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Mehul Choksi पर कसा बेल्जियम में शिकंजा! भारत की बड़ी जीत, घोटाले के मास्टरमाइंड को मिल सकती है सज़ा I 2025

Mehul Choks

क्या आपने कभी सोचा है कि एक आदमी, जो कभी देश की सबसे बड़ी ज्वैलरी चेन का मालिक था, जिसका नाम बॉलीवुड की सबसे महंगी ऐड फिल्मों में आता था, वही एक दिन भारत छोड़कर भाग जाएगा, और फिर दुनिया भर में उसका पीछा किया जाएगा? जिस इंसान की तस्वीरें पहले कारोबारी पत्रिकाओं के कवर पर छपती थीं, आज वह दुनिया के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड के मुख्य आरोपी के रूप में सलाखों के पीछे है। हम बात कर रहे हैं Mehul Choksi की, जिसे 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में भगोड़ा घोषित किया गया था, और जिसे आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है।

ये गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हुई, जब बेल्जियम पुलिस ने 65 वर्षीय इस हीरा कारोबारी को हिरासत में लिया। मुंबई कोर्ट की ओर से 2018 और 2021 में जारी किए गए दो अरेस्ट वारंट्स के बाद यह कार्रवाई हुई। चौकसी फिलहाल बेल्जियम की जेल में है और अब उसके वकील स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जमानत की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह आदमी कौन है? और कैसे उसने भारत के बैंकिंग सिस्टम को इतनी चालाकी से चूना लगाया? आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

Mehul Choksi कोई मामूली नाम नहीं है। वह गीतांजलि ग्रुप का चेयरमैन था—एक ऐसा ग्रुप जिसके देशभर में कभी 4000 से ज्यादा ज्वैलरी स्टोर थे। उसका कारोबार न सिर्फ भारत में, बल्कि अमेरिका, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया तक फैला हुआ था। चौकसी ने अपने पिता चिनूभाई चौकसी से डायमंड का कारोबार सीखा और 1985 में कंपनी की कमान संभाली। उसके बाद उसने अपने व्यवसाय को नए आयाम दिए। ब्रांडिंग, मार्केटिंग और ग्लैमर की ताकत को समझते हुए उसने अपने ब्रांड के लिए बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों को ब्रांड एंबेसडर बनाया।

जी हां, आप में से कई लोगों ने गिली, नक्षत्र, अस्मि, माया, दिया, संगिनी जैसे ब्रांड्स के विज्ञापन टीवी और मैगज़ीन में देखे होंगे—लेकिन शायद यह नहीं जानते थे कि ये सभी Mehul Choksi के ब्रांड Gitanjali Gems के अंतर्गत आते थे। इन विज्ञापनों में बॉलीवुड की कई मशहूर एक्ट्रेसेज़ नजर आती थीं, जिनके गहनों की चमक के पीछे Mehul Choksi की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी छिपी होती थी। उसके विज्ञापन इतने भव्य होते थे कि ब्रांड को प्रीमियम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती थी।

चौकसी ने 1975 में हीरा और ज्वैलरी के क्षेत्र में प्रवेश किया था और 80 के दशक से लेकर, 2010 तक का सफर ऐसा था जिसमें उसने अपनी कंपनी को एक ग्लोबल प्लेयर बना दिया। उसने सिर्फ गहनों का डिज़ाइन और निर्माण ही नहीं किया, बल्कि एक ऐसे ब्रांड को खड़ा किया जिसे आम ग्राहक से लेकर सेलिब्रिटी तक अपनाते थे। भारत में उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि किसी त्योहार या शादी के सीजन में उसके शो-रूम्स में लंबी भीड़ लगती थी।

और यही वो मुकाम था जहां से उसकी कहानी ने एक अलग मोड़ लिया। साल 2017 में उसने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह वहां का नागरिक बनने के बाद बेल्जियम में अक्सर इलाज के नाम पर जाता था। उसकी पत्नी बेल्जियम की नागरिक हैं, और वहीं वह शरण लेने की फिराक में था। कुछ लोगों का मानना है कि नागरिकता बदलने और बेल्जियम से संबंध बनाने की पूरी रणनीति, उसी समय से बन चुकी थी जब उसे ये अंदेशा हुआ कि उसकी पोल कभी भी खुल सकती है।

आखिर ये PNB घोटाला था क्या, जिसने नीरव मोदी और Mehul Choksi जैसे दो बड़े नामों को पूरी दुनिया में बदनाम कर दिया? दरअसल, यह घोटाला मुंबई के पीएनबी ब्रेडी हाउस ब्रांच से जुड़ा हुआ है, जहां कई सालों तक बैंक के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स, और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट के ज़रिए करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। नीरव मोदी और Mehul Choksi ने इस सिस्टम को इतनी चालाकी से इस्तेमाल किया कि बैंक को अपने ही खातों का हिसाब नहीं रहा।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह घोटाला एक-दो महीने में नहीं, बल्कि कई सालों तक चलता रहा। जांचकर्ताओं का कहना है कि बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत के बिना यह मुमकिन नहीं था। और जैसे ही यह मामला सामने आया, जनवरी 2018 में Mehul Choksi देश छोड़कर भाग गया। उसने ‘इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम’ का लाभ उठाकर एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली। इस नागरिकता के दम पर वह भारत की कानूनी पकड़ से निकल गया।

लेकिन 2021 में एक और सनसनीखेज घटनाक्रम हुआ। चौकसी अचानक एंटीगुआ से गायब हो गया। कुछ समय बाद खबर आई कि वह नाव से क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था। यह खबर न केवल भारत, बल्कि कैरेबियन देशों की मीडिया में भी चर्चा का विषय बन गई। इससे तीन देशों—एंटीगुआ, डोमिनिका और क्यूबा—के बीच अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवाद पैदा हो गया। आखिरकार, उसे एंटीगुआ में ढूंढ लिया गया, लेकिन तब तक उसकी भागने की मंशा पूरी दुनिया के सामने उजागर हो चुकी थी।

इस बीच, भारतीय एजेंसियां लगातार चौकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगी रहीं। सवाल उठता है—क्या अब जबकि वह बेल्जियम में गिरफ्तार हुआ है, तो उसे भारत लाया जा सकता है? इसका जवाब थोड़ा पेचीदा है। भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है, जो कहती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर अपराध में आरोपी है और दोनों देशों में उस अपराध की सजा कम से कम एक साल है, तो उसे प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इस आधार पर देखा जाए तो चौकसी को भारत लाने की संभावना ज़रूर बनती है।

हालांकि, बेल्जियम की नागरिकता नीति और इस संधि की कुछ जटिलताएं इस प्रक्रिया को आसान नहीं बनातीं। अगर बेल्जियम चौकसी को अपना नागरिक मानता है (चाहे वह जन्म से न हो), तो वह उसे भारत को सौंपने से इनकार कर सकता है। इसके अलावा, संधि में यह भी प्रावधान है कि यदि अपराध को ‘राजनीतिक’ माना जाए या अपराध के पीछे बदले की भावना हो, तो प्रत्यर्पण रोका जा सकता है। साथ ही, अगर अपराध की समयसीमा समाप्त हो चुकी हो, तो भी यह प्रक्रिया अटक सकती है।

PNB स्कैम के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी का कहना है कि यह लड़ाई आसान नहीं होगी। उन्होंने ANI को बताया कि चौकसी यूरोप के सबसे महंगे वकील हायर करेगा, और भारत के लिए यह एक लंबी, जटिल और महंगी लड़ाई बन सकती है। ऐसे में भारतीय एजेंसियों को कानूनी दृष्टिकोण के साथ-साथ कूटनीतिक तरीके से भी बेल्जियम सरकार को भरोसे में लेना होगा। केस के दस्तावेज, सबूत, गवाह और अंतरराष्ट्रीय समर्थन को मजबूती से प्रस्तुत करना होगा ताकि कोई भी तकनीकी खामी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को बाधित न कर सके।

एक समय था जब Mehul Choksi की नेटवर्थ अरबों में थी। Gitanjali Gems स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी थी। लेकिन घोटाले के बाद कंपनी की छवि बर्बाद हो गई और उसका शेयर मूल्य ध्वस्त हो गया। कर्मचारियों की नौकरियां चली गईं, Investors का पैसा डूब गया और सबसे बड़ा नुकसान—देश के बैंकिंग सिस्टम की साख को हुआ। यह घोटाला केवल एक आर्थिक घोटाला नहीं था, यह उस विश्वास का टूटना था जो एक आम नागरिक बैंकों और Financial institutions पर करता है।

अब जब चौकसी गिरफ्तार हो चुका है, तो देश की जनता को उम्मीद है कि उसे भारत लाया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इससे पहले कि न्याय की यह प्रक्रिया पूरी हो, यह जरूरी है कि पूरा देश उस घोटाले की सच्चाई को समझे, जिससे Mehul Choksi ने अपना साम्राज्य खड़ा किया और फिर रातोंरात उसे छोड़कर भाग गया।

ये कहानी अब तक की सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक की है। एक ऐसी कहानी, जिसमें हीरे की चमक के पीछे छिपी थी धोखे की चतुराई, विदेशी पासपोर्टों के पीछे छिपी थी भागने की योजना, और कारोबारी सफलताओं के पीछे छुपे थे करोड़ों भारतीयों के खून-पसीने के पैसे। अब जब कानून का शिकंजा उस पर कसता जा रहा है, तो देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह भगोड़ा आखिरकार देश के सामने पेश होगा, या एक बार फिर किसी तकनीकी चूक का फायदा उठाकर कानून से बच निकलेगा।

Conclusion:-

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