Site icon

FATF फिर करेगा कमाल: पाकिस्तान को मिलेगी काली सूची की सजा, भारत देगा ठोस सबूत! 2025

FATF

क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी देश को, आर्थिक रूप से अलग-थलग करने का सबसे मजबूत हथियार सिर्फ बम या प्रतिबंध नहीं, बल्कि एक ‘सूची’ हो सकती है? जी हां, FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ‘ग्रेस लिस्ट’ या ‘निगरानी सूची’ एक ऐसा कड़ा शिकंजा है, जिससे किसी देश की पूरी वित्तीय धारा बंद हो सकती है।

और अब भारत इसी हथियार का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ दोबारा करने की तैयारी में है। ऐसे समय में जब पाकिस्तान पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए दर-दर भटक रहा है, भारत उसे FATF की निगरानी सूची में फिर से डलवाने के लिए ठोस सबूतों के साथ अपना केस रखने जा रहा है।

FATF की अगली बैठक जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, भारत की ओर से कूटनीतिक और तकनीकी तैयारी तेज़ हो गई है। सूत्रों के अनुसार, भारत इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के Financing के पुख्ता सबूत पेश करेगा, और यह दिखाएगा कि कैसे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों से मिले कर्ज का इस्तेमाल आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण देने में कर रहा है। यह केवल एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक मोर्चा है जिसमें भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को, यह यकीन दिलाने की कोशिश करेगा कि पाकिस्तान Global security के लिए खतरा बन चुका है।

भारत का यह रुख अचानक नहीं आया। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का धैर्य टूट गया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और जांच में साफ हुआ कि हमलावरों को प्रशिक्षण और हथियार पाकिस्तान की धरती से मिले थे। यह हमला उस समय हुआ जब पाकिस्तान को IMF और अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं से राहत की उम्मीद थी। भारत ने इसे एक गंभीर संकेत माना और तय किया कि अब केवल जवाबी हमले नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सटीक और मजबूत कार्रवाई की जाएगी।

FATF एक Inter governmental organization है जो दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के Financing और सामूहिक विनाश के हथियारों की फंडिंग रोकने के लिए मानक तय करती है। 2018 में पाकिस्तान को पहली बार FATF की निगरानी सूची में डाला गया था। उस समय पाकिस्तान ने कार्ययोजना देकर वादा किया था कि वह आतंकवादियों को फंडिंग रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा। लेकिन 2022 में उसे FATF लिस्ट से बाहर निकाल दिया गया। अब भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने अपने वादों को तोड़ा और फिर से आतंकी नेटवर्क को संरक्षण देना शुरू कर दिया है।

भारत का सबसे बड़ा आरोप यह है कि पाकिस्तान को IMF और विश्व बैंक जैसे संस्थानों से मिलने वाला कर्ज, सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में खर्च किया जा रहा है। इस दावे को और भी मजबूत बनाने के लिए भारत ने सबूत जुटाए हैं कि किस तरह से आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और प्रशिक्षण मुहैया कराया जा रहा है। भारतीय एजेंसियों ने हालिया समय में कई ऐसे ट्रांजेक्शंस और गतिविधियों को ट्रैक किया है, जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से है।

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस मुद्दे को उठाया हो। IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से भी भारत इस विषय पर बातचीत कर चुका है। IMF को चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान की फंडिंग पर निगरानी रखी जाए, क्योंकि वह धनराशि गलत हाथों में जा सकती है। इसी का परिणाम यह रहा कि पाकिस्तान को जो हालिया 1 अरब डॉलर की सहायता दी गई, वह कड़ी शर्तों के साथ दी गई। IMF ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि पाकिस्तान ने ‘सभी शर्तें पूरी की हैं’, लेकिन भारत इस पर सवाल उठा रहा है कि शर्तें पूरी करने का पैमाना क्या था?

IMF की संचार निदेशक जूली कोजैक ने कहा है कि पाकिस्तान ने अपने ईएफएफ कार्यक्रम की समीक्षा के बाद शर्तें पूरी की हैं, इसलिए कर्ज दिया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि भविष्य में कोई भी शर्तों से विचलन होता है, तो आगामी फंडिंग प्रभावित हो सकती है। यह बयान भारत के पक्ष को कुछ हद तक समर्थन देता है कि IMF अभी भी सतर्क है, लेकिन भारत चाहता है कि ये सतर्कता और सख्ती और बढ़ाई जाए।

इसी के साथ भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह विश्व बैंक समेत अन्य संस्थानों में पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने का कड़ा विरोध करेगा। भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक किसी भी तरह की वित्तीय सहायता उस देश को नहीं दी जानी चाहिए। भारत का यह स्टैंड न सिर्फ उसके कूटनीतिक प्रभाव को दर्शाता है, बल्कि यह दिखाता है कि वह वैश्विक मंच पर भी अपने हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 मई को खुले तौर पर कहा कि, अगर पाकिस्तान ने आतंकियों को भेजना जारी रखा तो उसे पाई-पाई के लिए मोहताज कर देंगे। उन्होंने यह भी दो टूक कहा कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और जरूरत पड़ी तो कूटनीतिक के साथ-साथ सैन्य कदम भी उठाएगा। उनके इस बयान के बाद यह और स्पष्ट हो गया कि भारत FATF और IMF जैसे मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

दूसरी ओर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘सक्रिय साझेदार’ बना हुआ है। उन्होंने भारत के आरोपों को ‘भ्रामक और तथ्यहीन’ बताया और कहा कि भारत को संयम बरतना चाहिए। पाकिस्तान का यह रुख साफ तौर पर बचाव की मुद्रा में दिखता है, और इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत की कार्रवाईयों का असर पाकिस्तान की नीतियों और अंतरराष्ट्रीय छवि पर पड़ने लगा है।

22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद भारत ने केवल बयान नहीं दिए, बल्कि कार्रवाई भी की। 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। 10 मई को दोनों पक्षों में संघर्षविराम की सहमति बनी, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अगली बार हमला हुआ तो जवाब पहले से भी कठोर होगा।

भारत अब इस पूरे घटनाक्रम को FATF की बैठक में प्रमुख एजेंडा बनाएगा। इसके लिए भारत के पास सैटेलाइट इमेज, इंटरसेप्टेड कॉल्स, बैंक ट्रांजेक्शंस और इंटेलिजेंस इनपुट्स जैसे पुख्ता सबूत हैं, जो दिखाएंगे कि पाकिस्तान किस तरह अंतरराष्ट्रीय नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। यदि FATF पाकिस्तान को दोबारा निगरानी सूची में डालता है तो न सिर्फ उसकी आर्थिक हालत और खराब होगी, बल्कि उसे दुनिया के सामने एक बार फिर आतंक के समर्थक देश के रूप में देखा जाएगा।

कुल मिलाकर, भारत की यह रणनीति केवल एक देश को घेरने की नहीं है, बल्कि एक वैश्विक संदेश देने की है—कि आतंक का समर्थन करने वालों को अब कोई रियायत नहीं मिलेगी। FATF की अगली बैठक भारत की कूटनीतिक क्षमता, तथ्यात्मक तैयारी और वैश्विक समर्थन को परखने का मंच होगी। और अगर भारत इसमें सफल रहा, तो यह आतंक के खिलाफ उसकी सबसे बड़ी जीतों में से एक होगी।

Conclusion

अगर हमारे आर्टिकल ने आपको कुछ नया सिखाया हो, तो इसे शेयर करना न भूलें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी और लोगों तक पहुँच सके। आपके सुझाव और सवाल हमारे लिए बेहद अहम हैं, इसलिए उन्हें कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। आपकी प्रतिक्रियाएं हमें बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

GRT Business विभिन्न समाचार एजेंसियों, जनमत और सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी लेकर आपके लिए सटीक और सत्यापित कंटेंट प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। हालांकि, किसी भी त्रुटि या विवाद के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। हमारा उद्देश्य आपके ज्ञान को बढ़ाना और आपको सही तथ्यों से अवगत कराना है।

अधिक जानकारी के लिए आप हमारे GRT Business Youtube चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं। धन्यवाद!”

Spread the love
Exit mobile version