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Old Tax System: क्यों नहीं होना चाहिए खत्म? Experts ने बताए इसके फायदे और आवश्यकता I 2025

Old Tax System

नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि भारत की टैक्स व्यवस्था में एक ऐसा बदलाव आ सकता है, जो आपकी पूरी Financial योजना को हिला सकता है? भारत सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था को अधिक सरल और आकर्षक बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं, जिसमें 7 लाख रुपये तक की Annual Income पर टैक्स exemptions दी गई है। इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या old tax system को पूरी तरह समाप्त कर देना चाहिए।

लेकिन क्या यह वाकई सही कदम होगा? old tax system केवल एक टैक्स स्ट्रक्चर नहीं है, बल्कि यह एक Financial Security कवच है, जो मध्यम वर्ग के Taxpayers को Investment करने और अपनी Income को समझदारी से प्रबंधित करने के अवसर प्रदान करती है। यदि इसे खत्म कर दिया जाता है, तो Taxpayers को मिलने वाले कई लाभ खत्म हो सकते हैं।

Experts का मानना है कि old tax system को खत्म करना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह उन Taxpayers के लिए अधिक फायदेमंद है, जो बचत और Investment को प्राथमिकता देते हैं। पुरानी व्यवस्था के माध्यम से Taxpayer न केवल अपनी Income पर टैक्स बचाते हैं, बल्कि भविष्य के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित भी रहते हैं। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं में मुख्य अंतर क्या है?

पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं के बीच सबसे बड़ा अंतर “Deductions और exemptions” का है। old tax system में Taxpayer अपनी Income पर कई प्रकार की Tax Deductions का लाभ ले सकते हैं। जैसे कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA), प्रोविडेंट फंड (PF), होम लोन के ब्याज पर exemptions, बच्चों की ट्यूशन फीस, मेडिकल इंश्योरेंस आदि।

इसके विपरीत, नई टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया गया है, जिसमें कर स्लैब को कम कर दिया गया है और Deductions व exemptions को समाप्त कर दिया गया है। नई व्यवस्था उन Taxpayers के लिए बनाई गई है, जो बिना किसी Investment या टैक्स प्लानिंग के सरल रूप से टैक्स भरना चाहते हैं।

हालांकि, जो Taxpayer अपनी Income को बचत और Investment के माध्यम से नियंत्रित करते हैं, उनके लिए पुरानी व्यवस्था कहीं अधिक लाभकारी साबित होती है। यह व्यवस्था Taxpayers को Financial Discipline में रहने के लिए प्रेरित करती है, जबकि नई व्यवस्था में Investment की प्रवृत्ति को हतोत्साहित किया गया है।

Old tax system के क्या फायदे हैं, और यह क्यों जरूरी है?

Experts का कहना है कि old tax system को बनाए रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि, यह Taxpayers को उनकी Income पर विभिन्न exemptions और Deductions का लाभ देती है। इससे न केवल टैक्स बचाया जा सकता है, बल्कि यह लोगों को Financial योजनाएं बनाने के लिए भी प्रेरित करता है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए 28 वर्षीय रोहित एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जो पुणे में काम करता है। वह हर महीने 35,000 रुपये का किराया देता है और अपनी सैलरी का एक हिस्सा प्रोविडेंट फंड (PF) और मेडिकल इंश्योरेंस में Investment करता है। old tax system के तहत, रोहित को HRA, PF, और मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स exemptions मिलती है।

वहीं, यदि वह नई टैक्स व्यवस्था को चुनता है, तो उसे ये सभी टैक्स exemptions नहीं मिलेंगी। हालांकि टैक्स स्लैब कम होने के कारण शुरू में उसे फायदा लग सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में वह बचत और Investment के अवसरों से वंचित रह जाएगा। यही वजह है कि पुरानी व्यवस्था को जारी रखना आवश्यक है।

टैक्स डिडक्शन्स और investment के अवसर क्या हैं, और इनका टैक्स बचत में क्या योगदान है?

old tax system का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह लोगों को Investment करने और Financial Security प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इस व्यवस्था के तहत, Taxpayer विभिन्न Deductions का दावा कर सकते हैं, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।

धारा 80C के तहत, Taxpayer 1.5 लाख रुपये तक की Deductions का दावा कर सकते हैं, जो EPF, PPF, ELSS, फिक्स्ड डिपॉजिट, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और बच्चों की ट्यूशन फीस जैसे Investments के लिए उपलब्ध होती है। इसके अलावा, धारा 80D के तहत, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की exemptions मिलती है। होम लोन लेने वाले Taxpayers के लिए भी पुरानी व्यवस्था बेहद फायदेमंद है। होम लोन के ब्याज भुगतान पर धारा 24 के तहत 2 लाख रुपये तक की Deductions मिलती है। इस प्रकार, पुरानी व्यवस्था Taxpayers को Investment और बचत के लिए प्रेरित करती है, जो नई व्यवस्था में नहीं है।

किन परिस्थितियों में टैक्सपेयर्स को old tax system को चुनना चाहिए?

old tax system उन Taxpayers के लिए अधिक उपयुक्त है, जो Investment करने, बचत करने और अपने Financial भविष्य को सुरक्षित रखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो पहले से होम लोन चुका रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं या विभिन्न Financial योजनाओं में Investment करते हैं।

उदाहरण के लिए, 35 वर्षीय प्रिया, जो एक टीचर हैं, हाल ही में उन्होंने होम लोन लिया है और अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन भी लिया है। old tax system के तहत प्रिया को दोनों लोन पर ब्याज में टैक्स Deductions का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी।

अगर प्रिया नई टैक्स व्यवस्था चुनती हैं, तो उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए, जिन Taxpayers के पास पहले से Investment योजनाएं हैं या वे लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल सिक्योरिटी चाहते हैं, उनके लिए old tax system ज्यादा फायदेमंद है।

नई टैक्स व्यवस्था में केवल सरलता ही पर्याप्त है, या इसमें अन्य सुधारों की भी आवश्यकता है?

नई टैक्स व्यवस्था का उद्देश्य टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान और कम जटिल बनाना था। इसमें कोई भी अतिरिक्त Deductions और exemptions नहीं दी गई है, जिससे Taxpayer को टैक्स प्लानिंग करने की आवश्यकता नहीं होती।

यह उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है, जिनकी Income सीमित है, और जो बिना किसी Investment के सिर्फ अपनी इनकम पर टैक्स भरना चाहते हैं। हालांकि, यह व्यवस्था उन लोगों के लिए नुकसानदेह हो सकती है, जो अपने Financial लक्ष्यों के लिए Investment करते हैं।

Experts का कहना है कि नई टैक्स व्यवस्था से लोगों में Investment करने की प्रवृत्ति कम हो सकती है, जिससे भविष्य में Financial सुरक्षा कमजोर हो सकती है।

Experts old tax system को बनाए रखने की वकालत क्यों कर रहे हैं?

Experts का मानना है कि old tax system को बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि यह Financial अनुशासन और बचत की आदतों को प्रोत्साहित करती है।

भारत में लोग टैक्स बचाने के लिए विभिन्न Investment विकल्पों का उपयोग करते हैं, जिससे न केवल उनकी संपत्ति बढ़ती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। अगर पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया जाता है, तो लोग टैक्स बचाने के लिए Investment करना बंद कर सकते हैं, जिससे लॉन्ग टर्म सेविंग्स और Investment की प्रवृत्ति कमजोर पड़ सकती है।

Conclusion

तो दोस्तों, पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। नई टैक्स व्यवस्था सरल और समझने में आसान है, लेकिन पुरानी व्यवस्था Financial security, savings और Investment को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रभावी है।

सरकार को चाहिए कि वह दोनों व्यवस्थाओं को जारी रखे और Taxpayers को यह स्वतंत्रता दे कि वे, अपनी Financial position और Investment के आधार पर उपयुक्त टैक्स व्यवस्था चुन सकें।

old tax system को समाप्त करना सिर्फ टैक्स सिस्टम को सरल बनाने का प्रयास होगा, लेकिन इससे मध्यम वर्गीय परिवारों की Financial Security और बचत की प्रवृत्ति को नुकसान पहुंच सकता है। बेहतर होगा कि दोनों विकल्पों को बरकरार रखा जाए, ताकि हर वर्ग के Taxpayer अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही चुनाव कर सकें।

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