Site icon

Gulf First Commercial Brokers का पर्दाफाश! Dubai में फर्जीवाड़े की कहानी और भारत की चौंकाने वाली कार्रवाई I 2025

Dubai

क्या आप यकीन करेंगे अगर कोई आपसे कहे कि एक चमकती-दमकती इमारत के पीछे छुपा हो सकता है एक ऐसा घोटाला, जो हजारों लोगों की ज़िंदगी उजाड़ सकता है? वो भी ऐसी जगह से, जिसे पूरी दुनिया Investors की जन्नत मानती है—Dubai! लेकिन यही जन्नत अब एक भारतीय के लिए सबसे बड़ा धोखा बन गई है।

ऐसा धोखा, जो फोन की एक कॉल से शुरू हुआ और देखते ही देखते करोड़ों की जिंदगी भर की कमाई को निगल गया। फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर एक कंपनी ने एक ऐसा जाल बुना कि पढ़े-लिखे, होशियार लोग भी उसमें उलझते चले गए… और जब तक सच्चाई का सामना हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आज हम इसी विषय पर गहराई में चर्चा करेंगे।

Dubai की चमकती बिजनेस बस्ती ‘बिजनेस बे’ की कैपिटल गोल्डन टॉवर बिल्डिंग में हर दिन चहल-पहल रहती थी। लोग आते, मीटिंग्स होतीं, और अंदर की फ्लोर पर 40 कर्मचारियों वाली कंपनी ‘गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स’ बड़ी ही शान से फॉरेक्स ट्रेडिंग में Investment करवाती थी।

लोगों को फोन कॉल्स किए जाते, जिसमें वादा होता था—”आपका पैसा दुगना, बस 3 महीने में!” वहां की चमकती लाइट्स, प्रोफेशनल वेबसाइट, और अंग्रेज़ी बोलने वाले कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव्स का पूरा इंतज़ाम था ताकि कोई शक तक ना करे।

सब कुछ इतनी सफाई से किया गया था कि यहां तक कि भारत से हजारों किलोमीटर दूर, केरल के लोगों ने भी लाखों-करोड़ों का Investment कर डाला। मोहम्मद और फैयाज पॉयल जैसे सैकड़ों परिवारों ने अपने जीवनभर की जमा-पूंजी, अपनी उम्मीदें, और बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी इन कॉल्स पर भरोसा करके सौंप दी।

मोहम्मद ने तो यहाँ तक कहा कि जब वह खुद कंपनी के ऑफिस में पहुंचे तो उन्हें ऐसा लगा मानो वे किसी भूतिया इमारत में आ गए हों—जहां बस धूल थी, टूटी कुर्सियाँ थीं और सन्नाटा था। जैसे वहां कभी कुछ था ही नहीं।

और इसी सन्नाटे ने सैकड़ों घरों की खुशियों को चुपचाप निगल लिया। जिन लोगों ने अपने रिश्तेदारों से उधार लेकर, या यहां तक कि ज़मीन बेचकर पैसे लगाए थे, अब वो दर-दर भटक रहे हैं। उन्हें यह भी समझ नहीं आ रहा कि दोष किसे दें—अपने लालच को, उस कॉल करने वाले को, या फिर उस सिस्टम को जिसने उन्हें बिना किसी चेतावनी के लुट जाने दिया?

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। एक और परत खुलती है इस फ्रॉड की, जब पता चलता है कि ‘गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स’ केवल एक मुखौटा थी। असली ट्रांजेक्शन ‘सिग्मा-वन कैपिटल’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाता था।

वेबसाइट तो शानदार थी, इंटरफेस हाई-फाई, और लॉगिन करते ही ट्रेडिंग ग्राफिक्स नज़र आते थे। Investor सोचते थे कि उनका पैसा वाकई बाज़ार में लग रहा है। लेकिन जब पुलिस जांच में पता चला कि इस कंपनी का कोई लाइसेंस ही नहीं है, और जो ऑफिस पता दिया गया वो भी फर्जी निकला, तब जाकर सबकी आंखें खुलीं।

‘सिग्मा-वन कैपिटल’ ने खुद को सेंट लूसिया जैसे दूरदराज़ के कैरेबियन देश में रजिस्टर्ड बताया, और Dubai में ‘मूसल्ला टॉवर’ में ऑफिस का दावा किया। लेकिन जब अधिकारी वहाँ पहुंचे, तो उन्हें वहाँ सिर्फ एक चाय की दुकान और कुछ खाली कमरे मिले। ना कोई बोर्ड, ना कोई नाम, ना कोई दस्तावेज़। जैसे सब कुछ बस हवा में था। और Investors का पैसा भी।

Dubai पुलिस ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पर कार्रवाई जितनी तेज़ होनी चाहिए थी, वैसी नहीं दिख रही। भारतीय Investor, खासकर केरल से जुड़े लोग, अब रोज दूतावासों, पुलिस थानों और कांसुल ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन ना तो कंपनी के मालिक का कुछ पता चल रहा है, ना ही पैसों की कोई रिकवरी हो रही है। कुछ ने तो अपने बच्चों की पढ़ाई रोक दी, तो कुछ ने आत्महत्या तक का सोच लिया।

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। Dubai में इससे पहले भी ‘Dot FX’ और ‘EVM Prime’ जैसी कंपनियों ने ऐसा ही धोखा दिया था। स्क्रिप्ट वही रहती है—कोल्ड कॉल, चमकते वादे, तेजी से मिलने वाला रिटर्न, और अंत में बस अंधेरा। फर्क बस इतना है कि हर बार नए चेहरे, नई कंपनी और नया नाम सामने आता है।

कई Investors ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें मजबूर किया गया था कि वे क्रेडिट कार्ड से पैसे ट्रांसफर करें। “यह स्कीम लिमिटेड पीरियड के लिए है,” “अगर आज नहीं लगाए तो कल आपको पछताना पड़ेगा,” ऐसी लाइनें रोज सुनाई जाती थीं। लोग भावनाओं में बह गए। कईयों ने बच्चों की शादी का पैसा, रिटायरमेंट फंड, यहां तक कि मेडिकल इमरजेंसी का बजट भी इस स्कीम में लगा दिया।

लेकिन अब जब सच्चाई सामने आई है, तो सबकुछ ध्वस्त हो चुका है। लोग अब सवाल पूछ रहे हैं—Dubai जैसे हाई सिक्योरिटी और फाइनेंशियल रेगुलेशन वाले देश में कैसे एक ऐसी कंपनी सालों तक बिना किसी लाइसेंस के चलती रही? क्या वहां की सरकार या फाइनेंशियल एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं थी? या फिर यह सब जानते हुए भी नज़रअंदाज़ किया गया?

भारतीय दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि वे पीड़ितों को हर संभव सहायता देंगे, और Dubai प्रशासन से इस मामले में तेज़ कार्रवाई की मांग की गई है। लेकिन वास्तविकता यही है कि अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

इस फ्रॉड की एक और डरावनी सच्चाई ये है कि अब भी कई लोग इस तरह की स्कीम्स का हिस्सा बने हुए हैं, क्योंकि उन्हें अभी तक पता ही नहीं चला कि उनका पैसा कहाँ गया। ‘गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स’ की वेबसाइट अब बंद है, कॉल्स बंद हैं, और सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट कर दिए गए हैं। यानी डिजिटल दुनिया में इस कंपनी के कोई निशान बाकी नहीं हैं।

अब बचे हैं तो सिर्फ वो सबक, जो हर Investor को याद रखने चाहिए। कोई भी स्कीम जो ‘गैर-हकीकत’ लगती है, वो शायद सच में हकीकत नहीं होती। फॉरेक्स ट्रेडिंग एक संवेदनशील, उतार-चढ़ाव से भरा क्षेत्र है, जिसे केवल अनुभवी और अधिकृत संस्थाएं ही संभाल सकती हैं। ऐसे में अगर कोई आपको अचानक कॉल करे और कहे कि तीन महीने में पैसा डबल होगा—तो समझिए, खतरे की घंटी बज चुकी है।

इस घटना ने ना केवल आर्थिक झटका दिया है, बल्कि विश्वास पर भी गहरा आघात किया है। भारत और विदेशों में रहने वाले लाखों भारतीय अब सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर इस मुद्दे को उठा रहे हैं। वे चाहते हैं कि भारत सरकार ऐसे मामलों को इंटरनेशनल स्तर पर गंभीरता से उठाए ताकि आगे से कोई और इसी तरह ठगा न जाए।

इस कहानी की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि ये घोटाला सिर्फ पैसों की चोरी नहीं था। यह एक भरोसे की हत्या थी। और जब भरोसा टूटता है, तो इंसान दोबारा Investment नहीं करता—वो डरता है, पीछे हटता है। और यही डर किसी भी देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को धीरे-धीरे खोखला कर सकता है।

अब वक्त आ गया है कि हर भारतीय जागरूक हो। चाहे वो Dubai में रह रहा हो या दिल्ली में, मुंबई में हो या मस्कट में—आपके पैसे की सुरक्षा आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। हर स्कीम को परखिए, हर वादे को तौलिए, और सबसे ज़रूरी बात—लाइसेंस और रेगुलेशन की जांच कीजिए।

क्योंकि एक कॉल आपकी पूरी जिंदगी बदल सकती है। और अगर वो कॉल ‘गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स’ जैसी किसी फर्जी कंपनी से हो… तो समझ लीजिए, आपके सपनों को लूटने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

Conclusion

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love
Exit mobile version