कल्पना कीजिए एक ऐसा देश, जिसकी सीमाएँ भौगोलिक नक्शों पर नहीं, बल्कि इंटरनेट की दुनिया में तय होती हैं। जहां न संसद है, न प्रधानमंत्री—लेकिन वहाँ के नागरिक दुनिया के सबसे तेज़ दिमाग वाले टेक्नोक्रेट्स, क्रिएटर्स और एंटरप्रेन्योर्स हैं। सोचिए, अगर आप सुबह आँख खोलें और पाएं कि आप एक ऐसे आइलैंड में हैं जहां हर दीवार पर ब्लॉकचेन की बात हो रही है, हर गली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा है और हर व्यक्ति कुछ न कुछ नया बना रहा है।
यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि एक तेजी से बदलती हकीकत है। और इस हकीकत के पीछे जो नाम है, वह है—Balaji Srinivasan। भारतीय मूल का यह टेक उद्यमी आज दुनिया के सामने एक नया प्रयोग कर रहा है: “नेटवर्क नेशन”—एक डिजिटल देश, जो अब एक असली द्वीप पर आकार ले रहा है। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।
आपको बता दें कि Balaji Srinivasan का नाम टेक्नोलॉजी की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल और केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने वाले बालाजी न केवल Coinbase के पूर्व CTO रह चुके हैं, बल्कि Counsyl, Earn, और Teleport जैसे स्टार्टअप्स के Co-Founder भी रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने Bitcoin, Ethereum, Opensea और Alchemy जैसे टॉप प्रोजेक्ट्स में शुरुआती Investment भी किया है। लेकिन अब वह एक ऐसा सपना देख रहे हैं जो इन सबसे अलग है—एक नया राष्ट्र, एक नई व्यवस्था, और एक नया तरीका सोचने और जीने का।
सिंगापुर के पास एक प्राइवेट आइलैंड पर उन्होंने ‘The Network School’ नामक प्रोग्राम शुरू किया है, जो किसी स्कूल से कहीं ज़्यादा है। यह एक एक्सपेरिमेंट है, यह एक बूटकैम्प है और यह एक आईडिया है जिसे हकीकत में बदला जा रहा है। तीन महीने तक चलने वाला यह रेजिडेंशियल प्रोग्राम उन लोगों के लिए है जो टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रखते हैं, स्टार्टअप्स शुरू करना चाहते हैं, नई सोच के साथ दुनिया को देखना और बदलना चाहते हैं।
इस स्कूल में सुबह की शुरुआत जिम सेशन से होती है, जिससे साफ है कि फिजिकल फिटनेस को भी उतना ही महत्व दिया जाता है जितना मेंटल ग्रोथ को। इसके बाद दिनभर एआई, ब्लॉकचेन, बायोटेक और क्रिप्टोकरेंसी जैसी तकनीकों पर वर्कशॉप्स होती हैं। यह एक ऐसी जगह है जहां आप एक ही समय में कोडिंग कर रहे होते हैं, Investment सोच रहे होते हैं और एक नई दुनिया की नींव भी रख रहे होते हैं। यहाँ हर कदम एक प्रयोग है, और हर प्रयोग एक नई दिशा में ले जाता है।
लेकिन बालाजी का सपना सिर्फ एक स्कूल तक सीमित नहीं है। 2022 में आई अपनी किताब ‘The Network State’ में उन्होंने इस पूरे विचार की नींव रखी थी। उनका मानना है कि भविष्य के राष्ट्र अब भौगोलिक नहीं, बल्कि नेटवर्क-बेस्ड होंगे। पहले डिजिटल कम्युनिटी बनेगी, फिर वह फिजिकल स्पेस पर एक साथ रहेगी, और अंततः उसे वैश्विक मान्यता मिलेगी। ये विचार जितना अव्यवहारिक लग सकता है, उतना ही क्रांतिकारी भी है।
आज दुनिया की बड़ी सरकारें जहाँ लोकतंत्र, सीमाएँ और कानून के परंपरागत ढांचे पर टिकी हैं, वहीं बालाजी उस ढांचे को फिर से परिभाषित करना चाहते हैं। उनका Network Nation आइडिया एक प्रकार की डिजिटल यूटोपिया है जहां नागरिकता ऑनलाइन मिलती है, शासन क्रिप्टो के ज़रिए होता है और निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। यह एक नया प्रयोग है जो उन लोगों को आकर्षित कर रहा है जो तकनीक, स्वतंत्रता और Innovation को अपनी पहचान मानते हैं।
नेटवर्क स्कूल के एक प्रतिभागी निक पीटरसन ने द्वीप का वर्चुअल टूर सोशल मीडिया पर शेयर किया, और बताया कि वह इस रियल-लाइफ एक्सपेरिमेंट का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में रहना ऐसा है जैसे आप एक नए देश की शुरुआत में शामिल हों। जहां हर गतिविधि—चाहे वह योग हो, कोडिंग हो या डिबेट—एक ही उद्देश्य से होती है: व्यक्तिगत और सामाजिक उन्नति। बालाजी का मानना है कि यह स्कूल सत्य, स्वास्थ्य और धन पर केंद्रित “Win-and-help-win” सोच पर आधारित है, जहां हर व्यक्ति न केवल खुद को जीतता देखना चाहता है, बल्कि दूसरों को भी जीतते हुए देखना चाहता है।
यह विचार इतना आसान भी नहीं है जितना सुनने में लगता है। आलोचकों का कहना है कि यह आधुनिक समय का टेक्नोलॉजिकल Colonialism है। एक ऐसा प्रयोग जो अमीर और तकनीकी रूप से सक्षम लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है और जिसकी पहुंच आम नागरिक को नहीं हो सकती। कुछ लोग इसे डिजिटल एलिटिज्म का नाम देते हैं। लेकिन बालाजी इन आलोचनाओं से विचलित नहीं होते। उनका मानना है कि हर क्रांति की शुरुआत आलोचनाओं से ही होती है।
बालाजी का अगला कदम इस स्कूल को दुबई, टोक्यो और मियामी जैसे शहरों में ले जाना है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह दुनिया भर में ऐसे कैंपस बनाना चाहते हैं जहां टेक्नोलॉजिस्ट, क्रिएटर्स, रिमोट वर्कर्स, डेवलपर्स और पर्सनल ट्रेनर्स एक साथ रह सकें, काम कर सकें और एक-दूसरे से सीख सकें। उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी ने दुनिया को जोड़ा है, लेकिन अब वक्त आ गया है कि तकनीक के ज़रिए एक नई सामाजिक व्यवस्था भी बने।
उन्होंने एक रिक्रूटमेंट पोस्ट में लिखा था कि उन्हें ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो क्रिप्टो कमाना चाहते हैं, चीज़ें बनाना चाहते हैं, कैलोरी बर्न करना चाहते हैं और मज़े करना चाहते हैं। यानी यह एक ऐसी जगह है जहां पैसा, स्वास्थ्य और Creativity—तीनों को बराबर महत्व दिया जाता है। यह एक ऐसा मॉडल है जो आने वाले समय में वर्क, लाइफ और सोसाइटी की परिभाषा को पूरी तरह बदल सकता है।
बालाजी श्रीनिवासन का यह प्रयोग भले ही अभी एक द्वीप तक सीमित हो, लेकिन इसका प्रभाव वैश्विक हो सकता है। अगर यह मॉडल सफल होता है, तो आने वाले दशकों में हम ऐसी सैकड़ों डिजिटल कम्युनिटी देख सकते हैं जो अपने-अपने नियमों, अपनी सरकार और अपने डिजिटल संविधान के साथ चल रही हों। यह एक नई दुनिया होगी—जहां सीमाएँ धुंधली होंगी और सोच स्पष्ट।
The Network Nation की यह कहानी सिर्फ तकनीक की नहीं है, यह सोच की क्रांति है। यह एक ऐसे भविष्य की झलक है जहां लोग सरकारों से नहीं, विचारों से जुड़ते हैं। जहां नागरिकता खून या जमीन से नहीं, योगदान और विजन से मिलती है। और जहां राष्ट्र किसी भूमि पर नहीं, बल्कि एक साझा उद्देश्य पर खड़ा होता है।
अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो बालाजी श्रीनिवासन का नाम भविष्य में उन लोगों में लिया जाएगा जिन्होंने केवल कंपनियाँ नहीं, बल्कि नई सभ्यताएँ बनाई। और अगर यह असफल होता है, तब भी यह एक ऐसा प्रयोग रहेगा जिसने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर किया कि, क्या राष्ट्र बनने के लिए अब ज़मीन की ज़रूरत भी है या नहीं। शायद यही वह सवाल है जो बालाजी हम सबके सामने रखना चाहते हैं। और इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त ही देगा।
Conclusion

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