Site icon

Trump Tower Gurugram ने मचाया तहलका: लॉन्च के साथ ही बिके 298 फ्लैट, लग्ज़री की नई परिभाषा!

Trump Tower

कल्पना कीजिए… आप एक लक्जरी प्रॉपर्टी लॉन्च पर पहुंचे हैं, जहां एंट्री सिर्फ इन्विटेशन से है, मीडिया को दूर रखा गया है, और हर कोने पर सिक्योरिटी गार्ड्स हैं। सैकड़ों महंगे सूट पहनकर आए लोग इंतजार कर रहे हैं—किसी शादी या फिल्म प्रीमियर के लिए नहीं… बल्कि 8 से 15 करोड़ के बीच के फ्लैट खरीदने के लिए।

और जैसे ही लॉन्च शुरू होता है, महज़ कुछ घंटों में सभी 298 फ्लैट सोल्ड आउट हो जाते हैं। यह कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत है—Trump Tower Gurugram की। एक ऐसा प्रोजेक्ट, जिसने लॉन्च के पहले ही दिन 3,250 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की है। क्या ट्रंप का नाम ही काफी है, या इसके पीछे है भारत में उभरती एक नई रईसी मानसिकता की कहानी? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया उनके टैरिफ, ट्रेड वॉर और तीखे बयानों के लिए जानती है। लेकिन राष्ट्रपति बनने से पहले और उसके बाद भी ट्रंप का एक दूसरा चेहरा है—एक कद्दावर बिजनेसमैन का। ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की नींव उनके पिता ने रखी थी, लेकिन इसे ग्लोबल ब्रांड बनाने का काम ट्रंप ने खुद किया।

उनके रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स न सिर्फ अमेरिका में, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े शहरों में मौजूद हैं—न्यूयॉर्क से लेकर इस्तांबुल और अब भारत तक। भारत में उनका पहला कदम 2014 में पड़ा, और आज ट्रंप टॉवर नाम भारत के लक्जरी रेजिडेंस सेक्टर में एक स्टेटस सिंबल बन चुका है।

गुरुग्राम में जब पहला ट्रंप टॉवर प्रोजेक्ट 2018 में लॉन्च हुआ था, तब लोगों को इसकी कीमतों पर संदेह था। लेकिन जैसे-जैसे निर्माण पूरा हुआ, फ्लैट्स बिकते चले गए। अब, 2024 में जब दूसरा प्रोजेक्ट लॉन्च हुआ, तो किसी ने नहीं सोचा था कि लॉन्च के दिन ही सारे फ्लैट्स बिक जाएंगे। और वो भी इतने हाई प्राइस पॉइंट पर। इस बार कीमतें थीं 8 करोड़ से लेकर 15 करोड़ रुपये तक। वहीं पेंटहाउस की कीमत 125 करोड़ रुपये तक पहुंची—और फिर भी बिक गए! आखिर ट्रंप ब्रांड में ऐसा क्या है जो भारतीय खरीदारों को इस कदर खींच रहा है?

इस पूरी डील के पीछे हैं दो बड़े नाम—Smart world Developers और Tribeca Developers। स्मार्टवर्ल्ड ने निर्माण और कस्टमर सर्विस का जिम्मा उठाया, जबकि ट्रिबेका ट्रंप ब्रांड का आधिकारिक प्रतिनिधि है, जो डिजाइन से लेकर क्वालिटी तक का पूरा नियंत्रण रखता है। ट्रिबेका के फाउंडर कल्पेश मेहता और स्मार्टवर्ल्ड के फाउंडर पंकज बंसल ने एक साझा बयान में बताया कि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि रिस्पॉन्स इतना जबर्दस्त होगा। दोनों डेवलपर्स मानते हैं कि ये भारत में वर्ल्ड क्लास लक्जरी लिविंग की बढ़ती भूख का संकेत है।

Trump Residence Gurugram प्रोजेक्ट में दो टावर हैं, और दोनों 51-मंजिला इमारतें हैं। 298 रेजिडेंशियल यूनिट्स के इस प्रोजेक्ट की खासियत सिर्फ ऊंचाई नहीं, बल्कि हर डिटेल में रईसी की छाप है। हाई सीलिंग, प्राइवेट लिफ्ट, इटैलियन मार्बल, AI-से लैस सिक्योरिटी सिस्टम और दुनिया के बेहतरीन डिजाइन स्टैंडर्ड्स—ये सब कुछ हर फ्लैट का हिस्सा हैं। और यही वो चीज है, जो इसे साधारण रियल एस्टेट से अलग बनाती है।

गुरुग्राम का ये ट्रंप प्रोजेक्ट अकेला नहीं है। भारत में ट्रंप टावर की मौजूदगी चार और शहरों में है—मुंबई, पुणे, कोलकाता और पहला गुरुग्राम टॉवर। मुंबई के वर्ली में स्थित ट्रंप टावर 78 मंजिला है और इसे लोढ़ा ग्रुप ने विकसित किया है। यहां के फ्लैट्स की शुरुआती कीमत 10 करोड़ रुपये है और सबसे खास बात है यहां मिलने वाली प्राइवेट जेट सर्विस और ‘ट्रंप कार्ड’ जैसी एक्सक्लूसिव सुविधाएं।

पुणे में पंचशील रियल्टी के सहयोग से दो 23-मंजिला ट्रंप टावर्स बनाए गए हैं। वहां एक यूनिट की कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक है। कोलकाता में ट्रंप टॉवर 39 मंजिला है और इसे यूनिमार्क ग्रुप और आरडीबी ग्रुप ने ट्रिबेका के साथ मिलकर बनाया है। यहां फ्लैट्स की शुरुआती कीमत 3.75 करोड़ रुपये है। यानी हर शहर में ट्रंप टॉवर की पहचान अलग है, लेकिन एक चीज़ समान है—अल्ट्रा लक्जरी स्टेटस।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या केवल ट्रंप का नाम ही इन प्रोजेक्ट्स को इतना सफल बनाता है? जवाब थोड़ा जटिल है। ट्रंप ब्रांड ग्लैमर, पॉवर और एक्सक्लूसिविटी का प्रतीक बन चुका है। भारत के नवधनाढ्य वर्ग के लिए यह महज़ एक घर नहीं, बल्कि स्टेटस सिंबल है। यह उनकी सोशल पॉजिशनिंग को दिखाने का एक तरीका है। वहीं दूसरी ओर, इन प्रोजेक्ट्स में जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की फैसिलिटी मिल रही है—वो भी खरीदारों को आकर्षित करती है।

भारत का रियल एस्टेट सेक्टर बीते कुछ सालों में काफी बदला है। मिड-सेगमेंट की बजाय अब हाई-एंड, अल्ट्रा लक्जरी रेजिडेंशियल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि करोड़पति अब सिर्फ इन्वेस्टमेंट के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए ऐसे घर ढूंढ़ रहे हैं जो वाकई ‘विशेष’ हों। साथ ही, ट्रंप टावर्स में फ्लैट खरीदना अब एक ‘सोशल बैज’ जैसा हो गया है—जैसे एक रोल्स रॉयस खरीदना।

लेकिन ट्रंप ब्रांड का भारत में यह जादू ऐसे ही नहीं चला आया। इसके पीछे ट्रिबेका डेवलपर्स की एक दशक की रणनीति है। उन्होंने न सिर्फ ट्रंप के नाम को भारतीय बाजार में बेचा, बल्कि इसे भारतीय खरीदारों के स्वाद के मुताबिक ढाला भी। यही कारण है कि यहां के ट्रंप टॉवर्स अमेरिका जैसे नहीं, बल्कि इंडिया-फ्रेंडली डिजाइनों और सुविधाओं के साथ बनाए गए हैं।

अब बात करें ट्रंप ब्रांड की भविष्य की योजनाओं की। ट्रिबेका और स्मार्टवर्ल्ड के मुताबिक आने वाले सालों में और भी ट्रंप प्रोजेक्ट्स भारत में लॉन्च हो सकते हैं। और यह सिर्फ रेजिडेंशियल तक सीमित नहीं होंगे। ट्रंप होटल्स, ट्रंप ऑफिस टॉवर्स और यहां तक कि ट्रंप स्पा भी भारत के टियर-1 शहरों में नजर आ सकते हैं। इससे साफ है कि ट्रंप भारत को न सिर्फ एक बाजार की तरह, बल्कि एक ब्रांड डेस्टिनेशन के रूप में देख रहे हैं।

सवाल उठता है कि क्या यह ट्रेंड लंबे समय तक टिकेगा? क्या ट्रंप ब्रांड की चमक आने वाले वर्षों में भी बनी रहेगी? एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर डिलीवरी क्वालिटी और सर्विस लेवल इसी स्तर पर रहा, तो ट्रंप टॉवर्स भारत में लक्जरी रियल एस्टेट का पर्याय बन सकते हैं। हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि महंगाई, ब्याज दरों और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण इतनी ऊंची कीमतों पर बिक्री हमेशा नहीं हो सकती।

लेकिन इस समय जो हुआ है, वह भारतीय रियल एस्टेट इतिहास में दर्ज किया जाएगा। एक दिन में 3,250 करोड़ रुपये की बिक्री—वो भी सिर्फ 298 यूनिट्स की। यह आंकड़ा सिर्फ पैसे का नहीं, बल्कि उस सपने का है जिसे ट्रंप टॉवर ने भारतीय खरीदारों को बेचा—”लाइव द प्रेजिडेंशियल लाइफस्टाइल”।

जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, अमीरों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। और इन लोगों के लिए घर अब चार दीवारों तक सीमित नहीं रह गया है। वे चाहते हैं ऐसी जगह जहां उनकी पहचान, उनकी पसंद और उनकी रईसी—तीनों झलकें। और Trump Tower उसी चाह का जवाब बन चुका है।

आखिर में सवाल यही है कि क्या यह रियल एस्टेट का भविष्य है? या सिर्फ एक हाई-प्रोफाइल ब्रांडिंग का कमाल? इसका जवाब शायद वही लोग दे सकते हैं, जिन्होंने ट्रंप टावर गुरुग्राम में वो 298 फ्लैट एक ही दिन में खरीद लिए।

Conclusion

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love
Exit mobile version