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Moody’s ने माना India सुपरपावर बन रहा! युद्ध की हालत में पाकिस्तान की बर्बादी तय। 2025

India

रात का सन्नाटा था, पहलगाम की वादियों में हवाएं भी सहमी हुई थीं, लेकिन तभी एक ऐसा धमाका हुआ जिसने पूरी घाटी को दहला दिया। 22 अप्रैल 2025 को हुए इस आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की जान चली गई—बिना किसी कसूर के। चीखें गूंजीं, खून बहा और मातम पसरा। इस हमले की जिम्मेदारी ली TRF नाम के एक आतंकवादी ग्रुप ने, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हमले में शामिल आतंकियों में से तीन पाकिस्तान के नागरिक निकले।

एक बार फिर वही कहानी दोहराई गई—आतंक की जड़ें सीमा पार से आ रही हैं। और इस बार India ने ठान लिया कि अब जवाब न केवल कड़ा होगा, बल्कि ऐसा होगा जिसे पूरी दुनिया देखेगी और पाकिस्तान कभी भुला न पाएगा। लेकिन इस बार केवल India ही नहीं बोला—दुनिया भी बोलेगी। और अब बोली है अमेरिका की जानी-मानी एजेंसी Moody’s, जिसने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को साफ चेतावनी दे दी है—अगर हालात बिगड़े तो युद्ध में पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा, जबकि India की अर्थव्यवस्था पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

Moody’s की इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर India और पाकिस्तान के बीच तनाव लंबा चलता है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है। उसकी GDP नीचे गिर सकती है, देश की ग्रोथ रेट बुरी तरह प्रभावित हो सकती है, और सबसे बड़ी बात—foreign currency reserves यानी फॉरेक्स रिजर्व पूरी तरह दबाव में आ जाएगा। पाकिस्तान पहले ही अपनी देनदारियों को लेकर संघर्ष कर रहा है।

IMF और अन्य संस्थाओं से मिलने वाला कर्ज उसके लिए जीवनरेखा बना हुआ है। लेकिन Moody’s का कहना है कि अगर सीमा पर तनाव बढ़ा, तो पाकिस्तान के पास जितना फॉरेक्स रिजर्व है, वह न सिर्फ कम हो जाएगा, बल्कि उस स्तर पर आ जाएगा जहां कर्ज चुकाना असंभव होगा। ये वही पाकिस्तान है जो हर छह महीने में दिवालियेपन के कगार पर खड़ा हो जाता है। अब युद्ध की संभावना ने उसकी हालत और नाजुक बना दी है।

अब अगर नजर डालें भारत की स्थिति पर, तो तस्वीर पूरी तरह उलटी है। Moody’s रिपोर्ट में कहा गया है कि India और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंध इतने सीमित हैं कि, किसी भी तरह के तनाव का भारत की समग्र आर्थिक गतिविधियों पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। भारत के कुल Export का सिर्फ 0.5 प्रतिशत पाकिस्तान को जाता है। 2025 के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से जनवरी तक भारत ने पाकिस्तान को कुल 448 मिलियन डॉलर का माल भेजा है।

वहीं पाकिस्तान से Import की बात करें तो वो नगण्य है—सिर्फ 0.42 मिलियन डॉलर। यानी जिस देश से हमारा व्यापारिक संबंध लगभग ना के बराबर है, उसकी आर्थिक स्थिति हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती। इसलिए अगर युद्ध होता भी है, तो भारत को आर्थिक रूप से कोई बड़ा झटका लगने की संभावना नहीं है। और यही बात पाकिस्तान को सबसे ज्यादा डरा रही है।

भारत की अर्थव्यवस्था न केवल बड़ी है, बल्कि उसकी जड़ें अब इतनी गहरी हो चुकी हैं कि वह किसी भी संकट को झेल सकती है। 2024 में भारत ने 4.3 ट्रिलियन डॉलर की GDP पार कर ली है, और IMF के मुताबिक 2025 तक India जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वहीं पाकिस्तान की GDP 2024 में सिर्फ 374 बिलियन डॉलर रही। फर्क साफ है—एक ओर आर्थिक महाशक्ति बनता भारत, दूसरी ओर बिखरती हुई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था। भारत न केवल अपने नागरिकों को रोजगार और विकास दे रहा है, बल्कि वैश्विक कंपनियों और Investors का भरोसा भी जीत चुका है। वहीं पाकिस्तान के पास न कोई योजना है, न संसाधन और न ही स्थिरता।

Moody’s की रिपोर्ट यहीं नहीं रुकती। उन्होंने ये भी साफ किया है कि अगर हालात और बिगड़े, तो पाकिस्तान को IMF से मिलने वाली सहायता भी खतरे में पड़ सकती है। इसके अलावा, IMF की टीम पाकिस्तान से मिलने वाली है, जहां 1.3 बिलियन डॉलर की नई फंडिंग और 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की समीक्षा होनी है। लेकिन अगर India इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की आतंकवाद में संलिप्तता को उजागर करता है, तो IMF मजबूर हो जाएगा इस मदद पर रोक लगाने के लिए। और जब ये सहायता रुकेगी, तो पाकिस्तान की वित्तीय हालत ICU से सीधे वेंटिलेटर पर पहुंच जाएगी।

भारत इस पूरे घटनाक्रम में बेहद संयमित और रणनीतिक तरीके से आगे बढ़ रहा है। एक तरफ वह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के ज़रिए पाकिस्तान को घेर रहा है, वहीं दूसरी ओर अपनी सीमाओं की रक्षा भी कर रहा है। Moody’s का कहना है कि India को अगर युद्ध की दिशा में कदम बढ़ाना भी पड़ा, तो भी उसकी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह अतिरिक्त रक्षा खर्च का बोझ भी उठा सकती है। हां, इससे फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी रफ्तार बनाए रखेगी। यह वही ताकत है जिसकी वजह से आज पूरी दुनिया भारत को Investment और साझेदारी के लिए पहली पसंद मान रही है।

अब अगर हम दोनों देशों की साख की बात करें, तो Moody’s की क्रेडिट रेटिंग बहुत कुछ बयान कर देती है। पाकिस्तान की रेटिंग है CAA 2—यह सबसे कमजोर श्रेणी की रेटिंग मानी जाती है और डिफॉल्ट के बेहद करीब समझी जाती है। वहीं India की रेटिंग है BAA 3—जो भले ही Investment ग्रेड की न्यूनतम सीमा हो, लेकिन यह ‘स्टेबल’ यानी स्थिर श्रेणी में आती है। इसका मतलब साफ है—जहां एक तरफ पाकिस्तान Investors का भरोसा खो चुका है, वहीं India पर दुनिया को आज भी पूरा भरोसा है। और यही भरोसा भारत की सबसे बड़ी ताकत है।

Moody’s की क्रेडिट रेटिंग

Moody’s रिपोर्ट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह केवल आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण नहीं करती, बल्कि जमीनी हकीकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करती है। India की राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत पारदर्शिता और वैश्विक सहयोग की नीति ने उसे एक जिम्मेदार लोकतंत्र बना दिया है। जबकि पाकिस्तान की छवि सिर्फ एक अस्थिर और आतंक समर्थक राष्ट्र की बनी हुई है। अब ऐसे में अगर कोई देश दोनों के बीच तटस्थ भी रहना चाहे, तो भी आंकड़े उसे India की ओर झुकने पर मजबूर कर देंगे।

इस पूरी रिपोर्ट का सबसे बड़ा संदेश यही है—अब वक्त है पाकिस्तान के आत्मचिंतन का। India को डराने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब India जवाब देता है, वो भी मजबूती से, नीतिगत समझदारी से और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ। अब अगर पाकिस्तान फिर कोई हरकत करता है, तो उसका अंजाम न केवल आर्थिक बर्बादी होगा, बल्कि वैश्विक मंचों पर पूर्ण अलगाव भी हो सकता है। और Moody’s की रिपोर्ट इसी बात को दस्तावेज की तरह दुनिया के सामने रख चुकी है।

तो सवाल अब यह नहीं है कि युद्ध होगा या नहीं—सवाल यह है कि पाकिस्तान खुद को और कितना नीचे ले जाएगा? क्या वह इस चेतावनी को समझेगा? क्या वो इस बार रुक जाएगा? या फिर एक बार फिर वही गलती दोहराएगा जिसकी कीमत उसे आने वाले वर्षों तक चुकानी पड़ेगी? इतिहास गवाह है कि जब-जब पाकिस्तान ने India से टकराने की कोशिश की है, उसने खुद का नुकसान किया है। और इस बार अगर गलती दोहराई गई, तो नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं, अस्तित्व का भी होगा।

Conclusion

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