से एक है, जहां 29.3% जनसंख्या 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की है। इस बढ़ती वृद्ध जनसंख्या और घटती जन्म दर ने जापान को सामाजिक, और आर्थिक दोनों ही क्षेत्रों में नई चुनौतियों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। अब सरकार सामाजिक कल्याण, जन्म दर को बढ़ावा देने और आर्थिक योजनाओं पर अधिक Investment करने की तैयारी कर रही है। इससे न केवल देश की आंतरिक समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि Defence Sector को भी एक स्थायी आधार मिलेगा।

चीन और जापान के बीच तनाव के प्रमुख कारण क्या हैं?

चीन और जापान के बीच तनाव कोई नया नहीं है। ताइवान और South China Sea में चीन की आक्रामकता, Senkaku Islands पर चीन का दावा, और जापान के साथ Economic competition, ये सब तनाव के प्रमुख कारण हैं। चीन की सेना का बढ़ता प्रभाव और उसके पड़ोसी देशों पर हावी होने की कोशिशें, जापान को अपनी सुरक्षा नीतियों को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर रही हैं। जापान अब सिर्फ चीन की गतिविधियों का अवलोकन नहीं कर रहा है, बल्कि उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारत और जापान की बढ़ती मित्रता के मुख्य कारण क्या हैं, और यह साझेदारी दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक हितों को कैसे प्रभावित करती है?

चीन के बढ़ते खतरे के बीच भारत और जापान के बीच मित्रता और मजबूत होती जा रही है। दोनों देश Regional Security, व्यापार और तकनीकी विकास में एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के नेतृत्व में, दोनों देशों ने रक्षा और व्यापारिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारत और जापान का यह सहयोग न केवल Regional Security को मजबूत करेगा, बल्कि चीन के खिलाफ एक मजबूत Strategic balance भी तैयार करेगा।

चीन पर बढ़ते Global pressure में जापान की क्या भूमिका है, और यह भूमिका क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करती है?

जापान के बढ़े हुए Defence Budget का प्रभाव चीन पर Global pressure को और बढ़ा सकता है। इससे अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ जापान के संबंध और मजबूत होंगे। जापान का यह कदम न केवल उसकी अपनी सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि Asia Pacific region में एक नया संतुलन स्थापित करेगा। यह कदम Global Security के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि, Regional powers अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं।

Conclusion:-

तो दोस्तों, जापान का बढ़ा हुआ Defence Budget केवल एक संख्या नहीं है, यह उसकी बदली हुई सोच और रणनीति का प्रतीक है। चीन की आक्रामक नीतियों के बीच जापान का यह कदम न केवल उसकी सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि पूरे Asia Pacific region में स्थिरता और शांति के नए युग की शुरुआत करेगा।

भारत और जापान जैसे देशों के लिए यह एक संदेश है कि Regional balance बनाए रखने के लिए, सशक्त और दूरदर्शी नीतियों की आवश्यकता है। यह समय है कि दोनों देश मिलकर चीन की आक्रामक नीतियों का सामना करें और Global Security में अपनी भूमिका निभाएं। जापान का यह साहसिक निर्णय Asia Pacific region में सुरक्षा के नए मानक स्थापित करेगा, और चीन की विस्तारवादी नीतियों पर प्रभावी अंकुश लगाएगा। अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

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