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RBI की चेतावनी और छुपा खेल का खुलासा। Pakistan से भारत में आ रहा पैसा? 2025

RBI

ज़रा सोचिए… आधी रात का समय हो। किसी बड़े बैंक के सर्वर रूम में अचानक एक अलर्ट की घंटी बजती है। स्क्रीन पर लिखा आता है—“Suspicious Transaction Detected.” रकम बहुत बड़ी नहीं होती, लेकिन रास्ता बेहद पेचीदा। पैसा दुबई से होकर आता है, फिर सिंगापुर के किसी छोटे बैंक में घुसता है, और अंत में भारत के एक छोटे से अकाउंट में पहुँच जाता है।

देखने में यह सामान्य लेन-देन लगता है, लेकिन इसके पीछे छुपी हो सकती है बारूद की गंध—क्योंकि यही पैसा हथियार खरीदने में इस्तेमाल हो सकता है। सवाल है—क्या पाकिस्तान से भारत में पैसा पहुँच रहा है, और क्या यह हमारे लिए नई मुसीबत की दस्तक है? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

यही वजह है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश की सभी सरकारी बैंकों, प्राइवेट बैंकों और NBFCs को सख्त निर्देश दिए हैं। साफ-साफ कहा गया है कि पाकिस्तान से सीधे आने वाले ट्रांजेक्शन तो लगभग बंद हैं, लेकिन अब खतरा Indirect Transactions से है। यानी पैसा किसी तीसरे देश के जरिए घूमकर भारत में आ रहा है। RBI ने बैंकों को आगाह किया है कि ऐसे लेन-देन को High Risk माना जाए और इनकी बारीकी से जांच की जाए।

यह निर्देश अचानक नहीं आया। पृष्ठभूमि बेहद चौंकाने वाली है। मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक भयंकर सैन्य संघर्ष चला था। इसे “ऑपरेशन सिंदूर” कहा गया। पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलाबारी की कोशिश की, लेकिन भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा और अंततः अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों में सीजफायर हुआ। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान की हरकतें बंद नहीं हुईं।

भारतीय एजेंसियों ने उस संघर्ष के बाद गहन जांच शुरू की। इसी दौरान सामने आया कि कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने दूसरे देशों के जरिए भारत में पैसा भेजने की कोशिश की। यह पैसा सीधा किसी बिज़नेस या ट्रेड में नहीं लगाया गया था, बल्कि इसका इस्तेमाल ऐसे रास्तों में हो सकता था जो आतंक और हथियारों की फंडिंग से जुड़े हों।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सरकारी सूत्रों ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान से सीधे लेन-देन लगभग नामुमकिन हैं, क्योंकि हर ट्रांजेक्शन के लिए RBI की मंजूरी जरूरी होती है। लेकिन indirect रास्ते खुले हुए हैं। यही असली खतरा है। भारत की बैंकिंग प्रणाली जितनी मज़बूत है, उतनी ही Risk में भी है, अगर उसका इस्तेमाल किसी बाहरी दुश्मन के लिए “मनी लॉन्ड्रिंग” और “टेरर फंडिंग” के रास्ते के रूप में होने लगे।

यहाँ पर एक और दिलचस्प लेकिन डरावनी बात सामने आई। पाकिस्तान पहले भी वैश्विक प्रतिबंधों को तोड़ने में पकड़ा गया है। उदाहरण के लिए, Financial Action Task Force (FATF) की जून 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि, पाकिस्तान की सरकारी संस्था National Development Complex ने मिसाइल डेवलपमेंट के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं का Import किया। यानी प्रतिबंधों को चकमा देकर हथियार बनाने की कोशिश। यह वही देश है जो बार-बार कहता है कि उसके कानून मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ बेहद सख्त हैं।

पाकिस्तान बैंक एसोसिएशन के अध्यक्ष जफर मसूद ने तो बयान भी दिया कि, उनका देश बहुत सख्त है और उनके कानून आतंकवाद की फंडिंग को रोकने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की धरती पर कई आतंकी संगठन खुलेआम काम करते हैं। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क—इन सबकी फंडिंग का कुछ हिस्सा अंतरराष्ट्रीय रास्तों से ही आता है। और यही चिंता भारत के लिए सबसे बड़ी है।

आरबीआई का यह कदम केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है—कि दुश्मन अब बारूद से नहीं, बल्कि पैसों से हमला कर सकता है। आधुनिक युद्ध केवल सीमा पर नहीं लड़े जाते, बल्कि बैंकों, सर्वरों और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की स्क्रीन पर भी लड़े जाते हैं।

भारत का फाइनेंशियल इकोसिस्टम इतना बड़ा है कि रोज़ाना लाखों-करोड़ों ट्रांजेक्शन होते हैं। इनमें से असली और नकली, सुरक्षित और संदिग्ध को पहचानना किसी सूई को भूसे के ढेर में ढूँढ़ने जैसा है। लेकिन जब बात पाकिस्तान की हो, तो खतरा और बढ़ जाता है। इसीलिए RBI ने खासतौर पर पाकिस्तान से जुड़े अप्रत्यक्ष पैसों पर नज़र रखने का आदेश दिया।

सोचिए, अगर कोई छोटा सा ट्रांजेक्शन भी छूट गया, और वही पैसा जाकर किसी हथियार खरीद में लग गया, तो उसका असर कितना बड़ा हो सकता है। एक छोटी सी चूक सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ले सकती है। यही कारण है कि भारतीय जांच एजेंसियाँ और RBI इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं।

यहाँ पर हमें समझना होगा कि मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले रास्ते कौन से हैं। पहला रास्ता है हवाला। हवाला एक अनौपचारिक प्रणाली है, जिसमें पैसा बिना बैंक के, केवल एजेंटों और संपर्कों के जरिए भेजा जाता है। पाकिस्तान लंबे समय से हवाला का इस्तेमाल करता रहा है। दूसरा रास्ता है शेल कंपनियाँ। दुबई, सिंगापुर या मलेशिया में बनी नकली कंपनियों के जरिए पैसा भारत में Investment के नाम पर भेजा जा सकता है। तीसरा रास्ता है डिजिटल करेंसीज़। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल भी मनी लॉन्ड्रिंग में किया जाता है।

भारत की चिंता इसीलिए और बढ़ जाती है क्योंकि पाकिस्तान को चीन का सीधा समर्थन मिलता है। चीन बार-बार पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आता है। चाहे United Nations Security Council में हो या आर्थिक मदद के मामलों में। चीन की यह भूमिका भारत के लिए एक “टू-फ्रंट चैलेंज” खड़ी करती है। एक तरफ सीमा पर तनाव, दूसरी तरफ आर्थिक जाल।

भारत ने पहले भी इस तरह की चुनौतियों का सामना किया है। 2008 के मुंबई हमलों की जांच में सामने आया था कि आतंकियों तक पहुँचा पैसा विदेश से आया था। इसी तरह कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को भी विदेशी फंडिंग मिलती रही है। यही कारण है कि भारत लगातार FATF और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहता रहा है कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाए। हालांकि पाकिस्तान कुछ समय के लिए ग्रे लिस्ट में रहा, लेकिन हर बार चीन और कुछ अन्य देशों की मदद से बच निकलता है।

इस बार RBI का सख्त निर्देश बताता है कि भारत अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहता। RBI ने बैंकों को लिखे पत्र में साफ कहा कि पाकिस्तान से जुड़े अप्रत्यक्ष लेन-देन को “High Risk” की श्रेणी में रखा जाए। यहाँ तक कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया का भी उदाहरण दिया—कैसे UNSC ने उस पर प्रतिबंध लगाए थे और कैसे उसने उन्हें तोड़ने की कोशिश की थी। यह संदेश साफ है—पाकिस्तान भी उसी राह पर है।

अब बड़ा सवाल है—क्या पाकिस्तान की यह चाल भारत की अर्थव्यवस्था या सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है? जवाब है—हाँ, अगर इसे रोका नहीं गया तो। लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारत की एजेंसियाँ और RBI अब पहले से ज्यादा सतर्क हैं।

यह मामला केवल बैंकों का नहीं है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा था कि वैश्विक माहौल अस्थिर है, और ऐसे समय में बैंकों और कंपनियों को एकजुट होकर मजबूत Investment cycle बनाना चाहिए। इसका मतलब है कि सिर्फ पाकिस्तान से आने वाले संदिग्ध पैसों को रोकना ही नहीं, बल्कि भारत की वित्तीय प्रणाली को इतना मजबूत बनाना कि कोई दुश्मन उसका दुरुपयोग न कर सके।

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आने वाले समय में डिजिटल पेमेंट्स और क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के नए रास्ते निकलेंगे। पाकिस्तान जैसे देश हमेशा कोशिश करेंगे कि इन खामियों का फायदा उठाएँ। इसलिए भारत को न सिर्फ आज सतर्क रहना होगा, बल्कि कल की चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा।

Conclusion

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